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गुना जिला अस्पताल की बिगड़ी व्यवस्थाओं को सुधारने मास्टर प्लान तैयार

locationगुनाPublished: Jan 13, 2021 09:47:29 pm

Submitted by:

Narendra Kushwah

डॉक्टर्स की कमी पूरी करने मेडिकल कॉलेजों को भेजा जाएगा इंटर्न प्रस्ताव रेडक्रास भवन से शिवमंदिर तक बनेंगी नई सड़क- नाली निर्माण व पेवर्स टाइल्स लगाने का भी होगा काम- पीएम हाउस के पास की जाएगी कचरा प्रबंधन की व्यवस्था- टीबी वार्ड के पीछे बनेगी अलग से टू व्हीलर पार्किंग

गुना जिला अस्पताल की बिगड़ी व्यवस्थाओं को सुधारने मास्टर प्लान तैयार

गुना जिला अस्पताल की बिगड़ी व्यवस्थाओं को सुधारने मास्टर प्लान तैयार

गुना. स्वास्थ्य के क्षेत्र से कोरोनाकाल में अच्छी खबर सामने आई है। जल्द ही जिला अस्पताल में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। यहां की स्वास्थ्य सुविधाओं व व्यवस्थाओं को सुधाने प्रशासन ने मास्टर प्लान तैयार कर लिया है। जिसके तहत डॉक्टर्स की कमी पूरी करने के लिए मेडिकल कॉलेजों को इंटर्न प्रस्ताव भेजे जा रहे हैं। परिसर स्थित रेडक्रास भवन से शिवमंदिर तक नई सड़क बनाई जाएगी। उचित जल निकासी के लिए नाली निर्माण तथा पेवर्स टाइल्स लगाई जाएंगी। पीएम हाउस के पास कचरा प्रबंधन की उचित व्यवस्था होगी। टीबी वार्ड के पीछे टू व्हीलर वाहनों के लिए अलग से पार्किंग बनाई जाएगी। इन सभी कामों का प्रस्ताव नोडल अधिकारी व एडीएम विवेक रघुवंशी को भेजा चुका है। जिनमें से कई प्रस्तावों पर अमल भी शुरू हो गया है जबकि कुछ प्रशासनिक स्तर पर प्रोग्रेस में हैं।
जानकारी के मुताबिक जिले की करीब 16 लाख आबादी के स्वास्थ्य का जिम्मा संभालने वाला सरकारी जिला अस्पताल बीते कई सालों से बीमार हैं। लेकिन उसे सुधारने के कोई ठोस प्रयास नहीं किए जा रहे थे। जिससे इसकी हालत दिन व दिन बिगड़ती जा रही थी। लेकिन अब इसे फिर से स्वस्थ बनाने की अहम जिम्मेदारी लेने वाले जिले के मुखिया कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम की अनूठी पहल रंग लाने लगी है। उन्होंने जिन समाज सेवी संस्थाओं पर इसे सुधारने का दायित्व दिया था, उन्होंने बहुत कम समय में अस्पताल की कमियों को खोजकर प्रबंधन व प्रशासन को अवगत कराया। जिसके बाद सुधार कार्य शुरू हो गए हैं। जिसके परिणाम भी सामने आने लगे हैं।
ऐसे हुई बदलाव की शुरूआत
21 दिसंबर से हमारा अस्पताल नंबर-1 अस्पताल अभियान अंतर्गत भारत विकास परिषद् व रोटरी क्लब द्वारा सयुंक्त रूप से जिला अस्पताल का 14 दिनों तक निरीक्षण किया। इस दौरान संस्था के अध्यक्ष व सचिव के अलावा अन्य पदाधिकारी बारी-बारी से आए। कमियां ढूंढने के बाद सुधार व निर्माण कार्यों, व्यवस्था परिवर्तन के कार्यो को सूचीबद्ध किया गया। सभी कार्यों को तीन श्रेणियों में बांटकर कार्ययोजना तैयार कर संबंधितों को भेजी गई है।

प्रशासनिक स्तर पर किए जाने वाले कार्य
रेडक्रास भवन से शिवमंदिर तक नालियां व रोड बननी है। दोनों ओर पेवर्स लगाए जाएंगे।
परिसर में पानी निकासी की व्यवस्था की जानी है।
वैेक्सीन कोल्ड स्टोरेज के पास, शिव मंदिर के सामने, पानी की टंकी के नीचे मेटरनिटी वार्ड की पार्किंग की व्यवस्था पेवर्स लगाकर की जानी है।
रेडक्रास भवन के नीचे वाले हॉल को मीटिंग व कान्फ्रेंस हॉल के रूप में विकसित किया जाना है।
पोस्टमार्टम रूम के पास कचरा प्रबंधन की विशेष व्यवस्था होगी।
टीबी वार्ड के पीछे पेवर्स लगाकर टूव्हीलर वाहनों के अलग से पार्किंग होगी।
सरकारी अस्पताल में लगे दोनों बोर का पानी बेहद दूषित है। जिसके कारण वह लगातार खराब हो रहा है। इस समस्या से निपटने जलावर्धन योजना का कनेक्शन अस्पताल को दिया जाएगा।
ब्लड बैंक में एक ओर डोनर काउच बढ़ाया जाएगा।
परिसर में लगे पेड़ों की ट्रिमिंग की जाएगी।
डॉक्टर्स की कमी दूर करने मेडिकल कॉलेजों को इंटर्न प्रस्ताव भेजे जा रहे हंै।
पाटनी मेडिकल वाले गेट पर जानवरों को आने से रोकने के लिए गेट को छोटा किया जाएगा।
इस गेट के पास गन्दगी रोकने के लिए यूरिनल बनाया जाना है। साथ ही नजदीक स्थित डीपी के आसपास तार फेंसिंग की जाएगी।
नेत्र चिकित्सालय के पास स्थित हर्बल गार्डन को सही देखभाल के लिए जिम्मेदारी तय की जाएगी।
वार्डों में निगरानी के लिए सीसीटीव्ही कैमरे लगाए जाएंगे।
यह कार्य सीएस द्वारा किए जाने हैं
ओपीडी के बाहर डॉक्टर के नाम का चार्ट प्रतिदिन लगाया जाना है ताकि सभी को पता रहे कौनसे डॉक्टर ड्यूटी पर हैं।
मुख्य गेट पर खिड़की क्रमांक-1 पर हेल्प डेस्क प्रारम्भ किया जा चुका है।
डॉक्टर द्वारा पर्चे पर संभावित जांचें लिखने के निर्देश दिए जा चुके हैं।
पाइप सुधारने व लीकेज रोकने का कार्य किया जा रहा है।
गेट पर स्ट्रेचर, व्हीलचेयर व गार्ड की व्यवस्था की जा चुकी है।
जानवरों का प्रवेश रोकने के लिए शुलभ शौचालय वाले प्रवेश मार्ग को बंद करने तथा गाड्र्स को निर्देशित किया गया है।
पीने के पानी की टंकी की सफाई साप्ताहिक की जाएगी।
शिकायत व सुझाव रजिस्टर हेल्पडेस्क पर रख दिया गया है। इसकी सूचना भी वहां प्रदर्शित की गई है। कोई शिकायत व सुझाव आने पर उसी दिन सिविल सर्जन के संज्ञान में लाने के लिए निर्देशित किया गया है।
सर्जिकल वार्ड में स्टोर रूम बनाए जाने की आवश्यकता है। प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गयी है। एग्जास्ट फेन लगाए जाने की जरुरत भी सामने आई है।
शिकायत, सुझाव पेटियां नियमित अन्तराल पर खोलकर उनके निराकरण के रिकार्ड को मेंटेन किया जाना है।
कबाड़ पड़ी सामग्री में से रिपेयरिंग कर उनको वापस इस्तेमाल किये जाने की योजना बनाई जाए। इसके लिए वार्डो से जानकारी मांगी गयी है।
कोविड सैंपल कलेक्शन सेंटर पर टू-वे माइक सिस्टम लगाए जाने की आवश्यकता है।
एक गार्ड हमेशा मुख्य भवन के मुख्य द्वार पर रहना चाहिए।

यह कार्य एनजीओ करेंगे
वार्डो में जाकर सफाई व्यवस्था व सुरक्षा गार्ड की मॉनीटरिंग
सफाई रखने, न थूकने के चेतावनी बोर्ड लगाना है।
हॉस्पिटल बिल्डिंग के सामने शेड लगाकर अटैंडरों के लिए प्रतीक्षालय का निर्माण।
वार्डो में प्रत्येक बेड के नीचे डस्टबिन रखे जाने हैं।
वार्डो में माइक अनाउंसमेंट सिस्टम की आवश्यकता है।
सर्जिकल वार्ड के सामने वाशिंग एरिये में फिल्टर लगाकर पीने के पानी की व्यवस्था की जाएगी। वाटर कूलर भी रखा जाएगा।
हर्बल गार्डन की देखभाल की जिम्मेदारी।
कई जगह शूज स्टैंड की आवश्यकता है।
् शिकायत व सुझावों के निराकरण की मॉनीटरिंग।
बर्न वार्ड में एसी लगाए जाएंगे।
ईसीजी मशीन उपलब्ध करवाई जानी है।

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