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बढ़ती सर्दी के बीच कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ा

locationगुनाPublished: Nov 19, 2020 12:50:57 pm

Submitted by:

Narendra Kushwah

टीबी व अन्य बीमारी के मरीजों की एक ही जगह ओपीडी होने से संक्रमण का खतरा मरीजों को संक्रमण से बचाने अस्पताल प्रबंधन ने नहीं किए कोई खास इंतजाम

बढ़ती सर्दी के बीच कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ा

बढ़ती सर्दी के बीच कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ा

गुना. बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच सर्दी के मौसम ने आमजन की परेशानी को बढ़ा दिया है। नवंबर माह से सर्दी का मौसम शुरू होते ही सर्दी, जुकाम, खांसी के मरीज बढऩे लगे हैं। जिसका असर सरकारी अस्पतालों की ओपीडी पर देखने को मिल रहा है। चूंकि कोरोना के प्रारंभिक लक्षण सामान्य सर्दी, जुकाम खांसी से मिलते जुलते हैं इसलिए लोगों के बीच भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। वे सामान्य खांसी को भी कोरोना का लक्षण मानकर चिंतित हो रहे हैंं। ऐसे में कई मरीज तो एहतियातन जांच कराने अस्पताल पहुंच रहे हैं लेकिन कुछ लोग कोरोना के डर से जांच नहीं करा रहे हैं। ऐसे में घर व बाहर के लोगों को संक्रमण का खतरा ज्यादा है। वहीं दूसरी ओर जिला अस्पताल में भी सर्दी, जुकाम, खांसी के मरीजों को गंभीरता से नहीं देखा जा रहा है। उन्हें सामान्य बीमारी की तरह ही दवा देकर चलता किया जा रहा है। यही नहीं जिला अस्पताल की सामान्य ओपीडी में टीबी के मरीज भी पहुंच रहे हैं। जिससे अन्य मरीजों को संक्रमण का खतरा भी बढ़ गया है। कुल मिलाकर संक्रमण को लेकर अस्पताल प्रबंधन गंभीर नजर नहीं आ रहा है।
जानकारी के मुताबिक नवंबर माह की शुरूआत तो जीरो कोरोना पॉजिटिव मरीज से हुई थी। लेकिन इसके बाद लगातार मरीज बढ़ते ही चले जा रहे हैं। जो आमजन के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन के लिए चिंता का विषय है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि चूंकि कोरोना वायरस गले व फेफड़े में इंफेक्शन फैलाता है। जिससे मरीज को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। वहीं मौसम बदलने व बढ़ती सर्दी के साथ लोग सर्दी, जुकाम, खांसी से पीडि़त होने लगते हैं। यह समस्या आगे चलकर सांस लेने में दिक्कत भी महसूस करती है। ऐसे में यदि यह मरीज कोरोना संक्रमण का शिकार हो जाते हैं तो सही समय पर इलाज न मिलने की स्थिति में मरीज गंभीर स्थिति में पहुंच सकता है। यह सभी कारण स्वास्थ्य महकमे की चिंता बढ़ा रहे हैं।
संक्रमण से बचाने महकमा गंभीर नहीं
समय के साथ-साथ शासन ने सभी तरह की व्यवस्था को अनलॉक तो कर दिया है। लेकिन आमजन से अस्पतालों में मरीजों को संक्रमण से बचाने कोई खास इंतजाम नहीं किए हैं। संक्रमण से बचाने को लेकर प्रशासन ने जो गाइड लाइन निर्धारित की है, वह सिर्फ कागजों तक ही सीमित होकर रह गई है। इसे इस बात से समझा जा सकता है कि मास्क नहीं तो सेवा नहीं का पालन जिला अस्पताल में नहीं हो रहा है। यहां आने बिना मास्क के आने वाले मरीजों को न तो टोका जा रहा है और न ही मास्क उपलब्ध कराने की कोई व्यवस्था है। इसके अलावा अस्पताल परिसर में अलग से टीबी अस्पताल होने के बावजूद टीबी मरीजों को जिला अस्पताल की ओपीडी में डॉक्टर को दिखाने जाने पड़ रहा है। क्योंकि टीबी के डॉक्टर वहां न बैठकर अस्पताल की ओपीडी में सेवाएं दे रहे हैं। जिससे अन्य मरीजों को संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।

स्टाफ को सुरक्षित किया मरीजों को भगवान भरोसे छोड़ा
स्वास्थ्य महकमा कोरोना संक्रमण से आमजन को बचाने तमाम तरह की हिदायतें देता है लेकिन इसका पालन खुद उनके अस्पताल में नहीं हो रहा है। यहां कोरोना जांच कराने आने वाले मरीजों को संक्रमण से बचाने कोई इंतजाम नहीं हैं। स्टाफ तो शीशे के केबिन में पूरी तरह से सुरक्षित हो गया है। लेकिन मरीज की सुरक्षा भगवान भरोसे है। अस्पताल में कोरोना की जांच कराने आने वाले मरीजों को पर्चा बनवाने अलग से खिड़की है लेकिन जिस काउंटर पर उनकी काउंसलिंग होती है वहां मरीज से डॉक्टर एक लंैड लाइन फोन के जरिए बात करते हैं, जिसे वायरस रहित नहीं किया जाता है। यही नहीं मरीजों को फोन का इस्तेमाल करने से पहले ग्लब्स भी नहीं दिए जाते हैं।
टीबी, अस्थमा, हृदयरोगियों को ज्यादा खतरा
स्वास्थ्य विभाग की गाइड लाइन के मुताबिक सर्दी के मौसम में कोरोना संक्रमण से टीबी, अस्थमा व हृदय रोगियों को ज्यादा खतरा है। क्योंकि टीबी मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। साथ ही ज्यादा दिनों तक खांसी होने पर संक्रमण का खतरा ज्यादा हो जाता है। अस्थमा रोगी को पहले से ही सांस लेने में तकलीफ होती है। सर्दी के मौसम में नसें और ज्यादा सिकुड़ जाती हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमण और ज्यादा परेशानी पैदा कर देता है। इसी तरह हृदय रोगी व मधुमेय से पीडि़त मरीजों को भी सर्दी के मौसम में कोरोना संक्रमण घातक साबित हो सकता है। इसलिए प्रारंभिक स्तर पर परेशानी सामने आने के बाद तत्काल डॉक्टर को दिखाना जरूरी है।

ऐसे बढ़ रहे कोरोना के मरीज
दिनांक पॉजिटिव
01 नवंबर 00
02 नवंबर 05
03 नवंबर 04
04 नवंबर 11
05 नवंबर 11
06 नवंबर 11
07 नवंबर 14
08 नवंबर 05
0९ नवंबर 14
10 नवंबर 03
12 नवंबर 05
13 नवंबर 15
14 नवंबर 04
15 नवंबर 02
16 नवंबर 06
17 नवंबर 11

यह बोले जिम्मेदार
नवंबर माह में जिस तरह से कोरोना मरीज निकल रहे हैं। वहीं आगे चलकर बढ़ती सर्दी में मरीजों के बढऩे की संभावना है। सर्दी के मौसम में लोगों को अपने स्वास्थ्य का बहुत ज्यादा ख्याल रखने की जरुरत है। क्योंकि सर्दी, जुकाम, खांसी व अस्थमा के मरीज को कोरोना संक्रमित होने पर परेशानी ज्यादा बढ़ सकती है।
सत्येंद्र रघुवंशी, जिला महामारी नियंत्रण अधिकारी
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