मध्यप्रदेश में इन्हीं में से एक जिला गुना भी है, जहां अब तक दोनों पार्टियों की ओर से प्रत्याशियों के नाम तक घोषित नहीं हुए हैं। माना जा रहा है कि आगामी चंद दिनों में, ये दोनों ही पार्टियां यहां से अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर देंगी।
सिंधिया राजवंश के गढ़ के नाम से जाने जाने वाले गुना का राजनैतिक इतिहास बहुत ही दिलचस्प रहा है। इन दिनों गुना में चल रहीं चर्चाओं में लोकसभा चुनाव छाया तो हुआ है, लेकिन अब तक किसी भी ओर से प्रत्याशी घोषित नहीं होने से यहां लोगों के बीच स्थिति असमंजस्य की बनी हुई है।
वहीं ऐसे में गुना जैसे खास क्षेत्र को लेकर क्षेत्र में ही नहीं बाहर भी लोगों में दिलचस्पी बढ़नी शुरू हो गई है। हम आपको बता दें कि इस बार गुना लोकसभा क्षेत्र में मतदान छठें चरण यानि 12 मई को होगा।
Lok Sabha seat” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2019/04/12/guna_4418997-m.jpg”>
दरअसल गुना जैसी खास सीट के चुनाव को लेकर प्रदेश की ही नहीं बल्कि पूरे देश की नजर यहां जमी बताई जाती है।
ऐसे में गुना से बाहर के लोग भी यहां होने वाले चुनावों की तारीखों के बारे में जानने में दिलचस्पी रख रहे हैं। इन सब बातों को देखते हुए हम आपको आज मध्यप्रदेश में कब कहां चुनाव होने है, इस संबंध में पूरी जानकारी दे रहे हैं।
जानिये मध्यप्रदेश में कब-कब होगा मतदान. election Dates..
: मध्यप्रदेश में 4 चरणों में मतदान होगा। यहां पहला मतदान चौथे चरण से शुरू होगा।
– चौथा चरण, 29 अप्रैल : जबलपुर,सीधी,छिंदवाड़ा,बालाघाट,मंडला, शहडोल।
– पांचवा चरण, 6 मई : होशंगाबाद,बैतूल,दमोह, खजुराहो,सतना,रीवा,टीकमगढ़।
– छठा चरण, 12 मई : ग्वालियर,भिंड, मुरैना, गुना, सागर, विदिशा, भोपाल, राजगढ़।
– सातवां चरण, 19 मई : देवास, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, धार, इंदौर, खरगौन, खंडवा।
दरअसल चुनाव आयोग के मुताबिक इस बार यानि 2019 के लोकसभा चुनाव देश भर में सात चरणों में चुनाव होंगे।
इसमें पहले चरण का मतदान 11 अप्रैल को हो चुका है। वहीं चुनाव का आखिरी व सातवें चरण का मतदान 19 मई को होगा। जबकि 23 मई को चुनाव का रिजल्ट भी आ जाएगा।
लोकसभा चुनाव 2019 में ये रहेगा खास:-
चुनाव आयोग के मुताबिक आठ करोड़ 43 लाख नए मतदाता इस बार अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। वहीं देश में 17वीं लोकसभा के गठन के लिए 90 करोड़ लोग वोट डालेंगे। 18 से 19 साल के डेढ़ करोड़ वोटर इस चुनाव में पहली बार हिस्सा लेंगे।
– ईवीएम पर चुनाव चिन्ह के साथ ही उम्मीदवार की तस्वीर भी लगी होगी।
– ईवीएम मशीन को जीपीएस के जरिए ट्रैक किया जाएगा।
– 1950 टोल फ़्री नंबर पर वोटिंग लिस्ट से जुड़ी जानकारी मैसेज के जरिए ले सकेंगे।
– सभी उम्मीदवारों को अपने सोशल मीडिया अकांउट की जानकारी आयोग को देनी होगी। वहीं विस्तृत जानकारी नामांकन भरते वक्त चुनाव आयोग को देनी होगी।
– चुनाव आयोग के नियमों के तहत उम्मीदवारों को उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी प्रचार अभियान के दौरान कम से कम तीन बार ऑडियो-वीडियो माध्यम से सार्वजनिक करनी होगी।
– देश में 10 लाख पोलिंग बूथ पर वोट डाले जाएंगे। हर पोलिंग बूथ पर वीवीपैट का इस्तेमाल किया जाएगा।
– वोटर एक एंड्रॉयड एप सी-विजल के जरिए चुनाव आयोग को आचार संहिता के उल्लंधन की जानकारी दे सकते हैं। सरकारी अधिकारियों को इस शिकायत पर 100 मिनट के भीतर एक्शन लेना होगा। शिकायतकर्ता की पहचान उजागर नहीं की जाएगी।
– सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, ट्विटर और गूगल से भी फ़र्जी सूचनाओं और डिजिटल विज्ञापनों को वैरिफ़ाई करेगा। वहीं, मीडिया में पेड न्यूज व फर्जी खबरों के प्रसार को रोकने के लिए राज्य और जिला स्तर पर मीडिया निगरानी समितियों की भी मदद ली जाएगी।
– मतदाताओं की पहचान की पुष्टि के लिए फोटो के साथ मतदाता पर्ची मान्य नहीं होगी। इसके लिए मतदाताओं को पासपोर्ट और आधार सहित 11 पहचान दस्तावेजों को मान्यता दी गयी है।