scriptपहले बजट के अभाव में, अब लॉक डाउन में फंसा शिक्षकों का वेतन | In the absence of the first budget, salary now stuck in lock down | Patrika News

पहले बजट के अभाव में, अब लॉक डाउन में फंसा शिक्षकों का वेतन

locationगुनाPublished: Mar 28, 2020 09:03:01 pm

Submitted by:

Narendra Kushwah

शिक्षा विभाग के एकाउंटेंट भिंड के गोहद में फंसेप्रशासन ने दिए थे अधिकारी-कर्मचारियों को मुख्यालय न छोडऩे के आदेश500 से अधिक शिक्षकों को अब भी नहीं मिला फरवरी माह का वेतन

पहले बजट के अभाव में, अब लॉक डाउन में फंसा शिक्षकों का वेतन

पहले बजट के अभाव में, अब लॉक डाउन में फंसा शिक्षकों का वेतन

गुना. लॉक डाउन के दौरान गरीब व मध्यम वर्गीय परिवार के साथ-साथ सरकारी शिक्षकों को भी आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि गुना जिले के सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में पदस्थ करीब 500 से अधिक शिक्षकों को अब तक फरवरी माह का वेतन तक नहीं मिल सका है। जिसके कारण उन्हें घर के खर्चे चलाने में बहुत परेशानी आ रही है। यहां बता दें कि शिक्षकों की यह परेशानी इसलिए और ज्यादा गंभीर हो गई है क्योंकि वेतन बनाने वाले विभाग के एकाउंटेंट लॉक डाउन के चलते भिंड के गोहद में फंसे हुए हैं। चूंकि यह 21 दिन का लॉक डाउन है। इस दौरान एक जिले से दूसरे जिले में वाहनों की आवाजाही भी बंद हो चुकी है।
जानकारी के मुताबिक जिले के सरकारी प्राथमिक, माध्यमिक व हायर सेकेेंडरी स्कूलों में पदस्थ करीब एक हजार से अधिक शिक्षकों को फरवरी माह का वेतन होली का त्यौहार निकल जाने के बाद भी नहीं मिला था। तत्समय वेतन न मिलने का कारण जिला शिक्षा अधिकारी ने सरकार द्वारा बजट उपलब्ध न करवाने की बात कही थी। इसके कुछ दिन बाद बजट आ गया। जिससे मिडिल व हायर सेकेंडरी स्कूल में पदस्थ करीब 500 शिक्षकों का वेतन तो डाल दिया गया लेकिन प्राथमिक विद्यालयों में पदस्थ 500 शिक्षकों का वेतन नहीं डल सका। बताया गया है कि वेतन बनाने वाले शिक्षा विभाग के एकाउंटेंट शासन के आदेश के विरुद्ध मुख्यालय छोड़कर भिंड के ग्राम गोहद चले गए। इसी बीच प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस से बचाव को लेकर 21 दिन के लॉक डाउन की घोषणा कर दी। जिससे वह भिंड में ही फंसकर रह गए। इधर लॉक डाउन की स्थिति झेल रहे शिक्षक वेतन न मिलने आर्थिक तंगी का सामना करने को विवश हैं।
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