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गुना बंद के दौरान तोडफ़ोड़, लूट-पाट, खून-खराबा! देखें पूरा मंजर

locationगुनाPublished: Apr 02, 2018 08:19:13 pm

गुना बंद के दौरान तोडफ़ोड़, लूट-पाट, खून-खराबा

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गुना। एससी/एसटी एक्ट को लेकर हुए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति से जुड़े लोग सडक़ों पर उतरे। इन आंदोलनकारियों के बीच असामाजिक तत्वों ने गुना में एक दर्जन से अधिक दुकानों में तोडफ़ोड़ ही नहीं की बल्कि एक मोबाइल की दुकान से 15 हजार रुपए और दो मोबाइल लूट ले गए। एक दुकानदार समेत आधा दर्जन से अधिक लोगों को लाठियों से पीटा जिसमें दो लोग लहुलूहान हो गए।

एक पुलिस दरोगा के साथ आंदोलनकारियों ने झूमा-झटकी कर दी। महिलाओं से अभद्रता भी किए जाने की खबर है। वहीं आंदोलनकारियों ने पुलिस पर कुछ कार्यकर्ताओं को लाठियों से पीटने की बात कही है। गुना शहर के साथ-साथ जिले की तहसीलों में बंद का मिला-जुला असर देखने को मिला। जिले के बीनागंज समेत कुछ जगह जुलूस के दौरान तोडफ़ोड़, झड़प होने की भी खबर मिली है।

राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन
अनुसूचित जाति/जनजाति समस्त सामाजिक संगठन ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा। जिसमें मांग की गई कि अजा, अजजा अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 को पूर्व की भांति लागू कराई जाए। इन वर्गों की पीडि़त की तत्काल रिपोर्ट दर्ज ना करने अपराधी को अग्रिम जमानत का लाभ देने और अपराधी की गिरफ्तारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की अनुमति से करने आदि के आदेश पारित कर दिए जाने से इस वर्गों के ऊपर और अधिक अत्याचार बढ़ेंगे तथा देश में भयावह की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी।
इमरत को पुलिस ने पीटा
अजाक्स के जिलाध्यक्ष बसंत खरे और करन अहिरवार ने बताया कि हमने तो शांतिपूर्ण बंद कराया, लेकिन कुछ असामाजिक तत्व इस जुलूस में आ गए थे, जिन्होंने तोडफ़ोड़ की होगी और मारपीट की होगी। उनका कहना था कि हमारी मांग है कि अजजा अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 को पूर्व की भांति लागू की जाए। उन्होंने कहा कि बंद के दौरान पुलिस ने हमारे कार्यकर्ता इमरतलाल अहिरवार निवासी रामनगर को बुरी तरह लाठियों से पीटा, हमने इसकी शिकायत की है, दोषी पुलिस अफसरों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग करेंगे।

एसडीएम और एएसपी ने संभाला मोर्चा
आंदोलन के दौरान हुई तोडफ़ोड़ व मारपीट की घटना के बाद पुलिस और गंभीर हुई और एक वाहन में एसडीएम दिनेश शुक्ला, एएसपी सत्येन्द्र सिंह तोमर सवार हुए उन्होंने आंदोलनकारियों को हडक़ाया। सुरक्षा व्यवस्था में मुख्य रूप से टीआई आशीष सप्रे, विवेक अष्ठाना, राजेन्द्र चौहान समेत आसपास के थाना प्रभारी शामिल रहे। आंदोलन से शहर में कचरा ही कचरा दिखाई दिया। इंटरनेट सेवाएं बंद रहीं।

कोतवाली के सामने हुए आमने-सामने
बंद के दौरान उस समय अप्रिय स्थिति बन गई जब कोतवाली में कुछ व्यापारी दुकानों पर लूटपाट, तोडफ़ोड़ और मारपीट करने के विरोध में शिकायत करने पहुंचे थे, जिन्होंने कोतवाली का घेराव कर जमकर नारेबाजी की। आंदोलनकारियों का जुलूस कोतवाली के ठीक सामने पहुंच गया, दोनों ओर से आमने-सामने नारेबाजी भी हुई, लेकिन कुछ पुलिस कर्मियों की वजह से जुलूस कोतवाली में अंदर न आकर सीधे चला गया। पुलिस ने मारपीट व तोडफ़ोड़ के शिकार हुए दीपक रजक आदि की शिकायत पर आंदोलन करने वाले बंटी उर्फ चन्द्रप्रकाश अहिरवार, बसंत खरे और करन सिंह अहिरवार आदि के खिलाफ भादसं की धारा 323, 294, 506, 427, 34 के तहत मुकदमा कायम किया है।

पुलिस दरोगा से की धक्का-मुक्की
बताया गया कि गुना बंद के बीच जयस्तम्भ चौराहे के पास केंट पुलिस थाने में पदस्थ एक पीएसआई अंकित बनोधा ने तोडफ़ोड़ करने वालों को समझाया तो वे लोग आक्रोशित हो गए और उक्त पीएसआई के साथ धक्का मुक्की कर दी, वह अपने आपको नहीं बचाते तो आंदोलनकारी के नाम पर शामिल असामाजिक तत्व दरोगा की मारपीट करने में पीछे नहीं रहते। ये रहे जुलूस और ज्ञापन देने वालों में शामिल: अजाक्स के जिलाध्यक्ष बसंत खरे, कोमल प्रसाद शाक्य, घासीराम अहिरवार, चन्द्रप्रकाश अहिवार, कन्हैयाराम अहिरवार, करन अहिरवार, भगवान सिंह अहिरवार, महेश, कैलाश, अशोक गिरधर, राजकुमार, जयपाल सिंह, नरेन्द्र सोनवार, केएल जाटव आदि।

दुकानदार ने विरोध किया तो कर घायल कर दिया
हाट रोड पर खुशबू मोबाइल पर कार्यरत दीपक रजक के अनुसार वह अपनी दुकान पर बैठा था, उसी समय दुकान बंद कराने वाले आंदोलनकारी लाठी लेकर आए और जबरन दुकान बंद कराने लगे, जबकि उसने अपनी दुकान का शटर पहले ही गिरा दिया था। इसके बाद भी उसको गाली-गलौज देने लगे, उसने ऐसा करने से मना किया तो उस पर लाठियों से हमला कर दिया। वहीं दूसरे दुकानदार ने कहा कि इसी दौरान 15 हजार रुपए जमा करने बैंक जा रहे थे, उसको लूट लिया औ दो मोबाइल भी लूट ले गए। इसके बाद हाट रोड
और सदर बाजार और निचला बाजार की चार-पांच दुकानों की तोडफ़ोड़ की। कुछ दुकानदारों व फुटपाथी दुकानों का सामान उठाकर फेंक दिया और दो -तीन दुकानदारों की मारपीट भी कर दी।खास बात ये है कि जहां एक ओर आंदोलकारी दुकानें बंद करा रहे थे, वहीं पुलिस की मौजूदगी में एक दर्जन से अधिक युवा हाट रोड पर दुकानें खुलवाते नजर आए, जिनको देखकर दुकान खुलने की बजाय बंद होती देखी गईं।

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