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Crime: महिला से अभद्रता करने वाला प्रधान आरक्षक हरीश राजपूत बर्खास्त, सीसीटीवी से पकड़ में आया झूठ

locationगुनाPublished: Jan 18, 2020 11:22:01 pm

Submitted by:

Manoj vishwakarma

मामले की जांच के बाद एसपी ने की कार्रवाई

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गुना. प्रधान आरक्षक हरीश राजपूत को एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। उस पर यह कार्रवाई पुलिस रेग्यूलेशन के पैरा 64 (11) के तहत विभागीय जांच में दोषी पाए जाने पर एसपी ने की है।
पुलिस के मुताबिक विभागीय जांच के निर्णय के अनुसार एक अगस्त 2019 को तेलघानी चौराहे गुना पर एक महिला फरियादी के साथ प्रधान आरक्षक हरीश राजपूत ने अकारण गाली गलौज एवं अभद्र व्यवहार किया था। इस मामले की कायमी कोतवाली प्रभारी अवनीत शर्मा ने की थी, जिसकी प्राथमिक जांच अजाक डीएसपी विवेक शर्मा ने की और इसकी विभागीय जांच सीएसपी संजय चतुर्वेदी कर अंतिम आहूति दी और विभागीय जांच में हरीश राजपूत को दोषी पाया। मजेदार बात ये है कि हरीश राजपूत के खिलाफ कार्रवाई करने वाले तीनों पुलिस अधिकारी एक ही बैच के हैं। विभागीय जांच रिपोर्ट के अनुसार इस जांच के दौरान हरीश राजपूत ने अपना पक्ष प्रस्तुत करते हुए बताया कि फरियादी उसे अच्छी तरह जानती है। उसने एफआईआर में आरोपियों में उसका नाम नहंीं लिखवाया। किसी भी बचाव साक्षी ने आरोप की पुष्टि नहीं की है। जांच अधिकारी ने हरीश के इस बचाव को समाधान कारक नहीं माना। अजबबाई के साथ घटित घटना के संबंध में जांच अधिकारी ने पाया कि उसने सिटी कोतवाली में आरोपी रामवीर सिंह और एक अन्य व्यक्ति के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई थी।
इस अपराध की विवेचना के दौरान सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि रामवीर सिंह के साथ मोटरसाइकिल पर हरीश राजपूत ही बैठा था। जांच अधिकारी ने बचाव साक्षियों के कथन विश्वसनीय नहीं पाए। इसके अलावा हरीश राजपूत द्वारा प्रस्तुत फरियादी के शपथ पत्र को भी अजबबाई द्वारा खुद एसपी ऑफिस पहुंच कर उसे धोखे से लेना बताने पर उसे अमान्य कर दिया।
हरीश पर कोतवाली में दर्ज है मामला

विभागीय जांच के निर्णय में लिखा है कि हरीश राजपूत आपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति है। जिसके खिलाफ कोतवाली में अपराध दर्ज है। साथ ही पारदी जाति के आपराधियों के साथ अवांछिनीय गतिविधियों में संपर्क में रहता था। यह भी पाया गया कि हरीश शाजापुर जिले में पदस्थापना के समय भी गुना में पारदियों के संपर्क में रहता था।
पिता के निधन पर मिली थी अनुकंपा नौकरी

अपने आचरण के चलते नौकरी गंवाने वाले हरीश राजपूत को पुलिस विभाग में यह नौकरी सड़क दुर्घटना में पिता के निधन के पश्चात अनुकंपा बतौर मिली थी। लेकिन अपने आचरण के चलते राजपूत ने अपनी नौकरी गंवा दी।
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