आगामी निकाय चुनाव में पीएम आवास योजना बड़ा टर्निंग प्वाइंट साबित हो सकता है, क्योंकि शहर के 37 वार्डों में अधिकतर लोग इसका लाभ लेना चाहते हैं लेकिन नपा की कार्रवाई में कई पात्र हितग्राहियों के आवास अटके हुए हैं। इसे लेकर उनके मन में स्थानीय जनप्रतिनिधि से लेकर नपा व प्रशासन के अधिकारियों के प्रति गहरी नाराजगी बनी है।
इस बारे में पीएम आवास शहर प्रभारी अधिकारी ओपी शर्मा ने कहा कि जिन हितग्राहियों को दूसरी नहीं मिली है। इसके अलावा ऐसा कोई हितग्राही है जिस पहली किस्त का प्रमाण पत्र तो दे दिया लेकिन किस्त खाते में नहीं आई है, वह आधार कार्ड लेकर मेरे पास आएं, मैं चैक कर बता दूंगा कि किस्त रुकने का क्या कारण रहा है। किस्त वितरण जियो टैगिंग के आधार पर होती है। देखना होगा कि प्रक्रिया संबंधित हितग्राहियों के संबंध में पूरी की गई है या नहीं।
इन उदाहरणों से समझें पीएम आवास योजना की जमीनी हकीकत
मुझे इस कॉलोनी में रहते हुए 6 साल हो गए। कॉलोनी के अन्य लोगों के साथ मैंने भी कुटीर के लिए फार्म भरा था, लेकिन अब तक मेरा नाम नहीं आया। जब भी नगर पालिका जाती हूं, तो अगले 6 महीने का समय दे दिया जाता है। इस तरह 6 साल हो गए लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ। अधिकारियों के चक्कर लगाकर मैं थक चुकी हूं।
– अनीता बाई, दीनदयाल वार्ड
मेरे साथ सरकार ने मजाक किया है। दो महीने पहले मुझे पीएम आवास केे तहत पहली किस्त भेजने का प्रमाण पत्र सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान दिया था। जब मैंने अपना खाता चैक किया तो उसमें किस्त की कोई राशि नहीं आई। तब से लेकर अब तक दो महीने गुजर गए लेकिन अभी तक किस्त नहीं मिली। कोई सही जानकारी भी नहीं दे रहा।
– भगवानलाल चौरसिया, नानाखेड़ी
कुटीर मंजूर होने के 4 साल बाद जैसे-तैसे पहली किस्त आई तो कच्चे मकान को तोड़कर नया मकान बनाना शुरू किया। परिवार के 5 सदस्यों को रहने पास में ही खाली पड़े प्लॉट में टीनशेड लगाकर रहने लगे। तब से लेकर अब तक दूसरी किस्त नहीं आई है। मकान में छत नहीं है। बारिश में परिवार कहां रहेगा। अभी गर्मी और मच्छर के बीच रहने को मजबूर हैं।
– भगवानलाल चौरसिया,सरोज बाई, तलैया मोहल्ला