पत्रिका ग्राउंड रिपोर्ट : जिन अधिकारियों पर मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी उन्हीं के आवास और कार्यालय के आसपास कचरे के ढेर
- कॉलोनीवासी बोले, कचरा कलेक्शन वाहन मेन सड़क से ही निकल जाता है, कब तक घर में रखें कचरा
- कलेक्टर के आदेश को अधिकारी नहीं ले रहे गंभीरता से
- सुबह के समय मॉनीटरिंग के लिए अलग-अलग अधिकारियों की लगाई गई है ड्यूटी
गुना
Published: February 27, 2022 12:55:07 am
गुना. मार्च माह में स्वच्छ सर्वेक्षण की टीम शहर में सफाई व्यवस्था का जायजा लेने आएगी। लेकिन अब तक शहर की सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो सकी है। वहीं नगर पालिका व प्रशासनिक प्रयास भी औपचारिक रूप में चल रहे हैं। ऐसे में हालात देखकर नहीं लगता कि अधिकारी गुना शहर को प्रदेश के टॉप-10 शहरों में शामिल कराने को लेकर गंभीर हैं। वहीं हाल ही में प्रशासन ने बैठक कर स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत जो विभिन्न गतिविधियां आयोजित कराने की बात कही थी, वह भी धरातल पर नजर नहीं आ रही हंै।
जानकारी के मुताबिक स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत गुना शहर को साफ और सुंदर बनाने के प्रयास पिछले कई सालों से चल रहे हैं। लेकिन अभी तक नगर के कुल 37 वार्डों में से एक मात्र वार्ड भी न तो कचरा मुक्त हो सका है और न ही डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन व्यवस्था सभी वार्डों तक पहुंच सकी है। यही कारण है कि शहर के किसी भी इलाके में चले जाओ हालात पहले की तरह ही नजर आ रहे हैं। गौर करने वाली बात है कि हर साल जब भी स्वच्छता सर्वेक्षण की गतिवधियां चालू करने की बात आती है तो प्रशासन और नगर पालिका बैठकें कर नए-नए नवाचार सुझाते हैं लेकिन यह सुझाव सिर्फ बैठकों तक ही सीमित होकर रह जाते हैं। इन्हीं में से एक है प्रशासन के विभिन्न विभागों के अधिकारियों को अलग-अलग क्षेत्र में सफाई व्यवस्था की मॉनीटरिंग करने की जिम्मेदारी देना। जिसके तहत अधिकारी कुछ ही दिन अपने वार्ड में सफाई देखने गए लेकिन बाद में यह व्यवस्था भी ढर्रे पर चली गई। जिसका नतीजा है कि इन अधिकारियों के आवास से लेकर कार्यालय के आसपास कचरे के ढेर कभी भी देखे जा सकते हैं।
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इन स्थानों पर मिले कचरा
शहर में सफाई व्यवस्था के हालात देखना है तो किसी भी दूरस्थ वार्ड में जाने की जरुरत नहीं है। क्योंकि यह स्थिति शहर की पॉश कॉलोनी से लेकर व्हीआईपी कॉलोनी में मौजूद है। पत्रिका टीम को शहर के प्रमुख मार्गों से लेकर वार्ड, कॉलोनी, सरकारी कार्यालय तथा अधिकारियों के सरकारी आवासों के आसपास जो स्थिति मिली वह काफी निराश कर देने वाली थी। क्योंकि हर जगह कचरे के ढेर लगे नजर आए। इससे स्पष्ट हुआ कि नगर के प्रत्येक वार्ड से डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के दावे झूठे हैं।
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जनसंख्या और क्षेत्रफल के हिसाब से सफाईकर्मी नहीं
लगातार बैठकों के बाद भी शहर की सफाई व्यवस्था में बदलाव क्यों नहीं आ रहा है ? इसकी मूल वजह जानने के लिए पत्रिका ने अलग-अलग क्षेत्र के नागरिक व निवर्तमान पार्षदों से बात की। जिसमें सामने आया है कि नगर में कुल वार्डों की संख्या 37 है। जिनका क्षेत्रफल और जनसंख्या अलग-अलग है। वहीं भौगोलिक स्थिति भी अलग है। इस हिसाब से सफाई कर्मियों की तैनाती नहीं की गई है। वहीं दूसरा कारण सफाई व्यवस्था का नियमित रूप से सही ढंग से मॉनीटरिंग न किया जाना है।
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कागजों में सफाईकर्मी, ड्यूटी वाहन चालक की
गुना नगर के सभी 37 वार्डों में सफाई करने के लिए नपा की लिस्ट में 462 सफाई ककर्मी हैं। लेकिन इनमें से करीब 100 सफाई कर्मी ऐसे हैं जो वार्डों में सेवा न देकर अधिकारियों के बंगलों पर वर्षो से सेवाएं दे रहे हैं। यहीं से शहर की सफाई व्यवस्था का सिस्टम बिगडऩा शुरू होता है। कई सफाईकर्मी वाहनों पर चालक के रूप में पदस्थ हैं।
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बिगड़ी व्यवस्था के लिए यह भी एक कारण
नगर पालिका ने शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने के नाम पर वार्डों से डस्टबिन हटा लिए हैं। ऐसे में कॉलोनीवासियों के पास कचरा फेंकने कोई विकल्प नहीं बचा है। यही कारण है लोग खाली पड़े स्थानों पर कचरा फेंक रहे हैं। जिसे भी नपा नहीं उठवा रही है। जिससे क्षेत्र में गंदगी फैल रही है।
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यह बोले नागरिक
हमारी कॉलोनी में कचरा लेने गाड़ी कब आती है और कब चली जाती है, पता ही नहीं चलता। ऐसे में घर के अंदर कब तक कचरा रखें। मजबूरी में खाली पड़े प्लॉट में कचरा फेंकना पड़ता है।
उत्तमेश, वार्डवासी
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शहर के सभी वार्डों व प्रमुख मार्गों पर डस्टबिन रखवाए जाने चाहिए ताकि लोग कचरा सड़क पर न फेंके। वर्तमान में इसी कमी की वजह घरों के आसपास कचरा नजर आ रहा है। क्योंकि वर्तमान में जितने कचरा कलेक्शन वाहन हैं, उनसे हर गली से कचरा एकत्रित किया जाना संभव नहीं है।
राजाराम, वार्डवासी

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