आग की लपटें उठ रही थीं
धरनावदा निवासी राधेश्याम ओझा पुत्र कैलाश नारायण ओझा ने बताया कि रात में हम अपने प्लाट का भराव कर रहे थे। काम करने के बाद रात में ही घर आ गए। रात करीब 12 बजे जब गांव में लाइट चली गई तो हमने बाहर आकर देखा तो हमारे खोड़े में आग की लपटें उठ रही थीं। दौड़कर खोड़े पहुंचे , लेकिन आग की लपटें इनती तगड़ी थीं कि उसके पास जाना मुश्किल था।
हमारी आंखों के सामने ही एक चार पहिया गाड़ी, दो मोटर साइकिलें और तीन गाय और एक भैंस और तीन बछड़े जल गए। इस आग में खेतीबाड़ी का सामान, भूसा, भी जलकर खाक हो गया। इस भीषण अग्नीकांड में दिनेश ओझा, कैलाश नारायण ओझा के खोड़े में भी लाखों का नुकसान हो गया।
देरी से पहुंची दमकल से आक्रोश
आग पर काबू करने ग्रामीणों ने भी बर्तनों से पानी डालने का प्रयास किया। दमकल के लिए भी फोन लिया, लेकिन एक घंटा देरी से दमकल गांव में पहुंची। तब तक पूरा नुकसान हो चुका था। इससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश हैं। लोगों ने कहा, नपा राघौगढ़ और एनएफएल की दमकल पहुंची तब तक महज भूसा ही बच पाया।