scriptसीएम के आदेश के बाद भी खत्म नहीं हुआ माफिया राज, आज भी सक्रिय हैं गुना में माफिया | Mafia rule did not end even after CM's order | Patrika News

सीएम के आदेश के बाद भी खत्म नहीं हुआ माफिया राज, आज भी सक्रिय हैं गुना में माफिया

locationगुनाPublished: Mar 13, 2020 11:30:23 am

Submitted by:

praveen mishra

फाइलों में दफन हो गए लाखों के घोटाले और जांचजानकार बोले नवनियुक्त कलेक्टर ने जांच कराई तो और खुल सकते हैं घोटालेदोषी अफसरों पर हो सकती है कार्रवाईनए कलेक्टर एस. विश्वनाथन आज संभालेंगे कार्यभारनवनियुक्त कलेक्टर से शहर की जनता को काफी उम्मीदकलेक्टर के तबादले के बाद नगर पालिका और पीएचई में छह करोड़ रुपए का भुगतान

सीएम के आदेश के बाद भी खत्म नहीं हुआ माफिया राज, आज भी सक्रिय हैं गुना में माफिया

सीएम के आदेश के बाद भी खत्म नहीं हुआ माफिया राज, आज भी सक्रिय हैं गुना में माफिया

गुना। शहर में स्वच्छता मिशन के तहत कराए गए करोड़ों रुपए के कामों और किए गए खर्च की निष्पक्षता से यदि जांच हो जाए तो बड़ा घोटाला उजागर हो सकता है। इसकी वजह ये है कि यहां बगैर टेण्डर के काम कराए गए, सामान खरीदा गया, बगैर परिषद की परमीशन के पचास से अधिक लोगों की पचास हजार रुपए से एक लाख रुपए तक लेकर नियुक्तियां की गईं, जिनमें सीएमओ के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई तो हुई, लेकिन उन कर्मचारियों को अभी तक नहीं हटाया गया। ऐसे ही जिला अस्पताल जो भगवान भरोसे है जहां मरीजों को इलाज के नाम पर ठेंगा दिखाया जाता है। जिले भर में रेत माफिया सक्रिय हैं, जहां बगैर रॉयल्टी और अनुमति के नदियों को छलनी किया जा रहा है। गुना जिले में शासकीय जमीनों पर खुले आम कब्जे हो गए, बगैर अनुमति के सैकड़ों की तादाद में कॉलोनियां बन गईं,इन कॉलोनाइजरों को नोटिस तो दिए, लेकिन एक भी कॉलोनाइजर पर एफआईआर नहीं हो पाई। शहर के कुछ जानकारों का कहना है कि निष्पक्ष और ईमानदारी से यदि नवनियुक्त कलेक्टर ने जांच कराई तो अलग-अलग योजनाओं के तहत कई जगह कराए गए करोड़ों रुपए के कामों के घोटाले और उजागर हो सकते हैं। वहीं कई माफिया व उनको संरक्षण देने वाले अफसरों के चेहरे बेनकाब हो सकते हैं, जिन्होंने नियम-कायदों की धज्जियां उड़ाकर धनाढ्य, ठेकेदार व अवैध कॉलोनाइजरों को उपकृत किया।
नगर पालिका
नगर पालिका में स्वच्छता मिशन के तहत कचरा वाहन खरीदने का प्रस्ताव परिषद की बैठक में कुछ समय पहले आया था, उसमें नियम-कायदों की धज्जियां उड़ाकर डेढ़ करोड़ रुपए के वाहन खरीदे गए।इतना ही नहीं परिषद की बैठक में तय हुआ था कि इन वाहनों पर जो कर्मचारी रखे जाएंगे, उनकी नियुक्ति के लिए एक समिति बनाई गई। लेकिन तत्कालीन सीएमओ संजय श्रीवास्तव ने समिति को नजर अंदाज किया और कुछ नेताओं की पसंद वाले लोगों को नौकरी पर रख लिया। नगर पालिका के गलियारे में यह चर्चा जोरों पर बनी रही थी एक-एक नियुक्ति के नाम पर पचास से एक लाख रुपए तक लिए गए हैं, इसकी शिकायत प्रभारी मंत्री इमरती देवी तक पहुंची, उनके आदेश पर कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार ने सीएमओ के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई तो की, लेकिन प्रभारी मंत्री के आदेश के बाद न तो वे कर्मचारी नौकरी से हटे और न ही कोई जांच हो पाई। वहीं तत्कालीन सीएमओ को बहाली के प्रयास भी कुछ लोगों द्वारा शुरू कर दिए गए हैं। ऐसे ही बीते छह माह में सफाई के नाम पर बगैर टेण्डर के फिनाइल और झाडू आदि की लाखों रुपए की खरीदी हुई। स्वच्छता मिशन के तहत कराए गुनिया नदी की सफाई, शहर में कराई गई बाल पेंटिंग जैसे कई मामले हैं, जिनमें लाखों रुपए का आर्थिक दुरुपयोग हुआ।
अवैध कॉलोनियों की भरमार
ऐसे ही गुना शहर में नहीं जिले भर में अवैध कॉलोनियों की भरमार है, दो-तीन कॉलोनाइजरों को छोड़कर खादी और पैसे की दम पर शासकीय, नाले,नदियों, नजूल की भूमि पर प्लाटिंग करके लाखों रुपए कमा रहे हैं।जहां कुछ समय पूर्व 89 कॉलोनाइजर चिन्हित किए गए थे, जिनको नोटिस दिए, ये नोटिस फाइलों में दफन हो गए, एक भी कॉलोनाइजर पर एफआईआर नहीं हो पाई और न किसी कॉलोनी पर नगर पालिका का बुल्डोजर चल पाया। जबकि उन कॉलोनियों में कॉलोनाइजर की ठगी के शिकार हुए प्लॉट मालिक अपनी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं।
सफाई
स्वच्छता मिशन के नाम पर पूर्व में काफी ढिंढोरा पीटा गया, ए बेसेडर बनाए गए। नतीजा ये है कि शहर पूरी तरह कचरा हो गया है। जहां कचरे के ढेरों के अलावा टूटे कचरे के डिब्बे नजर आ सकते हैं। डीजल के नाम पर केवल पैसा फूंका जा रहा है। जबकि सफाई के नाम पर हर माह 75 लाख रुपए खर्च किए जाते हैं, नगर पालिका में पचास से अधिक ऐसे सफाई कर्मचारी हैं जो घर बैठे पगार ले रहे हैं।

रेत का अवैध कारोबार
जिले में रेत का अवैध कारोबार बड़ी तेजी से चल रहा है। यहां बगैर अनुमति के सिंध और पार्वती नदी को पनडुब्बी के जरिए छलनी किया जा रहा है। मावन के पास रेलवे का काम लेने वाले ठेकेदारों ने बगैर अनुमति के ला ाों रुपए की खनिज सामग्री निकाल ली, जिनके विरुद्ध छापामार कार्रवाई की गई, लेकिन वह कार्रवाई कागजों में दब गई, वहां आज भी खनिज सामग्री बगैर अनुमति के निकाली जा रही है। यहां हो रहे कारोबार में जिले में पदस्थ एक वरिष्ठ अधिकारी का परिजन भी शामिल रहे, जिसकी वजह से खनिज कारोबारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई।
मिलावटी कारोबार
प्रदेश के मु यमंत्री कमलनाथ के आदेश पर गुना में माफिया और मिलावट खोरों पर कार्रवाई के नाम पर केवल रस्म अदायगी हुई। भाजपा से जुड़े लोगों के संस्थानों पर कार्रवाई की, द्वेषवश भावना से की गई कार्रवाई को हाईकोर्ट में चुनौती दी, जिसमें जिला प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई को कोर्ट ने गलत माना। सच ये है कि दूध, घी, नमकीन आदि के नाम पर मिलावट का कारोबार यहां बड़ी तेजी से चल रहा है।
इलाज नहीं कष्ट मिलता है जिला अस्पताल में
जिला अस्पताल में जहां एक और डॉक्टरों की कमी बनी हुई है, वहीं दूसरी ओर सुविधाओं के नाम पर न तो मरीजों को कोई जांच की सुविधा मिल पाती है और न दवाएं। प्रसूति गृह में बगैर रिश्वत के गर्भवती महिला की डिलेवरी नहीं कराई जाती है। सफाई के नाम पर कई बार नौटंकी हुई, कलेक्टर व स्वास्थ्य मंत्री लगातार निरीक्षण करते रहे, इसके बाद भी वहां की व्यवस्थाएं नहीं सुधर सकीं।सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में न तो डॉक्टर हैं और न कोई इलाज की सुविधा। जिससे यहां निजी अस्पतालों को बढ़ावा मिल रहा है।
अतिक्रमण
शहर में सड़कें सकरीं होने की वजह अतिक्रमण है। यहां के दुकानदारों ने अपनी दुकान का सामान सड़कों पर फैला लिया है, जिससे सड़कों के सकरी होने से यातायात भी प्रभावित हो रहा है।
तबादला आदेश के बाद छह करोड़ का भुगतान
सूत्रों ने बताया कि कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार के तबादले के बाद नगर पालिका और पीएचई विभाग भी सक्रिय हुआ और रात में नगर पालिका खुली और वहां नियमों के विपरीत एक महिला कर्मी को रात में ऑफिस में खोलकर काम करवाया गया। दो घंटे से अधिक समय चले काम के बाद लगभग छह करोड़ रुपए अलग-अलग काम का भुगतान होने की खबर है।
पब्लिक को दिलाएंगे बेहतर सुविधाएं, शिक्षा और स्वास्थ्य पर रहेगा जोर
-आज संभालेंगे नवनियुक्त कलेक्टर एस. विश्वनाथन कार्यभार
गुना।नवनियुक्त कलेक्टर व गुना नगर पालिका के प्रशासक एस.विश्वनाथन गुरुवार को देर रात गुना आए, वे शुक्रवार को गुना कलेक्टर का कार्यभार ग्रहण करेंगे। एस. विश्वनाथन हरदा में कलेक्टर के पद पर कार्यरत थे। उनका राज्य शासन ने गुना कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार की जगह नियुक्त किया है। लाक्षाकार को राज्य शासन ने उप सचिव मप्र शासन बनाकर भोपाल भेजा है।
जब पत्रिका ने उनकी प्राथमिकताओं के बारे में पूछा तो उनका साफ लहजे में कहना था कि जनता को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना मेरी सबसे पहली प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य पर मेरा सबसे अधिक जोर रहेगा। गर्मी के मौसम में पेयजल संकट न हो, इसके लिए जल्द बैठक करके प्लान बनवाया जाएगा। जिला अस्पताल या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र है वहां आने वाले हर व्यक्ति को समुचित इलाज मिले, उसकी इलाज के अभाव में मौत न हो, ऐसा कहीं होता है तो संबधित डॉक्टर या वहां के स्टॉफ को कतई नहीं छोड़ा जाएगा। उनसे जिले में व्याप्त भ्रष्टाचार के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि किसी भी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा पैसे लेने की शिकायत मिली तो उसको छोड़ा नहीं जाएगा। ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ हर अधिकारी और कर्मचारी को शासकीय और जनता का काम करना होगा। जनता की शिकायत का तत्काल निराकरण करना होगा।उनका कहना था कि गुना का सुव्यवस्थित विकास हो, जनता को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हों, इसके लिए प्लान के अनुसार काम कराया जाएगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो