शेष सभी विधानसभाओं में सिंधिया पीछे ही रहे और राउंड दर राउंड केपी यादव की लीड बढ़ती चली गई। दोपहर तक तो कांग्रेसी बढ़त की उम्मीद लगाए रहे, लेकिन इसके बाद उनकी उम्मीद टूटती चली गई और कांग्रेसी खेमे में उदासी छा गई। समर्थक धीरे-धीरे अपने घरों की ओर लौटने लगे। दूसरी ओर भाजपाइयों का उत्साह बढ़ता चला गया।
हर जगह मना जीत का जश्न
लोकसभा चुनावों में बीजेपी को अप्रत्याशित जीत के बाद हर जगह जश्न का माहौल रहा। भाजपा प्रत्याशी केपी यादव दोपहर में अशोकनगर से सीधे शिवपुरी पहुंचे। यहां जीत के प्रति आश्वस्त होने के बाद उन्होंने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ जीत का जश्न मनाया। भाजपा नेताओं ने माला पहनाकर उनका अभिवादन किया और मिठाई खिलाई। उधर गुना शहर में भी कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया। चौराहा पर आतिशबाजी चलाकर एक दूजे को मिठाई खिलाई।
तैयारियां बेकार: यहां धरी रह गईं तैयारियां, समर्थकों में छाई उदासी
मध्य प्रदेश शासन के श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया ने नतीजों के पहले अपने निवास पर रिजल्ट देखने के लिए बड़ी एलईडी टीवी की व्यवस्था की थी। लोगों के बैठने के लिए कुर्सियां लगवाई गई थीं और छाया के लिए टेंट लगाया गया था, लेकिन जैसे-जैसे काउंटिंग आगे बढ़ती गई कांग्रेसियों में निराशा छाती चली गई। सिसोदिया के निवास पर पड़ी कुर्सियां खाली रह गई और एलईडी बंद हो गई। अपने समर्थकों के साथ कुर्सी पर सिसोदिया उदास बैठे नजर आए इसके अलावा कांग्रेस कार्यालय पर भी सन्नाटा पसरा रहा। गणना स्थल से समर्थक चले गए।
लोकसभा सीट पर 1952 से लेकर 2014 तक दो उप चुनाव सहित 20 बार लोकसभा चुनाव हुए हैं और इनमें से 14 बार सीट पर सिंधिया परिवार का कब्जा रहा है। यानी केवल 6 बार गुना सीट से सिंधिया परिवार के हटकर कोई प्रतिनिधि चुना गया है। इसमें भी दो बार सिंधिया परिवार के समर्थन से उम्मीदवार ने चुनाव जीता है। यहां से छह बार विजया राजे सिंधिया, चार बार माधव राव सिंधिया और चार बार ही Óयोतिरादित्य सिंधिया सांसद चुने जा चुके हैं। पहले बार यहां से सिंधिया परिवार की हार हुई है।
‘मेरे और सिंधिया के बीच नहीं था चुनाव
आपने सिंधिया परिवार के खिलाफ जीत हासिल की है, कैसा महसूस कर रहे हैं?
केपी: ये लोकसभा चुनाव मेरे और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच नहीं था। ये चुनाव राष्ट्र हित और देश हित में था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर चुनाव लड़ा था। उनके द्वारा पांच साल में किए गए कार्यों को लेकर लोगों के बीच गए। घर-घर जाकर जनता को बताया। उन्होंने राष्ट्रहित में जो काम किए हैं, वो कोई ओर नहीं कर सकता था। ये चुनाव कार्यकर्ताओं व जनता ने लड़ा है।
केपी: मैं ये मानता हूं कि क्षेत्र में जितने काम हो सकते थे, उतने नहीं हुए। इसलिए जनता में सिंधिया के प्रति रोष था। लोगों ने केन्द्र सरकार के कामों को देखा है। पांच साल में कितने काम हुए हैं। सिंधिया चाहते तो क्षेत्र का और भी विकास इस क्षेत्र का हो सकता था।
क्षेत्र के विकास को लेकर आपकी क्या योजना है?
केपी: क्षेत्र के विकास के लिए हमारा प्लान तैयार है। सब कुछ दिमाग में है।
लेकिन फिलहाल काउंटिंग पर ध्यान है। इसलिए इस बारे में बाद में बात करेंगे। जनता ने देश के लिए वोट किया है।