एसपी निमिष अग्रवाल ने संवाददाताओं को चर्चा करते हुए बताया कि 6 अप्रैल को सुबह रेलवे पटरी के पास एक अज्ञात लाश मिली थी, जिसकी शिना ती कराई गई तो वह लाश मनोज रजक निवासी घोसीपुरा की निकली थी। एफएसएल अधिकारी आरसी अहिरवार ने उस लाश को देखकर बताया कि गले में रस्सी के निशान है इससे लगता है कि उसकी हत्या की गई है। इसके बाद पुलिस को यह जानकारी मिली थी कि आरोपी भी उसके ही नजदीकी मित्र हो सकते हैं।
आरोपियों को पकडऩे के लिए एक टीम बनाई उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच कर आरोपियों को पकडऩे के लिए एक टीम बनाई गई जिसमें कोतवाली टीआई विवेक अष्ठाना, उप निरीक्षक राजेन्द्र सिंह चौहान, अमित अग्रवाल, उप निरीक्षक पूर्णिमा लांबे को शामिल किया। इस टीम ने आरोपियों को पकड़ा, और उनसे हत्या करना कबूलवाया। पकड़े गए आरोपियों में दो नाबालिगों के अलावा उपेन्द्र केवट, मोसीन उर्फ टिड्डी, राज केवट, प्रदीप ओझा शामिल हैं। इनमें उपेन्द्र पूर्व में भी धारा 3०2 का आरोपी रह चुका है।
आरोपियों ने पुलिस को बताया कि मनोज रजक से उनकी घटना से एक दिन वाले रात में कहासुनी हो गई थी, वह हम पर रूतबा गांठता था, इसलिए हम सबने मिलकर उसको ठिकाने लगा दिया।
जल्द होगा केंट क्षेत्र के अंधे कत्ल का खुलासा
पुलिस अधीक्षक अग्रवाल ने बताया कि केंट में हुए अंधे कत्ल और लूट के आरोपियों का भी जल्द खुलासा होगा, उनके आरोपियों के बारे में पता लग गया है।