बिना सुविधा शुल्क दिए नहीं होती डिलेवरी
मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए सरकार जननी सुरक्षा योजना सहित तमाम जनहितैषी योजनाएं चला रही हैं। गर्भवती महिलाओं को पहले दिन से ही पौष्टिक आहार सहित अस्पताल तक पहुंचाने के लिए नि:शुल्क जननी वाहन तथा डिलेवरी के पश्चात भी बतौर प्रोत्साहन राशि उपलब्ध करा रही है। लेकिन इसके उलट रुठियाई स्वास्थ केंद्र पर पदस्थ स्टाफ सुविधा शुल्क के बिना डिलेवरी नहीं करवा रहे। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि वे कई स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों से शिकायत कर चुके हैं लेकिन ठोस कार्रवाई न होने से व्यवस्था में कोई सुधार नहीं आ पा रहा है। ऐसे में सुविधा शुल्क देना ग्रामीणों की मजबूरी बन गया है।
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खास-खास
रुठियाई पीएससी पर निर्भरता
राघौगढ़ नगर पालिका के तीन वार्ड 22, 23, 24 रुठियाई में आते हैं। जिसकी कुल आबादी 13 हजार से अधिक है। इसके अलावा राजस्थान के छबड़ा से भी मरीज व गर्भवती महिलाएं डिलेवरी कराने इसी स्वास्थ्य केंद्र पर आती हैं।
धरनावदा थाना व रुठियाई चौकी में जितने भी दुर्घटना और लड़ाई-झगड़े के केस आते हैं उनकी एमएलसी कराने के लिए पुलिस रुठियाई स्वास्थ्य केंद्र लेकर ही पहुंचती है। लेकिन डॉक्टर के न मिलने से पुलिस को पीडि़त को साथ लेकर 20 किमी जिला अस्पताल आना पड़ता है। जिससे अतिरिक्त समय के साथ-साथ आर्थिक व्यय भी होता है।
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यह बोले जिम्मेदार
डॉक्टर का हैड क्वाटर पर न रुकना बड़ी गड़बड़
रुठियाई स्वास्थ्य केंद्र पर जिन डॉक्टर्स की ड्यूटी है, उन्हें नियमानुसार वहां रुकना जरूरी है। वे डॉक्टर भी उतना ही वेतन ले रहे हैं जितना मैं हैडक्वाटर पर रहकर। रात के समय मैं दूसरे के हैडक्वाटर पर जाकर चैक करूं यह ठीक नहीं। मैं फोन लगाकर डॉक्टर्स से पूछूंगा कि वह कहां हैं। गायब मिलने की स्थिति में कार्रवाई की जाएगी।
डॉ लक्ष्मी कुमार, बीएमओ