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वन विभाग को जमीन सौंपी तो किसान जेसीबी के आगे लेटे

locationगुनाPublished: Oct 31, 2021 12:54:57 pm

Submitted by:

Narendra Kushwah

-राजस्व और पुलिस विभाग के अधिकारियों को करना पड़ी मशक्कत

वन विभाग को जमीन सौंपी तो किसान जेसीबी के आगे लेटे

वन विभाग को जमीन सौंपी तो किसान जेसीबी के आगे लेटे

गुना। जिले की चांचौड़ा विधानसभा क्षेत्र के सोनाहेड़ा गांव में उस समय हंगामा हो गया जब राजस्व विभाग ने वन विभाग को जमीन सौंपने की कार्रवाई की। इस कार्रवाई के दौरान गांव के कुछ लोग जेसीबी के सामने लेट गए। इसको लेकर राजस्व और पुलिस विभाग के अधिकारियों को काफी मशक्कत करना पड़ी।उनका कहना है कि इस भूमि पर वह खेती कर रहे हैं, यह जमीन वन विभाग को न दी जाए। प्रशासन ने बमुश्किल जमीन में गड्डे कराए। इसके बाद जमीन को वन विभाग को प्लांटेशन के लिए सौंप दिया गया। वन विभाग की जमीन डैम के डूब क्षेत्र में आ गई थी, जिसके एवज में शासन ने उतनी ही जमीन वन विभाग को देने के निर्देश दिए थे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार विदिशा जिले में संजय सागर बांध बनाया गया था। वन विभाग की 13 हेक्टेयर जमीन इस डैम में चली गई थी। तभी से वन विभाग को इतनी जी जमीन प्लांटेशन करने के लिए दूसरी जगह दिए जाने की प्रक्रिया चल रही थी। कुछ समय पूर्व ही वन विभाग को गुना जिले के चांचौड़ा में 13 हेक्टेयर जमीन आवंटित कर दी गई। इस जमीन पर कई वर्षों से कुछ ग्रामीणों का कब्जा था। वे यहीं पर खेती कर रहे थे। कुछ समय पहले प्रशासन ने ग्रामीणों को नोटिस जारी कर जमीन खाली करने के लिए नोटिस भी जारी किए गए थे।
बताया गया कि शनिवार को प्रशासन जमीन को खाली कराने पहुंचा। जमीन वन विभाग को सौंपी जानी थी। इस दौरान ग्रामीण भी पहुंच गए। टीम ने जैसे ही जेसीबी से खोदने शुरू किए, ग्रामीण जेसीबी के आगे लेट गए। उनका कहना था कि वह यहां 40 वर्षों से खेती कर रहे हैं। उनका जीवन यापन इसी से चल रहा है। अगर यह जमीन चली गई तो वे क्या खाएंगे और कैसे रहेंगे। किसानों ने काफी देर तक जेसीबी के सामने लेटकर प्रदर्शन कर नारेबाजी की। पुलिस ने जैसे-तैसे उन्हें हटाया। इसके बाद पूरी जमीन पर गड्डे किए गए।
किसानों के पट्टे का भी निपटाया विवाद
चांचौड़ा एसडीएम वंदना राजपूत ने बताया कि सानहेड़ा गांव में लगभग 13.5 हेक्टेयर जमीन वन विभाग को राजस्व विभाग द्वारा दी जानी थी। जमीन का आवंटन भी वन विभाग को हो चुका था। लेकिन यहां जमीन की सीमा को लेकर कुछ विवाद था। इसके लिए राजस्व दल का गठन किया गया। पटवारी ने जमीन का सीमांकन किया। किसानों के पट्टे का जो विवाद था, उसका भी मौके पर निराकरण किया गया।राजस्व और वन विभाग के अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे। सीमांकन करके जमीन पर सीमा चिन्ह लगाकर कब्जा वन विभाग को सौंपा गया। किसानों के पट्टे का जो विवाद था, उसका भी मौके पर निराकरण किया गया।

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