ये है बमौरी बुजुर्ग का मामला
कलेक्ट्रेट में आए ग्रामीणों के अनुसार उनके पुस्तैनी रास्ते से लगी जमीन को कॉलोनाईजर अखिलेश जैन, मुकेश राठौर, अनीष कुमार द्वारा क्रय की गई थी। जो उपरोक्त पुस्तैनी रास्ते से लगी है। इन कॉलोनाइजरों द्वाराउक्त पुस्तैनी रास्ते में गड्डे खोदकर रास्ते का बंद करने का प्रयास किया जा रहा। उन्होंने आरोप लगाते हुए बताया कि जब ग्रामीणजनों द्वारा उक्त रास्ते को बंद करने से मनाही की तो दबंग कॉलोनाईजरों द्वारा ग्रामीणजनों को झूठे प्रकरण फंसाने की धमकियां दी। इस संबंध में कलेक्टर को दिए आवेदन में ग्रामीणों ने बताया कि वह उक्त रास्ते का 50 वर्षों से अधिक समय से उपयोग करते आ रहे हैं। इस रास्ते से होकर चिंताहरण मंदिर तक दर्शन करने जाते हैं, परंतु अनावेदकगण के द्वारा उक्त रास्ते में दखल देकर रास्ता बंद करने का प्रयास किया जा रहा है। जिसके बाद ग्रामीणों ने आक्रोश है। इस मामले में कॉलोनाइजर मुकेश राठौर का कहना है कि उन्होंने वह जमीन खरीदी है, खरीदी हुई जमीन में से हम कैसे रास्ता दे दें डेढ़ बीघा जमीन हमारी खराब हो जाएगी।
एवन कॉलोनी की जांच करने के बाद रिपोर्ट तैयार
वहीं कुसमौदा स्थित एवन कॉलोनी में पार्क की भूमि को प्लॉट बताकर बेचने और कब्जा करने का मामला पिछले दिनों सामने आया था जिसको पत्रिका ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। पत्रिका की खबर को गंभीरता से लेकर कलेक्टर फ्रेंक नोबल ए ने गंभीरता से लिया और शहरी तहसीलदार को इस पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा था। तहसीलदार सिद्धार्थ भूषण शर्मा ने इस मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट कलेक्टर को दे दी है। खबर ये है कि इस जांच में वह जमीन पार्क की मानी है।
हरिपुर में रातों रात हुआ कब्जा
सूत्रों ने बताया कि हनुमान टेकरी के पीछे हरिपुर रोड पर कुछ समय पूर्व सिंधिया समर्थक भाजपा के दो नेताओं ने पच्चीस बीघा से अधिक भूमि पर कब्जा कर लिया है, उस जमीन को समतल भी करा दिया है। इसमें एक पटवारी की संदिग्ध भूमिका भी शामिल है। यह सरकारी भूमि प्लाटिँग के लिए देखने व खरीदने वालों का आना-जाना शुरू हो गया है। इसकी प्रारंभिक दर बीस से पच्चीस लाख रुपए बीघा बताई जा रही है। उधर कैंट क्षेत्र में भी भाजपा के दो नेताओं द्वारा गोविन्द गार्डन के पास भी गुनिया नदी को पाटकर जमीन काटकर प्लाटिंग की जा रही है। इन जमीनों को कब्जाने की शिकायत प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया तक की है।