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स्कूलों में नहीं पहुंच रहे शिक्षक, भवनों में दूसरे लोगों का डेरा

locationगुनाPublished: Jun 20, 2018 01:43:55 pm

Submitted by:

brajesh tiwari

-स्कूलों में नहीं सुधर रही हैं व्यवस्थाएं

खैरागढ़ के दो सरकारी स्कूलों में होगी अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई

खैरागढ़ के दो सरकारी स्कूलों में होगी अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई

गुना/झागर. बमोरी ब्लाक के प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में शिक्षक समय पर नहीं पहुंच रहे हैं। इस वजह से कुछ स्कूलों में ताला लटका मिला तो किसी स्कूल में बच्चे ही नहीं पहुंचे। बरोदिया के स्कूल में किसी दूसरे व्यक्ति का गैस सिलेंडर, चूल्हा और मीट बनाने सामग्री पड़ी मिली। उधर, चिलका गांव का स्कूल समय से पहले ही बंद हो गया। इसके अलावा कई स्कूलों में पूरे शिक्षक ही नहीं पहुंचे।

पत्रिका टीम ने मंगलवार को बमोरी क्षेत्र के कई स्कूलों में जाकर शिक्षा विभाग के नए सत्र की वास्तविकता को देखा, तो सभी जगह स्थिति चौकाने वाली मिली। इस बारे में ब्लाक शिक्षा अधिकारी राजेश गोयल का कहना है कि जिन स्कूलों में शिक्षक नहीं पहुंच रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और जितने दिन स्कूल नहीं आए, उतने दिन का वेतन भी नहीं दिया जाएगा।

स्कूल में मिला गैस सिलेंडर और मीट के अपशिष्ट
बरोदिया स्कूल में कोई व्यक्ति कब्जा किए हुए है। स्कूल के अंदर गैस चूल्हा और सिलेंडर मिला। बर्तन और कपड़े भी मिले। बमोरी क्षेत्र में सरकारी स्कूल में किसी दूसरे व्यक्ति का कब्जा होने का मामला तीसरी बार सामने आया है। इसके पहले मुहाल कालोनी और परवाह आदि गांव में इस तरह का मामला आ चुका है। इसके बाद भी कोई सख्ती नहीं की जा रही है। स्कूल भवन में ही पार्टी की जाती हैं। यह किसकी अनुमति किया जा रहा है, किसी को कोई जानकारी नहीं है।

 

तीन शिक्षक स्कूल से थे नदारद
बमोदिया स्कूल में तीन शिक्षक नदारद थे। उनके रजिस्टर में भी हस्ताक्षर नहीं थे। इसी तरह चिलका और बेरखेड़ी गांव के स्कूलों में भी पूरा स्टाफ नहीं मिला। बेरखेड़ी में स्टाफ समय पर नहीं पहुंचता है और चिलका गांव का स्कूल समय से पहले ही बंद हो गया था। स्कूलों की स्थिति देखकर लगता है कि जब शिक्षक ही समय पर नहीं पहुंचे और पूरे समय नहीं रुकेंगे तो व्यवस्थाएं कैसे सुधरेंगी। उधर, विभागीय अधिकारी भी कोई सख्ती नहीं कर रहे हैं।

चिलका गांव के स्कूल की स्थिति
चिलका गांव में प्राथमिक स्कूल है। यहं तीन लोगों का स्टाफ है। मंगलवार को यह स्कूल दोपहर २.४० से पहले ही बंद हो गया। कैमरा देखा तो एक शिक्षक दूसरे भागते हुए और स्कूल खोलने लगे। उनसे पूछा तो बताया, यहां तीन लोगों का स्टाफ है। दो लोग पहले चले गए हैं। बताया जाता है कि इस स्कूल में ५५ बच्चे दर्ज हैं। लेकिन ताला लगा होने से एक भी बच्चा स्कूल के आसपास नजर नहीं आया।

ये है बेरखेड़ी स्कूल की स्थिति
गुना-झागर रोड पर बेरखेड़ी गांव में स्कूल संचालित है। यहां पर सात लोगों का स्टाफ है। एक शिक्षक की ड्यूटी बीएलओ के कार्य में लगाई गई है। यहां अक्सर स्टाफ एक घंटा देरी से पहुंचता है। एक दिन पहले पांच शिक्षक देरी से पहुंचे थे और मंगलवार को दो शिक्षक देरी से पहुंचे। स्कूल में मध्यान्ह भोजन भी ठीक से नहीं दिया जाता है। स्कूल में १०० से ज्यादा बच्चे हैं, लेकिन ३० बच्चे ही स्कूल पहुंचे।

ये थे ग्राम बमोरिया गांव के स्कूल के हाल
-ग्राम बरोदिया में स्कूल के हालात बेहद खराब हैं।
-दोपहर करीब १२.४५ बजे यहां ३ शिक्षक अनुपस्थित मिले, ६ शिक्षकों का स्टाफ है।
-इसमें ३ ड्यूटी पर नहीं आते हैं और एक शिक्षक बीएलओ का काम कर रहा है।
-स्कूल भवन में गैस सिलेंडर और चूल्हा मिला। यहां पर मीट के अपशिष्ट भी पाए गए। यह बमोरिया कला गांव का प्राइमरी स्कूल है।
-स्कूल में बच्चों की संख्या न के बराबर रही। १० बच्चे ही स्कूल में उपस्थित थे।
-स्कूल में बच्चे नहीं आए तो एक शिक्षक सो गए। कैमरा देखा तो चौंककर उठ गए
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