scriptचार साल बाद 6.6 डिग्री पर पारा | Four years later, the mercury at 6.6 degrees | Patrika News

चार साल बाद 6.6 डिग्री पर पारा

locationगुनाPublished: Dec 16, 2018 08:42:00 pm

Submitted by:

brajesh tiwari

उत्तर पूर्व और उत्तर पश्चिमी हवाओं से रविवार को न्यूनतम तापमान 6.6 डिग्री सेल्सियस पर आ गया है। 16 दिसंबर को यह तापमान 4 साल बाद आया है। इसके पहले 2015 को इसी दिन 5.5 डिग्री सेल्सियस तापमान था। आने वाले तीन दिनों में तापमान लुढककर 4 डिग्री पर आ सकता है।

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उत्तर पूर्व और उत्तर पश्चिमी हवाओं से रविवार को न्यूनतम तापमान 6.6 डिग्री सेल्सियस पर आ गया है।

गुना. उत्तर पूर्व और उत्तर पश्चिमी हवाओं से रविवार को न्यूनतम तापमान 6.6 डिग्री सेल्सियस पर आ गया है। 16 दिसंबर को यह तापमान 4 साल बाद आया है। इसके पहले 2015 को इसी दिन 5.5 डिग्री सेल्सियस तापमान था। आने वाले तीन दिनों में तापमान लुढककर 4 डिग्री पर आ सकता है। उधर, कंपकंपा देने वाली सर्दी ने सभी को ठिठुरा दिया है। सुबह कोहरा और धुंध होने से रेलवे ने कई ट्रेनों को भी रद्द कर दिया है। इसमें गुना से होकर जाने वाली उज्जैनी एक्सप्रेस को भी निरस्त कर दिया है। हवा में ठंडक होने से वाहन चलाना भी मुश्किल हो गया है।

चलेगी शीतलहर
उधर, मौसम विभाग ने अगले 3 दिनों में रात का तापमान 4 डिग्री तक गिरने का पूर्वानुमान बताया है। उधर, ग्वालियर संभाग के सभी जिलों में शीतलहर का भी पूर्वानुमान है। दिन में अगर हवा चलती है तो दिन का तापमान 22 डिग्री से भी नीचे आ सकता है। इससे लोगों की मुसीबतें बढ़ सकती हैं। इस कडाके की ठंड में हॉस्टलों और अस्पतलों में सर्दी से बचने के उपाय नहीं हैं।

फसलों के लिए फायदेमंद हैं ठंड
एक हफ्ते से पड़ रही ठंड फसलों के लिए काफी फायदेमंद है। तीन दिन से दिन का पारा 22 डिग्री पर बना हुआ है। ऐसा पहली बार हुआ है, जब लगातार तीन दिन से अधिकतक पारा 22 से ऊपर नहीं गया। उधर, रात में 6 डिग्री के करीब पारा आने से गेहूं, चना और सरसों की फसल को भी काफी लाभ है। दरअसल, दिन में धूप होने से खेतों से नमी गायब हो रही थी, लेकिन पारा कम होने से फसलों को काफी लाभ मिला है। कृषि उप संचालक यूएस तोमर ने बताया, कम तापमान लाभदायक है। 2 डिग्री पर सब्जियों में पाला का खतरा रहता है।

बच्चों को नहीं बांटे गए स्वेटर
सर्दी से बचने हॉस्टलों में अब तक स्वेटर नहीं बांटे गए हैं। आदिम जाति कल्याण विभाग के 72 हॉस्टल हैं। शिक्षा विभाग के कस्तूरबा और बालिका हॉस्टल हैं, लेकिन यहां पर इस साल बच्चों को स्वेटर नहीं मिले हैं। बच्चों को रात के समय ठंड से बीमारी का खतरा बना है।

ठंड बचें बुजुर्ग और बच्चे, करें ये उपाय
बुजुर्ग और बच्चों को ठंड से बचना बचें, नहीं तो बेहद घातक है।
बीपी और दिल के मरीज, खासकर बुजुर्ग सुबह जल्दी घूमने न जाएं।
श्वांस और खांसी के मरीज भी ठंड से बचें।
ठंड में मरीज अपना बीपी चेक कराते रहें।
कमरा बंद कर अलाव न जलाएं, नहीं तो जानलेवा हो सकता है।
सर्दी से बचने कान और शरीर ढककर रखें और गर्म कपड़े पहनें।

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