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नगर पालिका एनजीओ पर मेहरबान

locationगुनाPublished: Oct 04, 2019 09:11:32 pm

Submitted by:

brajesh tiwari

सलूजा बोले घोटाला सीएमओ कर रहे हैं और मुझे फंसाने की कर रहे हैं साजिशलोकायुक्त व मंत्रियों को जांच कराने के लिए भेजी शिकायत

Kindness on municipal NGOs

नगर पालिका एनजीओ पर मेहरबान

गुना. नगर पालिका के अध्यक्ष राजेन्द्र सलूजा और सीएमओ संजय श्रीवास्तव के बीच लंबे समय से विवाद चला आ रहा है। इस विवाद के चलते हाल ही में शहरी विकास मिशन के तहत हुए 14 लाख रुपए के भुगतान की फाइल गायब करने के मामले में अपने विरुद्ध सिटी कोतवाली में शिकायत किए जाने के बाद सलूजा आक्रामक मुद्रा में आ गए हैं। उन्होंने शहरी विकास मिशन की कौशल प्रशिक्षण योजना के ऑडिट की आपत्ति के बाद सीएमओ संजय श्रीवास्तव द्वारा किए गए 14 लाख रुपए के भुगतान को लेकर केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह एवं प्रदेश के नगरीय विकास एवं प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह के अलावा लोकायुक्त आदि को पत्र भेजे हैं जिसमें उन्होंने कहा कि 14 लाख रुपए के भुगतान के मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए, दोषी पर कार्रवाई की जाए। सलूजा ने कहा कि यदि निष्पक्ष जांच नहीं हुई तो वे इस पूरे मामले को लेकर न्यायालय में याचिका दायर करेंगे। राजनीतिज्ञों का कहना है कि जिन एनजीओ को नगर पालिका ने कौशल विकास प्रशिक्षण का काम दिया था, जिन पर तीन करोड़ रुपए खर्च हुए हैं, उसकी निष्पक्ष जांच हो जाए तो यहां भी कई अफसर हनी ट्रेप में फंस सकते हैं।
पीआईसी में नहीं रखी फाइल: सलूजा ने अपनी शिकायत में कहा कि टेण्डर प्रक्रिया और फाइल चलाने का कार्य हेमन्त खरे और सीएमओ का रहता है टेण्डर भुगतान के समय आशीष रघुवंशी सहायक लेखापाल से सीएमओ द्वारा सीधा भुगतान किया गया है जिसकी निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषियों पर कार्रवाई की जाए। ऑडिट की आपत्ति के बाद भी फाइल पीआईसी में क्यों नहीं रखी गई।

खरे का कार्यकाल पूरा, फिर कैसे कर रहे काम


सलूजा ने अपनी शिकायत में साफ तौर पर कहा है कि घोटाला सीएमओ कर रहे हैं और उल्टे मेरे को फंसाने की साजिश कर रहे हैं। सिटी मिशन प्रभारी हेमन्त खरे का कार्यकाल खत्म हो गया है, उसके बाद भी वह शहरी विकास मिशन में काम कर रहे हैं, इनके द्वारा की गई दो लोगों की नियुक्तियों की भी जांच होना चाहिए। पिछले सालों में जिन एनजीओ को कौशल प्रशिक्षण योजना का काम दिया गया, उनके प्रशिक्षण, और भुगतान आदि के मामले की भी उच्च स्तरीय जांच होना चाहिए।

ऑन लाइन नहीं हो सकता था भुगतान: केन्द्रीय व प्रदेश के मंत्री, लोकायुक्त, मु यमंत्री, कलेक्टर व एसपी को भेजे पत्र में सलूजा ने कहा कि गुना नगर पालिका सीएमओ और सिटी मिशन मैनेजर हेमन्त खरे द्वारा डे-एनयूएलएम शाखा का 14 लाख रुपए का भुगतान नियम के विपरीत बिना ऑन लाइन कर दिया गया और ऑडिट द्वारा भी ऑब्जेक्शन के बाद भी इनके द्वारा सीधा भुगतान कंपनी को किया गया और उसमें भ्रष्टाचार किया गया है। सलूजा ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब ऑन लाइन भुगतान नहीं किया गया तो मेरे संज्ञान में आया तब मैंने सहायक लेखापाल आशीष रघुवंशी से बुलाकर बात की कि इसमें पूर्व में भी जब भी भुगतान हुए हैं अध्यक्ष और सीएमओ के संयुक्त डोमल के भुगतान ऑन लाइन किए हैं। चूंकि इस फाइल पर अध्यक्ष के हस्ताक्षर नहीं होते हैं लेकिन भुगतान के समय जरूर ऑन लाइन भुगतान दोनों डोमल के द्वारा मिलकर किया जाता है।
मैंने तो नियमानुसार किया पेमेंंट: सीएमओ


उधर नगर पालिका के सीएमओ संजय श्रीवास्तव का कहना है कि मैंने तो 14 लाख रुपए का भुगतान नियमानुसार किया है। ऑडिट की आपत्ति के बाद मैं कैसे भुगतान कर सकता था। नगर पालिका अध्यक्ष ने यदि शिकायत की है तो इसकी जांच में सब कुछ सामने यानि दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा।

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