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अपना क्षेत्र छोड़ बमोरी दौड़ रहे हैं भाजपा नेता, एक ही विधानसभा पर शक्ति प्रदर्शन

locationगुनाPublished: Aug 06, 2018 05:01:20 pm

अपना क्षेत्र छोड़ बमोरी दौड़ रहे हैं भाजपा नेता, एक ही विधानसभा पर शक्ति प्रदर्शन

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अपना क्षेत्र छोड़ बमोरी दौड़ रहे हैं भाजपा नेता, एक ही विधानसभा पर शक्ति प्रदर्शन

गुना@जावेद खान की रिपोर्ट…

कहने को तो जिले में चार विधानसभाएं हैं। लेकिन हर जगह केवल बमोरी विधानसभा का ही बोलबाला नजर आ रहा है। भाजपा में टिकिट के बड़े दावेदारों ने कहा कि डोमरी में ही डेरा डाल रखा है, शेष तीनों विधानसभा पटल से लगभग नदार हैं। सीएम की जन आशीर्वाद यात्रा के स्वागत बैनरों में बमोरी विधानसभा का नाम प्राथमिकता में है।
जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आ रहा है। टिकिट के लिए दावेदार करने वाले नेता भी सक्रिय हो रहे हैं। गुना जिले की बात करें तो यहां गुना, राघौगढ़, चाचौड़ा और बमोरी चार विधानसभा सीटें हैं।

फिलहाल गुना और चाचौड़ा पर भाजपा का कब्जा है, जबकि राघौगढ़ और बमोरी कांग्रेस के पास हैं। चारों विधानसभाओं में सबसे आसान सीट बमोरी को मानते हुए अधिकांश दावेदार यहां पर आजमाइश कर रहे हैं। जो पार्टी के बड़े नेताओं के आगमन के समय भी स्थिति प्रदान करता है। स्वागत के लिए लगाए गए बैनर्स और होर्डिंग्स में बमोरी विधानसभा को ही फोकस किया जा रहा है।

सुरक्षित सीट मान रहे हैं दोवदार
सुरक्षित सीट की खोज में भाजपा के तीन बड़े चेहरे इन दिनों बमोरी में अधिक सक्रिय हैं। एक एमआर सरकार के पूर्व मंत्री हैं और एक पूर्व विधायक और वर्तमान नपा अध्यक्ष। चाचौड़ा पर भाजपा की ममता मीना विधायक हैं। बैठक विधायक के रूप में क्षेत्र सहित संगठन में भी अपनी अच्छी पकड़ बना ली है। ऐसे में उनके सामने छेड़छाड़ की दावेदारी करना नुकसान हो सकता है। वैसे राघौगढ़ में सीधी टक्कर किले से होने के कारण मुकाबला आसान नहीं है। वर्तमान में यहां से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के पुत्र जयवर्धन सिंह विधायक हैं। तीसरी सीट गुना की है, जो कि एससी के लिए आरक्षित है। तो यहां पर बड़े नेताओं के लिए कुछ नहीं है। ऐसे में केवल बमोरी विधानसभा की सीट ही उन्हें सुरक्षित दे दे रही है।

सिसौदिया और अग्रवाल के बीच रहा है मुकाबला
बमोरी क्षेत्र पहले गुना विधानसभा का हिस्सा था। 2008 में इसे गुना से अलग कर अगल विधानसभा बनाया गया। तब से यहां दो चुनावों में एक बार कांग्रेस और एक बार बीजेपी ने सीट जीती। साथ ही बार बीजेपी के केएल अग्रवाल और कांग्रेस के मन्द्रसिंह सिसौदिया हम मुकाबले में रहे। 2008 के चुनाव में केएल अग्रवाल ने सिसौदिया को 4 हजार 778 वोटों से शिकस्त दी थी। जबकि मन्द्रसिंह ने 2013 के चुनावों में उन्हें 18 हजार 561 मतों से हराकर सीट पर कब्जा जमाया। उस समय अग्रवाल एमआर सरकार में मंत्री थे। वोटर्स के हिसाब से देखें तो यहां एससीआई, एसटीआई और सहरिया वोट मिलवे लाख के करीब हैं। अन्य वोटर्स में किरार, धाकड़, मीना, लोधा समाज के वोट हैं।

केएल के अध्यक्ष दो और दावेदार
इस बार केएल अग्रवाल के अध्यक्ष दो और दावेदार बमोरी पर दांव लगा रहे हैं। उन्होंने स्वयं-स्वयं की सेटिंग्स से वोटरों को रिज़ेन का प्रयास भी शुरू कर दिया है। पूर्व विधायक और वर्तमान नपा अध्यक्ष राजेन्द्र सलूजा बमोरी क्षेत्र के लोगों की समस्या को निबंधन में जुटे हैं और क्षेत्र में लगातार भ्रमण कर रहे हैं। वैसे ओएन शर्मा बमोरी में जीवन संरक्षण यात्रा उपलब्ध हैं। हालांकि विधानसभा के लिए यात्रा निकालने की बात करने के लिए वे सिरे से खारिज कर रहे हैं।

होर्डिंग्स में पहले बमोरी फिर गुना
मुख्यमंत्री की जन आशीर्वाद यात्रा 12 अगस्त को जिले में प्रवेश करेगी। इसके लिए दावेदारों ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। जिला मुख्यालय होर्डिंग्स और बैनर्स से पटा पड़ा है। यहां भी बमोरी विधानसभा नाम पहले है। शहर में अधिकांश जगहों पर न केवल नपा अध्यक्ष के होर्डिंग्स नजर आ रहे हैं। हालत यह है कि कमर्शियल विज्ञापनदाता होर्डिंग्स पर भी नेताओं के बैनर लगा दिया जाता है।

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