इन इलाकों में नहीं घुस पाएगी दमकल सदर बाजार, तलैया मोहल्ला, लालाजी का बाड़ा, पेंशनर मोहल्ला, हनुमान गली, राधा कालोनी, सत्य नारायण मंदिर गली, कोटेश्वर मंदिर गली, जैन मंदिर इलाका, पुरानी छावनी सहित शहर के रिहायशी इलाकों में आग लगने की स्थिति में फायर बिग्रेड नहीं घुस पाएगी। शहर में पूर्व में आगजनी की घटनाएं हुई हैं, जहां आग बुझाने दमकल नहीं पहुंच पाई। छोटी दमकल भी खराब पड़ी है।
…तो डीजल, पेट्रोल की आग कैसे बुझेगी सिंहस्थ के दौरान ट्रेनिंग लेकर आए फायर मेन शैलेंद्र देवरिया के मुताबिक साधारण आग को तो फायर बिग्रेड से पानी का प्रेशर देकर बुझाया जा सकता है। लेकिन यदि कहीं डीजल व पेट्रोल में आग भड़क गई हो तो इस तरह की आग पर काबू पाने केे लिए न सिर्फ ट्रेंड स्टाफ चाहिए बल्कि फॉम के विशेष उपकरण होना जरूरी है जो इस तरह की आग को बुझाने में सहायक होते हैं। वर्तमान में हमारे पास इन उपकरणों की कमी है। इसके अलावा स्टाफ फायर सूट, ***** व मास्क का होना बेहद जरूरी है। यह किट कमरे में लगी आग व घुआं के बीच करीब 45 मिनट तक फायर फाइटिंग में बेहद मददगार होती है।
आग बुझाने यह सुविधाएं जरूरी 50 हजार आबादी पर एक दमकल होना जरूरी है। इस पर चालक, लोको पायलट, फायर मेन सहित 6 का स्टाफ होना चाहिए। आग बुझाने अलग-अलग दबाव का प्रेशर देना पड़ता है। 18 प्रकार का प्रेशर क्रियेट करने वाला उपकरण नहीं है।
स्टाफ के पास फायर सूट ***** के अलावा वॉकी टॉकी नहीं है। आग बुझाने में संवाद की जरूरत होती है। इसके लिए वॉकी टॉकी जरूरी उपकरण है, जो हमारे पास नहीं है।