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पत्रिका फोकस : रुठियाई पीएससी पर स्टाफ तो पर्याप्त है लेकिन समय पर नहीं मिलता

locationगुनाPublished: Oct 18, 2021 08:59:13 pm

Submitted by:

Narendra Kushwah

एएनएम रात में भी अस्पताल में रहकर देती हैं ड्यूटीडॉक्टर आवास होने के बावजूद गुना से करते हैं अपडाउनआला अधिकारियों के उदासीन रवैए के कारण प्राथमिक उपचार से भी वंचित हैं ग्रामीण

पत्रिका फोकस : रुठियाई पीएससी पर स्टाफ तो पर्याप्त है लेकिन समय पर नहीं मिलता

पत्रिका फोकस : रुठियाई पीएससी पर स्टाफ तो पर्याप्त है लेकिन समय पर नहीं मिलता

गुना. ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों को प्राथमिक स्तर पर मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने लगभग हर पंचायत में प्राथमिक स्वास्थ केंद्र खोले हैं। जिन पर डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती भी की है। इसके अलावा स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए जरूरी दवा व अन्य मेडिकल संसाधन उपलब्ध कराने के लिए लाखों रुपए का बजट हर माह खर्च किया जा रहा है। इसके बावजूद ग्रामीणों को प्राथमिक उपचार तक नहीं मिल पा रहा है। ऐसे हालात जिले के रुठियाई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर सामने आए हैं। जहां पर्याप्त स्टाफ होने के बावजूद ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित हो रहे हैं। चिंता की बात तो यह है कि दुर्घटना में घायल हुए लोगों को भी प्राथमिक उपचार तक नहीं मिल पा रहा है। उन्हें मजबूरी में 20 किमी दूर जिला अस्पताल ही आना पड़ रहा है।
जानकारी के मुताबिक राघौगढ़ नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत रुठियाई गांव आता है। जिसमें नपा के तीन वार्ड शामिल हैं। इस तरह कुल आबादी 13 हजार के करीब है। आसपास के आधा दर्जन गांव के लोग भी इलाज के लिए रुठियाई प्राथमिक स्वास्थ केंद्र पर निर्भर हंै। गौर करने वाली बात है कि धरनावदा थाना तथा रुठियाई चौकी पर आने वाले ज्यादातर एमएलसी केस को रुठियाई स्वास्थ्य केंद्र पर ही ले जाया जाता है। कुल मिलाकर क्षेत्र की स्थिति को देखते हुए शासन ने यहां पर्याप्त स्टाफ की पदस्थापना की है। जिसमें दो डॉक्टर योगेंद्र शाक्य व नीलेश सिंह तथा 8 एएनएम पदस्थ तथा सहयोगी के रूप में दाई तथा डे्रसर, फार्मासिस्ट पदस्थ है। इमरजेंसी तथा रात्रि कालीन ड्यूटी पर तैनात स्टाफ के लिए यहां सरकारी आवास भी बने हुए हैं। लेकिन दो में से एक भी डॉक्टर यहां नहीं रहते। बल्कि गुना से ही अपडाउन करते हैं। जिसके कारण वे कभी भी समय पर अस्पताल नहीं पहुंचते हैं। वहीं शाम के समय भी ड्यूटी से पहले ही अस्पताल छोड़ देते हैं। जिसके कारण शाम के समय आने वाले इमरजेंसी केस देखने वाला कोई नहीं रहता।

बिना सुविधा शुल्क दिए नहीं होती डिलेवरी
मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए सरकार जननी सुरक्षा योजना सहित तमाम जनहितैषी योजनाएं चला रही हैं। गर्भवती महिलाओं को पहले दिन से ही पौष्टिक आहार सहित अस्पताल तक पहुंचाने के लिए नि:शुल्क जननी वाहन तथा डिलेवरी के पश्चात भी बतौर प्रोत्साहन राशि उपलब्ध करा रही है। लेकिन इसके उलट रुठियाई स्वास्थ केंद्र पर पदस्थ स्टाफ सुविधा शुल्क के बिना डिलेवरी नहीं करवा रहे। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि वे कई स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों से शिकायत कर चुके हैं लेकिन ठोस कार्रवाई न होने से व्यवस्था में कोई सुधार नहीं आ पा रहा है। ऐसे में सुविधा शुल्क देना ग्रामीणों की मजबूरी बन गया है।

खास-खास
रुठियाई पीएससी पर निर्भरता
राघौगढ़ नगर पालिका के तीन वार्ड 22, 23, 24 रुठियाई में आते हैं। जिसकी कुल आबादी 13 हजार से अधिक है। इसके अलावा राजस्थान के छबड़ा से भी मरीज व गर्भवती महिलाएं डिलेवरी कराने इसी स्वास्थ्य केंद्र पर आती हैं।
धरनावदा थाना व रुठियाई चौकी में जितने भी दुर्घटना और लड़ाई-झगड़े के केस आते हैं उनकी एमएलसी कराने के लिए पुलिस रुठियाई स्वास्थ्य केंद्र लेकर ही पहुंचती है। लेकिन डॉक्टर के न मिलने से पुलिस को पीडि़त को साथ लेकर 20 किमी जिला अस्पताल आना पड़ता है। जिससे अतिरिक्त समय के साथ-साथ आर्थिक व्यय भी होता है।

यह बोले जिम्मेदार
डॉक्टर का हैड क्वाटर पर न रुकना बड़ी गड़बड़
रुठियाई स्वास्थ्य केंद्र पर जिन डॉक्टर्स की ड्यूटी है, उन्हें नियमानुसार वहां रुकना जरूरी है। वे डॉक्टर भी उतना ही वेतन ले रहे हैं जितना मैं हैडक्वाटर पर रहकर। रात के समय मैं दूसरे के हैडक्वाटर पर जाकर चैक करूं यह ठीक नहीं। मैं फोन लगाकर डॉक्टर्स से पूछूंगा कि वह कहां हैं। गायब मिलने की स्थिति में कार्रवाई की जाएगी।
डॉ लक्ष्मी कुमार, बीएमओ
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