scriptगुना में पहली बार 11 अपराधियों का आत्मसमर्पण, जन्म से नहीं मजबूरी और शौक से करता है अपराध : कोष्टा | For the first time in Guna, 11 criminals surrender, commit crimes out | Patrika News

गुना में पहली बार 11 अपराधियों का आत्मसमर्पण, जन्म से नहीं मजबूरी और शौक से करता है अपराध : कोष्टा

locationगुनाPublished: Oct 28, 2021 09:10:19 pm

Submitted by:

praveen mishra

6 महीने बाद बीलाखेड़ी पहुंचे अफसर, शामिल हुए आओ लौट चलें कार्यक्रम में
लोक कल्याण शिविर में ली योजनाओं की जानकारी

गुना में पहली बार 11 अपराधियों का आत्मसमर्पण, जन्म से नहीं मजबूरी और शौक से करता है अपराध : कोष्टा

गुना में पहली बार 11 अपराधियों का आत्मसमर्पण, जन्म से नहीं मजबूरी और शौक से करता है अपराध : कोष्टा

गुना। 26 महीने बाद एक बार फिर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश कोष्टा, कलेक्टर फ्रेंक नोबल ए और पुलिस अधीक्षक राजीव कुमार मिश्रा पारदी बाहुल्य बीलाखेड़ी गांव पहुंचे। पूर्व में यहां डीजे राजेश कोष्टा, तत्कालीन कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार और तत्कालीन पुलिस अधीक्षक राहुल लोढ़ा पहुंचे थे, जहां इनके उत्थान की बात हुई थी। बुधवार को गुना पुलिस द्वारा आयोजित आओ लौट चले कार्यक्रम के तहत इनके समक्ष अलग-अलग वारदातों में शामिल रहे पारदी समुदाय से जुड़े इनामी 11 महिला-पुरुषों ने आत्मसमर्पण किया। यहां लगे लोक कल्याण शिविर में उपस्थित लोगों ने शासकीय योजनाओं के बारे में जानकारी हासिल की।यहां आत्मसमर्पण को लेकर कुछ अधिकारियों का कहना था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के समक्ष डकैतों ने आत्मसमर्पण किया था। उसके बाद यह आत्मसमर्पण हुआ है। गुना में पहली बार आत्मसमर्पण की बात भी कही।
गुना पुलिस अधीक्षक राजीव कुमार मिश्रा जब गुना मे आये थे तब आने के कुछ ही दिनों बाद उनके द्वारा आपराधिक गतिविधियों मे संलिप्त पारदी बाहुल्य ग्राम बीलाखेडी मे दबिश दी गई थी इस दौरान कई ईनामी आरोपियों एवं वारंटियों की धरपकड के साथ ही गांव से कई सारी चोरी की मोटर साईकिलें बरामद हुई थी। इस दबिश के दौरान गांव के पारदी महिला पुरुषों द्वारा पुलिस अधीक्षक से अपील की गई थी कि उनके लिये रोजगार एवं शासन की योजनाओं का लाभ मिलने लगे तो वह अपराधों को छोडकर अच्छे काम करने लगेगें। पुलिस अधीक्षक मिश्रा द्वारा ग्रामीणों की उक्त बात को गंभीरता से लिया और तभी से वह जिले मे अपराधों मे संलिप्त जनजातियों को उनकी आपराधिक गतिविधियों को त्याग कर समाज की मुख्य धारा मे शामिल करने के लिये लगातार प्रयासरत हैं। इसके लिये पुलिस अधीक्षक राजीव कुमार मिश्रा द्वारा गुना कलेक्टर फ्रेंक नोवल ए. एवं जिला सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार कोष्ठा से चर्चा कर इस दिशा में काम करने के लिये प्रेरित किया गया।
ये बोले अतिथि
निर्दोषों को पुलिस न फंसाए : कोष्टा
कार्यक्रम में उपस्थित पारदी समाज के महिला, पुरुषों को संबोधित करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री आर के कोष्टा ने कहा कि मैंने इसी प्रकार का सम्मेलन ढाई वर्ष पहले किया था। आज मैं देख रहा हूं कि काफी लोग पारदी समाज के पढ़- लिख कर आगे आए हैं। कोई भी व्यक्ति जन्म से अपराधी नहीं होता है। मजबूरी में या शौक से अपराध करता है। इससे बच्चों के भविष्य पर भी गलत असर पड़ता है। जिला विधिक सेवा के अध्यक्ष होने के नाते आप सभी से मेरा अनुरोध है कि अपराध की प्रवृत्ति छोड़कर सामाजिक जीवन जिएं। बच्चों को पढ़ा-लिखाकर सुख पूर्वक रहें। किसी भी प्रकार की समस्या हो जिला विधिक सेवा कार्यालय में आकर बताएं। मैं स्वयं अधिकारियों से पत्राचार करूंगा। उन्होंने पुलिस को भी समझाइश देते हुए कहा कि इस समाज के निर्दोष व्यक्तियों या उनके बच्चों को अपराध में संलिप्त न किया जाए। यदि कोई व्यक्ति निर्दोष है और झूठा फंस गया है तो उसे आवश्यक जांच कर प्रकरण से पृथक करने का प्रयास करें। क्योंकि एक बार व्यक्ति निर्दोष होने पर भी सजा पा जाता है तो वह अपराध की ओर उन्मुख हो जाता है। आचरण में सुधार लाएं, जिससे किसी भी संस्थान में नौकरी आदि में आपका उत्तम आचरण का प्रमाण पत्र लग सके।
पारदियों के उत्थान के लिए बनाएगे एक कमेटी : फ्रेंक
कलेक्टर फ्रेंक नोबल ए. ने अपने उद्बोधन में कहा कि मैंने जब मोटरसाइकिल पर अपने लड़के को घुमाकर घर ले गया। जब एक दिन मैंने उसे साइकिल चलाने को दी, तो वह काफी तेज साइकिल चलाने लगा। जब मैंने इसका कारण पूछा तो उसने कहा कि आप भी तो तेज चलाते हैं। उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह है कि जो हम करते हैं उसका प्रभाव हमारे बच्चों पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि आज का प्रयास निश्चित ही आपके जीवन में नई रोशनी लाएगा और यह यहीं तक सीमित नही रहेगा। इसके लिए एक सब कमेटी बनाई जाएगी। जो कि निरंतर इस दिशा में प्रयास करती रहेगी। उन्होंने कहा बच्चों को पढ़ाएं-लिखाएं। रोजगार मार्गदर्शन की व्यवस्था हम करेंगे। कलेक्टर ने कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण की अपील भी की।
अनजाने में अपराध तो उसका प्रायचित्त कर लें : शर्मा
उपस्थित जन को जन समुदाय को संबोधित करते हुए एडीजे व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव राकेश कुमार शर्मा ने कहा कि अपराध अनजाने में होता है और इसका प्रायश्चित कर लेना सबसे बड़ा काम है। इससे अपराध कम हो जाता है। कोशिश करें कि आप आपराधिक गतिविधियों से पृथक होकर अच्छे नागरिक बनें। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति से पूरा समाज बदनाम होता है। अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें और पढ़ाई-लिखाई की ओर आगे बढ़ाएं।
थामना और थमना भी नहीं हैं : मिश्रा
गुना जिले के पुलिस अधीक्षक राजीव कुमार मिश्रा ने कहा कि मुझसे पारदी समाज के पढ़े-लिखे बच्चे मिलने पहुंचे थे, उनकी बात को सुनकर मुझे लगा कि इस समाज के जो लोग अपराध से जुड़े हैं उनको समाज की मुख्य धारा से जोडऩे का प्लान बनाया, जिसको अमली जामा पहनाया जा रहा है। इस अभियान को न थमने देना है और न थामने देंगे। उन्होंंने कहा कि जिले में समाज सुधार के इस प्रकार के कार्यक्रम सतत जारी रहेंगे और इसमे अन्य आपराधिक लोगों को भी अपराधों को त्यागकर समाज की मुख्य धारा मे लाने का प्रयास किया जावेगा। इस कार्यक्रम का संचालन एसपी के स्टेनो साहू ने एवं आभार प्रभारी एएसपी वीपी तिवारी ने व्यक्त किया।
इस मौके पर मुख्य रूप से एसडीएम वीरेन्द्र सिंह बघेल,प्रभार एसडीओपी युवराज सिंह चौहान,प्रभारी सीएसपी आकाश अमलकर, प्रभारी डीएसपी हैड क्र्वाटर उमेश मिश्रा, प्रशिक्षु एसडीओपी प्रशांत शर्मा, टीआई अवनीत शर्मा, एमएम मालवीय, राकेश गुप्ता आरआई उपेन्द्र यादव, मसीह खान आदि उपस्थित थे।
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