जिसमें किसान खेत मजदूर संगठन के जिला कमेटी सदस्य उम्मेद सिंह गुर्जर ने कहा की “सरकार कॉर्पोरेट घरानों के फायदे के लिए किसानो की उपज को लूट रही है व खेती किसानी को भी कॉर्पोरेट घरानों की मुनाफे की लूट के लिए खोल रही है जिसके चलते किसानों को उनकी उपज का वाजिब दाम नहीं मिल रहा है व नकद भुगतान के आभाव में किसान अपनी उपज को ओने पाने दामो में बेचने को मजबूर हो रहा है।
सरकार खेती को लाभकारी धंधा बनाने का ढिन्डोरा पीट रही है पर खाद बीज डीजल आदि पर से सब्सिडी हटा रही है जिसके चलते किसान का लागत मूल्य बढ रहा है व दूसरी तरफ उपज का सही मूल्य न मिल पाने के कारन किसान अत्याधिक घाटे की मार झेल रहा है जिसकी भरपाई के लिए वे कर्ज लेने को मजबूर हो रहा है तथा कर्ज के बोझ में दबकर आत्महत्या जैसे कदम उठा रहा है। मीटिंग को संबोधित करते हुए हकीम खान ने कहा कि “इस परिस्थिति में मरना नहीं लड़ना पड़ेगा, इसलिए एक सही वेज्ञानिक विचारधारा के आधार पर गाँव स्तर से शुरू करते हुए रास्ट्रीय स्तर पर जबरदस्त किसान आन्दोलन खड़ा करना पड़ेगा ।”
मीटिंग में संगठन के सदस्य कम्मोद सिंह कुशवाह, सुरेंद्र सिंह राजपूत, गणेशराम रघुवंशी आदि विशेष तौर पर मौजूद रहे और इस सभा को आयोजित कर इसे सफल बनाया।