आधे दिन कामकाज बंद
गुनाPublished: Sep 02, 2015 11:33:00 pm
ट्रेड यूनियनों के आहवान पर बुधवार को आधे दिन
काम काज प्रभावित हुआ। मुख्य रूप से बस चालकों के हड़ताल में शामिल होने से
यात्रियों को परेशानी हुई।
गुना। ट्रेड यूनियनों के आहवान पर बुधवार को आधे दिन काम काज प्रभावित हुआ। मुख्य रूप से बस चालकों के हड़ताल में शामिल होने से यात्रियों को परेशानी हुई। इस दौरान मंडी और कुछ स्कूलों में भी पढ़ाई प्रभावित हुई। हड़ताल में बैंक, बिजली, बीएसएनएल और मंडी हम्माल, पोस्टआफिस की विभिन्न यूनियनों के कर्मचारी शामिल हुए। राष्ट्रव्यापी हड़ताल के चलते बुधवार की सुबह विभिन्न टे्रड यूनियनों के कार्यकर्ता एक होकर निकले।
बस चालकों और कंडक्टरों के हड़ताल में शामिल होने के कारण सुबह बसें नहीं चलीं जिससे यात्रियों को परेशानी हुई। इसी तरह जो आटो चल रहे थे हड़तालियों ने आटो चालकों को भी बंद रखने के लिए दबाव बनाया। आटो में बैठी सवारियों को उतार दिया गया जिससे लोगों को पैदल भटकना पड़ा। बसें नहीं चलने के कारण सुबह दस बजे अशोकगर की ओर जाने वाली गाड़ी में भारी भीड़ भाड़ रही। लगभग 11बजे के बाद बसों का संचालन शुरू हुआ तो लोगों ने राहत महसूस की। जिला मुख्यालय की हड़ताल का असर तहसीलों में भी दिखाई दिया। यहां कई स्थानों पर प्रदर्शन और रैली निकाली गई।
बैंकों में कारोबार प्रभावित
आल इंडिया बैंक एम्पलाइज यूनियन एसोसिएशन के तत्वावधान में राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए। इस दौरान एक दर्जनों बैंक शाखाओं में काम काज प्रभावित हुआ। एसोसिएशन के सहायक सचिव श्रीकांत कवड़ीकर ने बताया कि जो शाखाएं बंद रहीं उससे लगभग दस करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ है। हालांकि स्टेट बैंक आफ इंडिया सहित कई बैंकों में हड़ताल का असर दिखाई नहीं दिया।
छात्रों ने बंद कराए स्कूल
डीएसओ द्वारा रैली निकाल कर स्कूल बंद कराए गए और छात्रों से भी हड़ताल का समर्थन करने की अपील की गई। सुबह स्कूल खुलते समय स्कूल के मुख्य द्वार पर पहुंच कर नारेबाजी की गई। कई स्कूलो के दरबाजे भी बंद कर दिए जिससे बच्चे स्कूल में नहीं पहुंच पाए। हालांकि निजी स्कूल विधिवत लगे, लेकिन सरकारी स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित हुई। दोपहर बाद हड़ताल ठंडी पड़ गई।
ये थीं प्रमुख मांगें
श्रम कानूनों का उल्लंघन रोका जाए और मजदूर विरोधी श्रम कानूनों में संशोधन किया जाए। इसके अलावा ठेका मजदूरी प्रथा बंद करके आउट सोर्सिग पर रोक लगाई जाए। टे्रड यूनियन नेताओं ने बताया कि समान काम समान वेतन दिया जाए। बंद के दौरान नेताओं ने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्रों का निजीकरण बंद किया जाए।
प्रदर्शनकारियों ने आटो भी नहीं चलने दिए
हड़ताल के चलते बैंक, डाकघर, बस बीएसएनएल, मंडी, पोस्ट आफिस सहित कई संस्थाओं के कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए। बीएसएनएल कर्मचारियों ने कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया। इसी दौरान विभिन्न यूनियनों ने शहर के प्रमुख मार्गो से रैनी निकाली गई। इसके बाद आमसभा कर केंद्र सरकार की श्रम विरोधी नीतियों को विरोध किया। नेताओं ने कहा कि नीजिकरण के कारण लोग रोजगार से वंचित हो रहे हैं। इन नीतियों को सरकार को बदलना चाहिए, ताकि श्रमिक हित प्रभावित न हों। इस दौरान रैली को नरेंद्र सिंह भदौरिया, लोकेश शर्मा, गिरधर शर्मा, विष्णु शर्मा, विशाल भौमरे, प्रीति पटवर्घन, जीपी गर्ग, कपिल देव यादव आदि ने संबोधित किया। संचालन श्रमिक संसद के अध्यक्ष आरके सोनी ने किया।