scriptसिर्फ नाम का कोविड वैक्सीनेशन महाअभियान, सेंटर्स पर व्यवस्थाएं जीरो, हितग्राहियों को वैक्सीन लगवाने के बाद दो मिनट बैठने तक के इंतजाम नहीं | Kovid vaccination campaign in name only, zero arrangements at centers | Patrika News

सिर्फ नाम का कोविड वैक्सीनेशन महाअभियान, सेंटर्स पर व्यवस्थाएं जीरो, हितग्राहियों को वैक्सीन लगवाने के बाद दो मिनट बैठने तक के इंतजाम नहीं

locationगुनाPublished: Sep 19, 2021 12:44:45 am

Submitted by:

Narendra Kushwah

– लंच से एक घंटे पहले ही रजिस्ट्रेशन करना कर देते हैं बंद,वैक्सीन लगवाए बिना ही घर लौटना पड़ रहा हितग्राहियों को- वैक्सीनेशन सेंटर पर नहीं किए गए बारिश से बचने के इंतजाम

सिर्फ नाम का कोविड वैक्सीनेशन महाअभियान, सेंटर्स पर व्यवस्थाएं जीरो, हितग्राहियों को वैक्सीन लगवाने के बाद दो मिनट बैठने तक के इंतजाम नहीं

सिर्फ नाम का कोविड वैक्सीनेशन महाअभियान, सेंटर्स पर व्यवस्थाएं जीरो, हितग्राहियों को वैक्सीन लगवाने के बाद दो मिनट बैठने तक के इंतजाम नहीं

गुना. सरकार के निर्देश पर प्रशासन द्वारा कोविड वैक्सीनेशन को महाअभियान का नाम देकर तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराने का दावा किया जा रहा है। लेकिन हकीकत में सेंटर्स पर लाभार्थियों को कोई भी जरूरी सुविधा उपलब्ध नहीं हैं। यहां तक कि सेंटर पर आने वाले हितग्राहियों को बिना टीका लगवाए ही वापस तक लौटना पड़ रहा है। लोगों को रजिस्ट्रेशन कराने से लेकर वेरिफिकेशन तथा टीकाकरण के लिए घंटों लाइन में लगकर इंतजार करना पड़ रहा है। लगातार बारिश का दौर जारी है, इसके बावजूद सेंटर्स पर पानी से बचने के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। कुल मिलाकर प्रशासन बैठकों में तो टीकाकरण सेंटर्स पर सभी तरह की जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने के दावे करता है लेकिन हकीकत में यह व्यवस्थाएं सेंटर्स पर हैं कि नहीं, यह जानने का प्रयास अधिकारी नहीं कर रहे हैंं। यही कारण है कि जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण अंचल के टीकाकरण सेंटर अव्यवस्था का शिकार हैं। यहां आकर लोग नाराज होकर प्रशासन को कोसते हुए ही वापस लौट रहे हैैं।
पत्रिका टीम ने जिला मुख्यालय पर संचालित कई टीकाकरण केंद्रों पर जाकर जमीनी हकीकत देखी। इस दौरान हितग्राहियों के लिए जरूरी सुविधाएं वहां नहीं मिली। शहर के प्रमुख टीकाकरण केंद्र मानस भवन, रोटरी क्लब तथा कैंट डिस्पेंसरी पर न तो शासन द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन करना पाया गया और न ही कोविड गाइड लाइन का। चिंता की बात तो यह है कि इन सेंटर्स पर हितग्राहियों की काफी लंबी-लंबी लाइन लगी हुई थी। यहां बारिश से बचने के कोई इंतजाम नहीं थे। जिसके कारण लोग पानी से बचने इधर-उधर खड़े हुए थे। कैंट अस्पताल पर तो मेन गेट के चैनल के सामने ही महिलाओं ने ऐसी लाइन लगा ली कि आने-आने का रास्ता ही बंद हो गया। पुरुषों के लिए तो जगह ही नहीं बची तो कुछ नागरिक भवन के छप्पर की ओट लेकर खड़े हो गए। सेंटर्स पर इस तरह के हालात देख अन्य हितग्राही तो बिना टीका लगवाए ही घर लौट गए। इनमें कुछ महिलाएं भी शामिल थीं, जो अपने जरूरी काम छोड़कर टीका लगवाने आई थीं।
लंच के एक घंटे पहले ही पर्ची बनाना किया बंद
जिला मुख्यालय पर सबसे बड़ा सेंटर मानस भवन है। जहां हर दिन सबसे अधिक तादाद में लोग टीका लगवाने पहुंचते हैं। प्रशासन ने इस सेंटर्स को वैक्सीन के सबसे अधिक डोज उपलब्ध करवाकर इसे बड़े सेंटर्स का दर्जा तो दिलवा दिया लेकिन इस हिसाब से सुविधाएं मुहैया नहीं कराई गई हैं। यही कारण है कि इस सेंटर्स पर अब तक सबसे ज्यादा विवाद के मामले सामने आ रहे हैं। जिनका सामना यहां तैनात स्टाफ को ही करना होता है। लेकिन समस्या दूर करने का प्रयास स्वास्थ्य विभाग नहीं कर रहा है, इसलिए स्टाफ और हितग्राहियों को लगातार समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। कई हितग्राहियों ने बताया कि शासन-प्रशासन वाह-वाही लूटने एक दिन में अधिक से अधिक टीकाकरण कराने महाअभियान का नाम तो दे दिया जाता है लेकिन उस हिसाब से व्यवस्थाएं नहीं की जाती हैं। नतीजतन अधिकांश लोगों को अव्यवस्था का शिकार होना पड़ता है।
टीकाकरण केंद्रों पर यह मिली कमियां
केेंद्रों पर आने वाले हितग्राहियों की संख्या के हिसाब से रजिस्ट्रेशन काउंटर की संख्या बहुत कम है। ऐसे में लोगों को रजिस्ट्रेशन कराने के लिए ही घंटों लाइन में खड़े होना पड़ रहा है। इसके बाद भी हितग्राहियों की परेशानी कम नहीं हो रही है। क्योंकि टीका लगाने वाले काउंटर की संख्या भी कम है इसलिए उन्हें वैक्सीन लगवाने के लिए बहुत इंतजार करना पड़ रहा है।
शासन का प्रोटोकॉल है कि टीका लगवाने से पहले हितग्राहियों की काउंसलिंग की जाए। उनका बीपी व शुगर नापा जाए यानि कि जब वह टीका लगवाने के लिए पूरी तरह स्वस्थ पाए जाएं तब ही उन्हें टीका लगाया जाए। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।
वैक्सीनेशन के पश्चात 30 मिनट सेंटर पर ही रुकना है। लेकिन सेंटर्स पर बैठने तक की व्यवस्था नहीं की गई है। महिलाओं को एक घंटे से भी ज्यादा समय तक लाइन में खड़े होना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में प्रोटोकॉल की अनदेखी किसी भी हितग्राही पर भारी पड़ सकती है।

मैं मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालती हूं। वैक्सीन लगवाने के लिए मजदूरी छोड़कर मानस भवन सेंटर पर गई। लेकिन यहां रजिस्ट्र्रेशन काउंटर पर ही बहुत लंबी लाइन थी। इसके बावजूद वह लाइन में लग गई। कुछ देर बाद कहा गया कि लंच होने वाला है इसलिए बाद में वैक्सीन लगेगी। इस तरह मुझे वैक्सीन लगवाने बहुत लंबा इंतजार करना पड़ा।
हिना, हितग्राही

कैंट डिस्टपेंसरी पर हितग्राहियों को बारिश से बचने कोई इंतजाम नहीं है। न ही वैक्सीन लगवाने के बाद 5 मिनट बैठने के लिए एक कुर्सी तक उपलब्ध नहीं है। महिलाओं की लाइन तो जैसे तैसे चैनल गेट के पास लग गई लेकिन पुरुषों को खड़े होने तक कतई जगह नहीं है। बारिश होने पर उन्हें घर ही जाना पड़ता है।
वरुण, हितग्राही
शुक्रवार को वैक्सीन लगवाई शनिवार को हालत बिगड़ी और मौत
तीन डॉक्टर्स के पैनल ने किया पोस्टमास्र्टम
गुना. वैक्सीन लगवाने के बाद हालत बिगडऩे से मौत का तीसरा मामला सामने आया है। शनिवार सुबह शहर के भुजरिया तालाब के पास रहने वाले एक 35 वर्षीय मजदूर की मौत हो गई। परिजनों ने पुलिस को विष्णु कुशवाह ने शुक्रवार को मानस भवन में दोपहर 2 बजे के करीब वैक्सीन का दूसरा डोज लगवाया था। घर पहुंचने के बाद रात 8 बजे के करीब उसकी हालत बिगड़ी तो सबसे पहले उसे उल्टियां हुईं फिर उसका पेट दर्द करने लगा। शनिवार सुबह जब उसे जिला अस्पताल लेकर आए तो 4 घंटे तक इलाज चला और फिर अचानक मौत हो गई। डॉक्टर ने जांच उपरांत मृत घोषित कर दिया। परिजनों के आरोप के बाद अस्पताल प्रबंधन ने शव का तीन डॉक्टर के पैनल से पीएम कराने के निर्देश दिए।
यहां बता दें कि इससे पहले वैक्सीन लगवाने के बाद मौत के दो मामले अब तक सामने आ चुके हैं। इनमें पहला मामला महावीरपुरा स्थित निजी विद्यालय में बनाए गए सेंटर पर सामने आया था। यहां एक बुजुर्ग महिला की वैक्सीन लगावने के बाद घर पहुंचने से पहले ही रास्ते में तबियत बिगड़ गई थी और मौत हो गई थी। इसके बाद दूसरा मामला ऊमरी गांव में सामने आया था। यहां के रहने वाले एक बुजुर्ग पुरुष की वैक्सीन लगवाने के अगले दिन तबियत बिगडऩे के बाद मौत हुई थी। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि अब तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है जिसमें मौत की वजह वैक्सीन रही हो। इन सभी मामलों मेें मौत कारण अन्य वजह रही है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो