एएसपी टीएस बघेल ने बताया कि 26 मार्च को कुंभराज थाने के तहत छबड़ा रोड पर स्थित पैट्रोल पंप के मालिक देवकी नंदन कांसल निवासी कुंभराज के साथ धोखाधड़ी हुई थी। आरोपियों ने एनईएफटी के माध्यम से 60 हजार रुपए की राशि अपने खाते में ट्रांसफर करवा ली थी। जिसका मैसेज भी आरोपियों ने फरियादी के मोबाइल पर भेजा था। तफ्तीश के बाद आरोपियों की लोकेशन राजस्थान के जिला जयपुर में मिली।
जिसके बाद पुलिस की टीम ने जगतपुरा में दबिश दी और आरोपी जगमोहन पुत्र रमेश निवासी रायसेना थाना गणमुरा जिला करोली एवं पिंटूराम पुत्र कलुआ राम मीना निवासी रायसेना को गिरफ्तार कर लिया।
माइक टू बनकर लगाया था फोन
इस धोखाधड़ी का अंदाज भी नया था, जिसमें आरोपियों ने पुलिस को शामिल किया। एक एचसीएम को फोन लगाकर बोला कि मैं माइक टू बोल रहा हूं, तुम्हारे यहां सबसे नजदीक पैट्रोल पंप कौन सा है। वहां जाकर मेरी बात करवाओ। पैट्रोल पंप मालिक से बात करते हुए बच्चों की फीस जमा करने के नाम पर 60 हजार रुपए की राशि ट्रांसफर करवा ली।
बिना इस बात की जांच किए कि जिस नंबर से फोन आया है, वह किसका है और उस पर कौन बात कर रहा है। धोखाधड़ी का पता चलते ही फरियादी ने मामला दर्ज करवाया और पुलिस भी आरोपियों की तलाश में तल्लीनता से जुट गई।
एक ने किया है पॉलीटेक्निक का डिप्लोमा
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से एक जगमोहन ने पॉलीटेक्निक का डिप्लोमा किया हुआ है। वह तकनीकि रूप से सक्षम है और पिंटूराम ने हाई स्कूल तक पढ़ाई की है। दोनों ही 20-22 साल के युवा हैं। पिंटू ने राशि ट्रांसफर करने के लिए जगमोहन का एकाउंट नंबर दिया था, जिससे पुलिस उन तक पहुंच गई। पुलिस अब उनके नेटवर्क को ट्रेस करने का प्रयास कर रही है। इसमें और लोग भी शामिल हो सकते हैं।
इनकी रही भूमिका
मामले को ट्रेस करने और आरोपियों की गिरफ्तारी में कुंभराज थाना प्रभारी संजीव तिवारी, एसआई अनिल निगवाल, एएसआई मसीह खान, एएसआई अनिल कदम, आरक्षक कुलदीप भदोरिया, माखन चौधरी, प्रवेंद्र भदोरिया, रोहित प्रजापति की भूमिका रही।