गुना का गौरव : कुंडलपुर में आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज ने दी गुना में पले-बढ़े दो भैयाजियों को क्षुल्लक दीक्षा
गुना में पले-बढ़े सुमित भैया सीए तो अविचल भैयाजी हैं एमकॉम
गुना
Published: February 21, 2022 01:48:11 am
गुना। धर्म और अध्यात्म की दुनिया में एक बार फिर गुना का गौरव बढ़ा है। जैन दिगंबर परंपरा में शहर के दो युवाओं ने जैनेश्वरी क्षुल्लक दीक्षा लेकर मोक्ष मार्ग पर चलने का संकल्प लिया है। रविवार को दमोह जिले में स्थित कुंडलपुर तीर्थ पर आचार्यश्री विद्यसागरजी महाराज के सानिध्य में चल रहे सदी का सबसे बड़ा पंचकल्याणक महामहोत्सव में दोनों ब्रह्मचारी भैयाजियों को क्षुल्लक दीक्षा दी। दीक्षा के पूर्व दीक्षार्थियों की बिनौली, बारात आदि के कार्यक्रम हुए। इस दौरान देशभर के करीब डेढ़ दर्जन दीक्षार्थियों ने आचार्यश्री और उपस्थित हजारों की संख्या में जनसमुदाय के समक्ष सामूहिक क्षमा मांगी और अन्यों को क्षमा किया। दीक्षा के बाद अविचल भैयाजी का नामाकरण क्षुल्लक विचारसागरजी महाराज एवं सुमित भैयाजी का नाम क्षुल्लक मंथनसागरजी महाराज हुआ।
उल्लेखनीय है कि दीक्षार्थी अविचल जैन को शहर में चंचल भैयाजी के नाम से जाना था। 31 जुलाई 1978 को जन्में अविचल भैया ने प्रारंभिक शिक्षा से लेकर एमकॉम तक पढ़ाई गुना में की। उनके पिता राजेन्द्र कुमार जैन गल्ला व्यापारी एवं माता सरोज जैन गृहिणी है। वह लंबे समय से आचार्यश्री से ब्रह्मचारी व्रत लेकर संयम, त्याग और तपस्या के पथ पर अग्रसर थे। वहीं गुना में जन्में ब्रह्मचारी सुमित जैन सीए हैं। इनकी भी प्रारंभिक शिक्षा गुना में हुई। इनके पिता सुरेश चंद जैन एवं माता स्नेहलता जैन हैं। इनका जन्म 10 जनवरी 1990 का है।
कार्यक्रम के दौरान सभी दीक्षार्थियों ने आचार्यश्री को श्रीफल भेंट कर दीक्षा के लिए आशीर्वाद लिया। इसके बाद सभी ने आचार्यश्री से दीक्षा की भावना प्रकट की। आचार्यश्री की आज्ञा मिलते ही सभी दीक्षार्थियों ने अपने शरीर से छोती-पंचा निकाल कर फेंक दिए। अब उनके शरीर पर मात्र दो वस्त्र लंगोटी एवं गमचा रहेगा। इस दौरान आचार्यश्री के निर्देशन में निर्यापक मुनिसंघ द्वारा दीक्षार्थियों की मांगलिक क्रियाएं की। तत्पश्चात आचार्यश्री ने बार-बारी से सभी दीक्षार्थियों का क्षुल्लक नामकरण किया। इस मौके पर सभी दीक्षार्थियों को कमंड, भोजन पात्र एवं शास्त्र भेंट किए गए। कार्यक्रम में गुना, अशोकनगर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु दीक्षा समारोह में शामिल होने पहुंचे।

गुना का गौरव : कुंडलपुर में आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज ने दी गुना में पले-बढ़े दो भैयाजियों को क्षुल्लक दीक्षा
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