scriptजल निकासी को लेकर समय रहते नहीं उठाया कदम तो एक बार फिर बनेंगे बाढ़ के हालात | If steps are not taken in time regarding drainage, then the situation | Patrika News

जल निकासी को लेकर समय रहते नहीं उठाया कदम तो एक बार फिर बनेंगे बाढ़ के हालात

locationगुनाPublished: May 23, 2022 01:40:07 am

Submitted by:

Narendra Kushwah

पत्रिका बिग इश्यू : खुली नालियों में जमा हो रहा कचरा, चौक नालियां बनी मुसीबतनियमित सफाई न होने से चौक नालियों से मार्ग में भर रहा गंदा पानी, बन रहीं पड़ौसियों में झगड़े की वजहकाफी ज्यादा चौड़ी नालियां वाहन चालकों को दे रही जिंदगी भर का दर्द

जल निकासी को लेकर समय रहते नहीं उठाया कदम तो एक बार फिर बनेंगे बाढ़ के हालात

जल निकासी को लेकर समय रहते नहीं उठाया कदम तो एक बार फिर बनेंगे बाढ़ के हालात

गुना. शहरवासियों के लिए जल निकासी पिछले लंबे समय से बड़ी समस्या बनी हुई है। जिसके कारण न सिर्फ स्थानीय नागरिक बल्कि नगर पालिका भी परेशान है। एक तरफ जहां जल निकासी के लिए नालियां न होने से घरों से निकला गंदा पानी आसपास जमा हो रहा है। वहीं दूसरी ओर नपा सफाईकर्मी वार्ड में ठीक तरह से सफाई भी नहीं कर पाते। नतीजतन शहर के प्रत्येक वार्ड में गंदगी फैल रही है। जिससे मच्छर पनप रहे हैं। यह स्थिति बारिश के समय में और ज्यादा गंभीर हो जाती है और मलेरिया और डेंगू फैलाने का कारण बनती है। नालियों से उपजी समस्याएं यहीं तक सीमित नहीं हैं। शहर की कई कॉलोनियों नालियां बहुत पुरानी होकर काफी चौड़ी व जर्जर हो गई हैं। जो वाहन चालकों के लिए जिंदगी भर का दर्द देने का काम कर रही हैं। इस तरह से नालियों का यह मुद्दा शहरवासियों के लिए अहम है। लेकिन इस समस्या को दूर करने के लिए प्रशासन गंभीर नजर नहीं आ रहा है।
आगामी समय में जल्द ही नगरीय निकाय चुनाव होने वाले हैं। जिसमें कौन से मुद्दे ऐसे हैं जो शहरवासियों के लिए सबसे ज्यादा जरूरी हैं।, यह जानने के लिए पत्रिका ने शहर के अलग-अलग वार्ड में जाकर नागरिकों से बात की। जिसमें नालियों की समस्या सभी वार्डों में कॉमन नजर आई। जिससे लगभग हर घर पीड़ित नजर आया। नालियों की यह समस्या शहर के सभी 37 वार्डों की प्रत्येक कॉलोनी में देखने को मिली। कई जगह ऐसे हालात मिले जहां नाली तो हैं लेकिन जल निकासी के लिए आगे रास्ता नहीं है। इस वजह से एक ही जगह पानी पानी एकत्रित हो रहा है। जो इतनी ज्यादा बदबू मार रहा है कि घर के बाहर बैठना तो क्या एक मिनट के लिए $खड़ा होना भी मुश्किल हो गया है।

कहां क्या मिले हालात
विवेक कॉलोनी : गुना-अशोकनगर रोड के एक तरफ यह कॉलोनी बसी है। यहां रहने वाले लोगों अधिकांश लोगों ने अपने घर से निकलने वाले पानी की निकासी के लिए नालियां तो बनवाई हैं लेकिन आगे जाकर यह पानी कहां जाएगा इसकी व्यवस्था नपा ने नहीं की है। इस वजह से यह पानी ढलान के अनुसार खाली पड़े प्लाटों में जमा हो रहा है। इनके आसपास रहने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह स्थिति विवाद का कारण भी बन रही है।

पटेल नगर : कैंट थाना भवन के सामने वाला इलाका पटेल नगर कहलाता है। जिसके बीच गुजरी गुनिया नदी ने इसे दो भागों में बांट दिया है। इस पूरे इलाके में जल निकासी के कोई इंतजाम नहीं हैं। गुनिया नदी के दोनों तरफ रहने वाले लोगों की नालियों का पानी इसी नदी में जा रहा है। जिससे यह नदी गंदे नाले का रूप ले चुकी है।

घोसीपुरा : रेलवे स्टेशन और बिजली कंपनी के कार्यालय से लगा हुआ इलाका घोसीपुरा कहलाता है। इस बस्ती से होकर न सिर्फ गुनिया नदी निकली है बल्कि कई नाले भी हैं। जिस वजह से इस कॉलोनी में गंदगी ज्यादा व्याप्त है। बारिश के समय में यह इलाका सबसे पहले बाढ़ की चपेट में आता है। क्योंकि पानी की निकासी के सही इंतजाम नहीं हैं। मस्जिद मार्ग में टेंट हाउस के सामने नाली क्षतिग्रस्त हो गई है। जिससे आम रास्ते में गंदा पानी जमा हो रहा है।

शिवाजी नगर, कर्नेलगंज : यह इलाका वार्ड 5 और 6 में आता है। कॉलोनीवासियों ने बताया नालियों का पानी जिस नाले में मिलता था वह काफी समय से चौक है। इसकी सफाई करने के लिए निवर्तनमान पार्षद कई बार नपा अधिकारियों को लिखकर भी दे चुके हैं लेकिन अभी तक नाला सफाई के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए हैं।

खुली और चौड़ी नालियां दे रही जिंदगी भर का दर्द
नाली निर्माण में लगातार लापरवाही बरती जा रही है। जो पुरानी नालियां हैं वह क्षतिग्रस्त होकर काफी ज्यादा चौड़ी और गहरी हो गई हैं। जब यहां से वाहन चालक गुजरते हंै तो न सिर्फ उनके वाहनों में टूट फूट होती है बल्कि उनके कमर में गंभीर चोट भी लग जाती है। जो उन्हें जिंदगी भर का दर्द दे रही है। इन कॉलोनी में आने वाले दूधियों ने बताया कि उनका काम ही अलग-अलग कॉलोनी में जाकर घर-घर दूध बांटना है। इसलिए उन्हें इन चौड़ी और गहरी नालियों से होकर ही जाना पड़ता है। कई बार तो दूध तक फैल जाता है। स्पीड से गाड़ी निकालो तो कमर मे ंचोट लग जाती है। ऐसे नालियों पर जाली रखी जानी चाहिए ताकि वाहन चालक दुर्घटना से बच सकें। इसी तरह पिपरौदा मार्ग पर भी खुली और बेहद चौड़ी नाली कई गांव तक जाने वाले मार्ग में बड़ी बाधा बन रही है। खासकर गर्भवती महिलाओं को ऑटो से ले जाने में बहुत ज्यादा दिक्कत आती है। स्थानीय लोगों ने बताया कि कई बार ऑटो पलट भी चुकी हैं।

तो कई इलाके बाढ़ की चपेट में आए जाएंगे
पिछले 5 सालों में जल निकासी के लिए प्रशासन ने कोई कारगर कदम नहीं उठाया है। अधिकतर नाले चौक हो गए हैं। इसी वजह से कई कॉलोनियों में नालियों का बहाव रुक गया है। आम रास्ते में गंदा पानी जमा हो रहा है। बारिश में यह अनदेखी बाढ़ का रूप ले सकती है। तत्कालीन नपाध्यक्ष के समय जल निकासी के लिए जो रोड मैप बनाया गया था, उस पर प्रशासन ने कोई अमल नहीं किया, इसी वजह से आज हालात बिगड़ते जा रहे हैं। नालियों की समस्या को लेकर सीएम हेल्प लाइन तक में शिकायत करनी पड़ रही है।
सरिता गणेश ग्वाल, निवर्तमान पार्षद वार्ड 6
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