जानकारी के मुताबिक शास्त्री पार्क स्थित सब्जी मंडी में 200 से अधिक सब्जी विक्रेता हैं, जो अल सुबह से लेकर रात 10 बजे तक सब्जी बेचते हैं। इन सभी दुकानदारों से नगर पालिका को प्रतिदिन 5 रुपए शुल्क वसूलती है। जिसके बदले में नपा प्रशासन द्वारा इन दुकानदारों को पेयजल, सफाई व शौचालाय की व्यवस्था उपलब्ध कराना है। लेकिन वर्तमान में यह सुविधाएं विक्रेताओं को नहीं मिल रही है। तमाम अव्यवस्थाओं के बीच दुकानदार सब्जी बेचने को मजबूर हैं।
इन असुविधाओं से परेशान सब्जी विक्रेता
मंडी में टीनशेड व चबूतरे बने होने के बाद भी बैठक व्यवस्था ठीक नहीं है। आवारा जानवरों का मंडी में प्रवेश रोकने के कोई इंतजाम नहीं किए हैं। जहां टीनशेड व चबूतरे बनाए गए हैं वहां लाइट की व्यवस्था नहीं है। शाम होते ही अंधेरा छा जाता है। वहीं सब्जी विक्रेताओं के बीच अंडों के ठेले लगने व उनके द्वारा फेंके गए कचरे से अन्य दुकानदारों को परेशानी आती है।
एक सैकड़ा से अधिक दुकानदारों के लिए शौचालय तक नहीं
नगर पालिका व प्रशासन स्वच्छता सर्वेक्षण अंतर्गत मिशन-10 में शामिल होने के लिए तमाम व्यवस्थाओं पर लाखों रुपए खर्च कर रहा है लेकिन जहां सबसे ज्यादा जरुरत है वहां आज भी सुविधाओं का अभाव है। स्थिति यह है कि सब्जी मंडी में प्रतिदिन एक सैकड़ा से अधिक महिला व पुरुष दुकानदार रात 10 बजे तक सब्जी बेचते हैं लेकिन उन्हें एक अदद सुलभ शौचालय तक उपलब्ध नहीं कराया गया है। ऐसे में पुरुष दुकानदार तो मंडी परिसर के एक कोने में चले जाते हैं लेकिन मुश्किल का सामना महिला दुकानदारों को करना पड़ता है।
बिना डस्टबिन के कचरा कहां फेंके
सभी सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि पूरे परिसर में कहीं भी नपा ने डस्टबिन नहीं रखवाया है। ऐसे में यदि दुकानदार स्वयं भी डस्टबिन रख ले तो फिर बाद में उस कचरे को कहां डाले। परिसर में गंदगी न फैलेंं, सफाई व्यवस्था बनी रहे इसके लिए जरूरी है कि परिसर में जगह जगह डस्टबिन रखवाए जाएं।
सब्जी विक्रेताओं की परेशानी उनकी जुबानी
मैं मंडी में पिछले 26 साल से सब्जी बेच रहा हूं। नपा ने टीनशेड तो लगवा दिए लेकिन लाइट की व्यवस्था नहीं की। इसलिए ज्यादातर दुकानदार चबूतरे पर नहीं बैठते हैं।
बलराम लोधा, सब्जी विक्रेता
नपा के अधिकारी सभी दुकानदारों से 5 रुपए हर दिन के लेते हैं लेकिन न तो सफाई ठीक से होती है और न हीं महिलाओं के लिए टॉयलेट जाने कोई व्यवस्था है।
सीमा कुशवाह, सब्जी विक्रेता
मंडी में सबसे ज्यादा परेशानी गंदगी व टॉयलेट की व्यवस्था न होने से है। जिस जगह टीनशेड व चबूतरे बनवाए हैं वहां लाइट नहीं है इसलिए दुकानदार वहां नहीं बैठते।
कमला बाई, सब्जी विक्रेता