ट्वीट के जरिए सीएम तक पहुंची बात
समाजसेवी विकास तिवारी ने अपने ट्वीट में लिखा था कि बच्ची के सिर में कीड़े पड़ गए हैं और बच्ची दिन-रात तड़प-तड़प कर रोती रहती है, उसके इलाज की कोई व्यवस्था नहीं हैं। जिसे सुशांत सिंह ने रीट्वीट करते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को टैग किया। मासूम बच्ची को लेकर किया गया दर्द भरा ये ट्वीट सीएम शिवराज सिंह चौहान तक पहुंचा तो शिवराज सिंह चौहान के ऑफिस से रात दो बजे इस ट्वीट पर संज्ञान लिया गया। सीएम ऑफिस की तरफ से ट्वीट के जवाब में लिखा गया कि हमारे संज्ञान में मामला लाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, हम जरुरतमंद की मदद करेंगे।
मासूम को मिला इलाज
सोशल मीडिया से मिली जानकारी को सीएम शिवराज ने गंभीरता से लिया और अगली ही सुबह गुना कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम को निर्देश दिए, उसके बाद जिला अस्पताल के सर्जीकल वार्ड के बेड नम्बर तीन पर भर्ती इस बच्ची को इलाज मिला, उसके सिर और कान के पास बने गहरे घाव में छोटे-छोटे कीड़े बहुतायत संख्या में थे, जिनको चिमटी के जरिए अस्पताल स्टॉफ निकालने में जुटा रहा। देर शाम उस महिला को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। कुल मिलाकर सोशल मीडिया ने गंभीर बीमारी से पीडि़त बच्ची को इलाज ही नहीं मिला बल्कि कई लोग उस बच्ची व उसकी मां की आर्थिक मदद करने के लिए आगे आए।
ये है बच्ची की कहानी
डेढ़ साल की नन्ही बिटिया का नाम रामबाई है। बच्ची की मां अनुसुईया मानसिक रूप से बीमार है। मासूम रामबाई के सिर और कान के पास कीड़े पड़ गए थे। मानसिक बीमार मां अपनी बच्ची के साथ कुंभराज में घूमती थी। इसी दौरान कुछ समाजसेवियों की नजर दर्द से तड़पती हुई उसकी बेटी पर पड़ी तो उन्होंने बच्ची के इलाज के लिए गुना के समाजसेवी प्रमोद भार्गव और नेशनल हूमन राइट्स आर्गनाइजेशन के विकास तिवारी से सम्पर्क साधा। वहां के समाजसेवियों ने उस महिला को बच्ची सहित कुंभराज से गुना भेजा। इस बच्ची को जिला अस्पताल के सर्जीकल बार्ड में एक दिन पूर्व भर्ती कराया था। बच्ची की मां के बारे में कुछ लोगों ने पत्रिका को बताया कि शिकारी जाति की महिला अनुसुईया का मायका उकावद गांव में है उसके चार बच्चे हैं जिसमें यह बच्ची सबसे छोटी है। ग्रामीणों के अनुसार अनुसुईया का पति मर चुका है, उसकी शादी सलोदा गांव में हुई थी और बाद में उसे वहां से भी मानसिक रूप से बीमार होने की वजह से भगा दिया गया है।