लक्ष्मण सिंह का विवादित बयान
शनिवार को विधायक लक्ष्मण सिंह ने गुना जिले के मधुसूदनगढ़ इलाके में महंगाई के खिलाफ 15 किमी. की पदयात्रा निकाली थी। इसी पदयात्रा की अनुमति न दिए जाने को लेकर लक्ष्मण सिंह कलेक्टर पर भड़क गए। उन्होंने कलेक्टर को लेकर विवादित बयान देते हुए कहा कि कलेक्टर की औकात क्या है ? पहले भी कई कलेक्टर आए और चले गए और आगे भी आते रहेंगे। इतना ही नहीं लक्ष्मण सिंह ने ये भी आरोप लगाया कि जब कभी भी बीजेपी की सभाएं होनी होती हैं तो कोरोना नहीं फैलता और प्रशासन भाजपा को सभा की अनुमति दे देता है लेकिन जब कांग्रेस की रैली या किसानों की आवाज उठाने की बात आती है तो कोरोना फैलने लगता है। विधायक लक्ष्मण सिंह द्वारा निकाली गई 15 किमी. की पदयात्रा मधुसूदनगढ़ के उकावद गांव से शुरु हुई और मधुसूदनगढ़ में आकर खत्म हुई थी। अनुमति न होने के बावजूद हुई इस पदयात्रा में लक्ष्मण सिंह के भतीजे और राघौगढ़ विधायक जयवर्धन सिंह भी शामिल हुए।
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एक एसडीएम टेढ़ा चला था, अब ठीक हो गया- लक्ष्मण सिंह
कलेक्टर को लेकर विवादित बयान देने के बाद विधायक लक्ष्मण सिंह ने एक और प्रशासनिक अफसर का जिक्र करते हुए कहा कि एक एसडीएम आया था जो बड़ा टेड़ा चलता था। लेकिन अब बिल्कुल सीधा हो गया है अब जब कांग्रेस पार्टी का कोई आदमी उसके पास जाता है तो वो खड़े होकर पूछता है कि साहब चाय पियेंगे। लक्ष्मण सिंह ने कहा कि चीफ सेक्रेटरी, कलेक्टर, एसडीएम, जनपद सीईओ सब जनता के नौकर हैं और जनता मालिक है।
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