दरअसल, नानाखेड़ी मंडी में सरकारी गोदाम से गुरुवार को खाद बांटा गया। यहां 290 टन यूरिया पहुंचा। इसके बाद भी किसानों को पांच-पांच बोरी खाद पुलिस के साए में बांटा गया। खाद लेने के लिए सुबह से ही बड़ी सं या में किसान पहुंच गए थे। पुरुषों की दो-दो लाइन लगाई और एक कतार महिलाओं की भी लगाई गई। इसके बाद भी किसानों का काफी मशक्कत करनी पड़ी। नवीन कलेक्ट्रेट भवन के पास एमपी एग्रो के कार्यालय में भी किसानों की कतार लगीं।
रकबा बढऩे से बढ़ी खाद की मांग
इस साल बारिश अधित होने से किसानों ने गेहूं का रकबा बढ़ा दिया है। इससे खाद की मांग भी डबल हो गई है। सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो यूरिया का लक्ष्य बढ़ाकर 38 हजार मीट्रिक टन कर दिया है। किसान इन दिनों फसलों में पहला पानी दे रहे हैं। इस वजह से उनको खाद की जरूरत है। लेकिन एक साथ खाद नहीं मिलने से किसानों को बार-बार खाद लेने आना पड़ रहा है। इससे किसानों की कतार लग रही हैं।
शुक्रवार से निजी दुकानों पर भी मिलेगा खाद
2200 मीट्रिक टन से अधिक यूरिया गुना में पहुंचा है। इसमें एक रैक चंबल की और 600 मीट्रिक टन यूरिया एनएफएल प्लांट से भी आया। इसके अलावा ट्रकों के जरिए भी गुना में खाद आया। शुक्रवार को शहर की निजी दुकानों से भी खाद बांटा जाएगा। आरोन में एक साथ 30 ट्रक खाद पहुंचा। यहां शाम को बड़े किसानों को 8-8 बोरी खाद दिया गया। कृषि विभाग के उप संचालक अशोक उपाध्याय ने बताया, गुरुवार को सरकारी गोदाम और 15 समितियों में खाद भेजा है। 500 से 600 मीट्रिक टन यूरिया एनएफएल से शुक्रवार को भी मिलेगा। अब तक 31 हजार मीट्रिक टन खाद बांट चुके हैं।