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गुप्त नवरात्रि 25 से, दो दिन मनेगी बसंत पंचमी, इस दिन रहेगा शुभ कार्यों के लिए मुहुर्त

locationगुनाPublished: Jan 20, 2020 01:06:05 pm

Submitted by:

Amit Mishra

विशेष पूजा-अर्चना होगी: ग्रह नक्षत्र पंचमी 29 और 30 जनवरी को

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गुना। इस माह 25 जनवरी से गुप्त नवरात्रि शुरू हो रहे हैं। जिसमें विशेष पूजा-अर्चना शुरू होगी। इसके साथ ही माघ माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी श्रद्धाभक्ति के माहौल में धूमधाम से मनाई जाएगी। इस बार पंचमी तिथि 29 व 30 जनवरी को दो दिन पड़ रही है।

शुभ कार्यों के लिए अबूझ मुहुर्त
खासबात तो यह है कि बसंत पंचमी स्वराशि संयोग में मनेगी। इस दिन मंगल वृश्चिक में गुरु धनु में और शनि मकर राशि में रहेंगे।इस दिन शुभ कार्यों के लिए अबूझ मुहुर्त होता है।

 

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गुप्त नवरात्र 25 जनवरी से 3 फरवरी तक
पंडित दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि इस बार माघ शुक्ल के गुप्त नवरात्र 25 जनवरी से 3 फरवरी तक होंगे। इस दौरान विशेष पूजा अनुष्ठान होंगे। वर्ष में चार बार नवरात्र आते हैं। इनमें माघ शुक्ल पक्ष और आषाढ़ शुक्ल में गुप्त नवरात्रि पर्व आते है।

पूजन का विशेष महत्व
गुप्त नवरात्रि में विशेषकर तांत्रिक क्रियाएं, शक्ति साधना, महाकाल पूजन का विशेष महत्व होता है। इस दौरान देवी भगवती के साधक कड़ेे नियम के साथ जप तप व्रत और साधना करते हैं। इसमें विशेष तरह की इच्छा की पूर्ति तथा सिद्धि प्राप्त करने के लिए पूजा और अनुष्ठान किया जाता है।


29 व 30 को दो दिन रहेगी बसंत पंचमी
पंडित शर्मा के अनुसार वैवाहिक जीवन के लिए सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग का संयोग बनेगाएजो परिणय सूत्र में बंधने के लिए श्रेष्ठ है। हिन्दू पंचागों में इस बार बसंत पंचमी 29 और 30 जनवरी को मनेगी।

नक्षत्रों की चाल बसंत पंचमी को खास
पंचमी तिथि बुधवार सुबह 10.46 बजे से शुरू होगी जो गुरूवार दोपहर 1.20 बजे तक रहेगी। धर्मशास्त्रों के अनुसार बसंत पंचमी पर्व 29 जनवरी को मानना श्रेष्ठ होगा।उन्होंने बताया कि इस बार सालों बाद ग्रह और नक्षत्रों की चाल बसंत पंचमी को खास बना रही है।

तीन ग्रहों का स्वराशि योग
इस बार तीन ग्रहों का स्वराशि योग बन रहा है। इसमें मंगल वृश्चिक में गुरु धनु में और शनि मकर राशि में रहेंगे। इस दिन विवाह कार्यों के लिए अति शुभ माना गया है।


विद्या आरंभ का पर्व
बसंत पंचमी पर ज्ञान और बुद्धि की देवी मां सरस्वती के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर मां सरस्वती की पूजा की जाती है।

वहीं विद्यार्थी इस दिन किताब कॉपी और पाठ्य सामग्री की भी पूजा भी करते हैं। इसी दिन शिशुओं को पहला अक्षर लिखना सिखाया जाता है। इसे विद्या आरंभ करने के लिए शुभ माना जाता है।

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