scriptमंडी में आवक हुई तेज, किसानों को न मिल पा रहा भोजन और ना ही पानी | Incoming fast in the market, farmers can not get food or water | Patrika News

मंडी में आवक हुई तेज, किसानों को न मिल पा रहा भोजन और ना ही पानी

locationगुनाPublished: Mar 14, 2018 10:57:42 am

प्रदेश सरकार का संकल्प है कि कृषि उपज मंडी में आने वाले किसानों को सारी सुविधाएं मिल सके, लेकिन गुना मंडी समुचित इंतजाम नही है ।

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गुना. प्रदेश सरकार का संकल्प है कि कृषि उपज मंडी में आने वाले किसानों को सारी सुविधाएं मिल सके, लेकिन गुना मंडी में यह स्थिति है कि मंडी में फिलहाल धनिये की आवक शुरू हो गई है। कुछ समय बाद गेहूं का आना भी शुरू हो जाएगा। मगर यहां आने वाले किसानों के लिए न तो पीने के पानी का समुचित इंतजाम है और न ही उनको भरपेट भोजन की व्यवस्था। यहां टूटी सड़कें और जगह-जगह कचरा देखने को मिल सकता है। यहां की व्यवस्थाओं को लेकर कई बार जनप्रतिनिधियों ने पत्र भी लिखे, आवाज भी उठाई, लेकिन मंडी परिसर की व्यवस्थाएं नहीं सुधर सकीं।

कृषि उपज मंडी समिति परिसर में पत्रिका टीम जब भ्रमण करने पहुंची तो वहां की स्थिति काफी बदली हुई नजर आई। मुख्य सड़क से मंडी की ओर जाने वाली सड़क जो टूटी हुई पड़ी है। मंडी परिसर में अंदर जाकर देखने को मिला यहां टूटी हुई सड़कें देखने को मिल जाएंगी। जहां सड़क कम गड्डे अधिक देखने को मिले। नालियां तो पूरी तरह गायब मिलीं। पेशाबघर के आसपास काफी गंदगी थी और बदबू से कुछ लोग परेशान नजर आए। जबकि मंडी में कारोबार कर्मा जयंती के अवकाश की वजह से बंद पड़ा हुआ था।

मंडी के किसानों ने बताया कि फिलहाल धनिया तो मंडी में आ गया है।उन्होंने बताया कि कृषि उपज मंडी समिति में इस समय कोई स्थायी सचिव तक नहीं हैं। प्रभारी सचिव के भरोसे मंडी चल रही है, जिससे यहां की व्यवस्थाएं सुधरने की बजाय बिगड़ती जा रही हैं। इस संंबंध में कलेक्टर राजेश जैन का कहना था कि जल्द ही वहां की व्यवस्थाएं ठीक कराई जाएंगी।
मंडी में धनिये की आवक बढ़ी
इस समय धनिये की आवक शुरू हो गई है। गेहूं भी कुछ समय मंडी में आने वाला है। किसानों का कहना है कि मंडी में सबसे अधिक परेशानी नकद भुगतान की रहती है। इसको लेकर कई बार किसान और व्यापारी के बीच विवाद भी हो जाता है।

पीने के पानी का समुचित इंतजाम नहीं
नानाखेड़ी मंडी परिसर में किसानों को पीने के पानी का समुचित इंतजाम कहीं नजर नहीं आया। जहां पानी रखा था, उसके आसपास गंदगी देखने को मिली। इसके साथ ही मंडी मे आने वाले किसानों के लिए पहले जगह-जगह मटके रखवाए जाते थे, वे भी कहीं दिखाई नहीं दिए।

सफाई व्यवस्था भी भगवान भरोसे
कृषि उपज मंडी समिति में सफाई व्यवस्था भी भगवान भरोसे है, यहां टूटी सडकों पर जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हुए मिल सकते हैं। किसानों का कहना है कि यहां कभी-कभी झाडू लगती है। मंडी में पक्की सड़क न होने से धूल उड़ते देखी जा सकती है।

 

बंद पड़ी है किसान कैंटीन

गुना एवं उसके आसपास के ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले किसानों के लिए कुछ वर्ष पूर्व यहां पांच रुपए में भोजन खिलाने की व्यवस्था की गई थी। इसके लिए मंडी समिति ने स्थान भी उपलब्ध कराया। वहां देखा गया तो यह केंटीन पूरी तरह बंद मिली। यहां बैठे कुछ किसानों ने कहा कि पांच साल से केंटीन बन्द है। जबकि दूसरे लोगों ने कहा कि केंटीन कभी-कभी खुलती तो है लेकिन भोजन नहीं मिलता। केंटीन के नाम पर मिलने वाला राशन कहां जा रहा है, यह बताने को कोई तैयार नहीं हैं।

 

तीन कुएं भी अतिक्रमण की चपेट में

इस मंडी परिसर में अतिक्रमण भी शहर से कम नहीं हैं। प्रभावशालियों ने जल स्त्रोत के लिए यहां तीन कुंए बने थे, जिन पर कुछ समय पूर्व मंडी प्रशासन की सांठगांठ से उन कुंओं पर कब्जे कर पाटा और उन पर मकान और तक बन गईं। जिसकी कई बार शिकायत की,लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जल स्त्रोत बंद होने से मंडी में पेयजल की किल्लत साल-दर साल गहराती जा रही है।

 

मंडी का अतिक्रमण पहुंचा विधानसभा

मंडी में कॉमर्शियल प्लॉट की जगह निजी उपयोग के लिए बनाए गए मकानों का मामला चांचौड़ा की भाजपा विधायक ममता मीणा ने पिछले दिनों विधानसभा में उठाया था, वहां के आदेश पर मंडी प्रशासन के अधिकारियों की एक टीम यहां आई थी, जो जांच करके चली गई है, जल्द ही वह अपनी रिपोर्ट विस को देगी।

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