सेन ने कहा, बाजार से लेना पड़ी दवाएं
कुंभराज से आए मांगीलाल बताते हैं कि मैंने अपने बच्चे को सरकारी अस्पताल में न मिलने पर उनके क्लीनिक पर दिखाया तो उन्होंने लंबा-चौड़ा पर्चा लिख दिया, जिसकी दवाईंयां लगभग 1०००-12०० की आई थीं। वे दवाईयां अस्पताल में नहीं थीं।
जेनेरिक मात्र सरकारी अस्पतालों के लिए
बताया जाता है कि जेनेरिक दवाएं केवल सरकारी अस्पतालों में सप्लाई होती हैं। जबकि ब्राण्डेड दवाई काफी महंगी होती है और इनका प्रचार-प्रसार एमआर करते हैं जो ब्राण्डेड दवाएं लिखने वाले डॉक्टरों को इसके एवज में अलग-अलग सेवाएं भी करते हुए देखे जा सकते हैं। निजी प्रैक्टिस में डाक्टर ब्रांडेट दवाएं ही लिखते हैं।
जेनेरिक प्रभावशाली और असरकारी दवा
जेनेरिक दवाएं प्रभावशाली, असरकारी होती हैं। इसके बाद भी ज्यादातर डॉक्टर मरीजों को जेनेरिक की जगह ब्राण्डेड दवाईयां लेने पर जोर देते हैं। जैसे जेनेरिक दवाओं में पैरासिटामॉल और ब्राण्डेड में क्रॉसिन, जेनेरिक सिटराजिन और ब्राण्डेड में एलसीडेन्ट, जेनेरिक में फेरस और ब्राण्डेड में आर्वीटोल समेत कई दवाएं हैं।