पहले प्राकृति और अब बिजली कंपनी जीना कर रही दूभर, अन्नदाता बेहाल
गुनाPublished: Nov 01, 2016 11:33:00 pm
बार-बार हो रहे हैं लाइनों में फाल्ट, कंपनी के अधिकारी नहीं करते सुनवाई, खेती किसानी में किसानों आ रही परेशानी
गुना. अच्छी बारिश और अनुकूल मौमस के चलते किसानों ने जल्दी से बौनी शुरु कर दी है लेकिन बिजली की आंख मिचौली से किसान परेशान है। इस बार कृषि विभाग ने लगभग दो लाख 29 हजार हैक्टेयर में रबी फसल का लक्ष्य रखा है। हाल में चना का भाव बढऩे से चना कर रकबा भी 85 हजार हैक्टेयर के लक्ष्य से अधिक होने की संभावना बताई जा रही है।
त्योहार से निबटने के बाद किसान बोवनी शुरु करने की तैयारी में है। लेकिन बिजली नहीं मिलने से किसानों की समस्या बढ़ रही है। म्याना क्षेत्र के तीन दर्जन से अधिक गांवों में बिजली कटी पड़ी है जिन गांवों में बिजली आ रही है वहां पर लगातार नहीं मिल पा रही है। किसानों ने बताया कि जब तक लगातार कम से कम चार घंटे बिजली नहीं मिलेगी पलेवा करना मुश्किल होगा। बिजली घंटे दो घंटे आती है इसके बाद गुल हो जाती है।
जिससे पलेवा नहीं कर पा रहे है। इस संबंध किसान बिजली कंपनी के अधिकारियों से बात करते है तो कभी मेेंटीनेंस के नाम पर बिजली कटौती करना बताया जाता है तो कभी फाल्ट होनेे की बात कही जाती है। म्याना क्षेत्र के किसान रणवीर ङ्क्षसह, विजय कुशवाह ने बताया कि कम से कम चार घंटे बिजली मिलना चाहिए, लेकिन चार घंटे बिजली नहीं मिल रही है। इसकी शिकायत करने पर अधिकारी भी उनकी सुनवाई नहीं करते हैं।
शुरू हो गया बोवनी का काम
जिले में रबी फसल बौनी का काम शुरु हो गया है, अब तक लगभग दस फीसदी बोवनी हो गई है। दीवाली का त्योहार निवटने के बाद बौनी का काम तेज होगा। उपसंचालक कृषि यूएस तोमर ने बताया कि इस बार जिले में 1लाख 30 हजार हेक्टेयर में गेंहू का लक्ष्य रखा है। जबकि 85 हजार हेक्टेयर में चना का लक्ष्य है। इसी तरह सरसों का दस हजार हैक्टेयर का लक्ष्य है। बताया जाता है कि पिछले की साल चना का लक्ष्य पूरा नहीं हो सका था। 85 हजार हैक्टेयर के विरुद्व 70 हजार हैक्टयर में बौनी हुई थी। कृषि विभाग का अनुमान है कि इस बार लक्ष्य से अधिक रकवा में चना की बोनी हो सकती है। इसी तरह गेंहू का रकबा भी बढ़ सकता है तो धनिया का कम हो सकता है।
बमौरी क्षेत्र में जोड़ी बिजली
दीवाली के बाद बमौरी के ग्रामीण अंचल में जिन गांवों में बिजली कटी पड़ी थी उसे जोड़ दिया गया है। इसके बाद किसानों को चक्र में चार चार घंटे लगातार बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। लेकिन बिजली सप्लाई की स्थिति पूरे जिले में एक सी नहीं है। कहीं पर कटौती चल रही है तो कहीं पर चक्र में बिजली दी जा रही है।