कक्षा 1 से 12 वीं तक के स्कूल खोलने की अनुमति मिलने के बाद क्लासेस लगना तो शुरू हो गए हैं। कोविड गाइड लाइन का पालन कराने के संबंध में सभी स्कूलों को निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। जिसका पालन भी लगभग सभी स्कूलों में होने लगा है। लेकिन इस दौरान सबसे बड़ी समस्या के रूप में मच्छरों का बढ़ता प्रकोप सामने आया है। जिससे निपटने में अब तक स्कूल प्रबंधन नाकाम रहा है। यह समस्या इतनी गंभीर है कि बच्चे क्लास में बैठ नहीं पा रहे हैं। चिंता की बात तो यह है कि मच्छरों का यह प्रकोप ऐसे समय में आया है जब छोटे बच्चों की क्लासेस 20 सितंबर से शुरू हो रही हैं। कक्षा 6 से 12 वीं तक के बच्चे मच्छरों के काटने की शिकायत पीरियड के दौरान शिक्षकों एवं स्कूल प्रबंधन से लगातार कर रहे हैं। लेकिन अब तक इस समस्या को दूर करने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किए गए हैं।
–
स्कूलों में सफाई व्यवस्था ठीक नहीं
कोरोना की वजह से सरकारी और प्राइवेट स्कूल काफी समय से बंद पड़े थे। शासन ने जैसे-जैसे कक्षावार क्लासेस संचालित करने के आदेश दिए, उसके तहत प्रबंधन ने बच्चों की संख्या के हिसाब से कक्ष खोलने शुरू कर दिए। लेकिन बच्चों को बिठाने से पहले इन कक्षों की ठीक से सफाई नहीं की गई। कई सरकारी स्कूलों में तो झाडू लगाए बिना ही क्लासेस संचालित की जा रही हैं। मच्छरों को मारने के लिए कीटनाशक का छिड़काव भी नहीं कराया गया है। यही वजह है कि इन दिनों बच्चों को मच्छरों की गंभीर समस्या से जूझना पड़ रहा है।
–
निर्देश तो जारी हो रहे, पालन कराने पर ध्यान नहीं
स्कूल खोलने की अनुमति देने के साथ ही तमाम तरह के निर्देश स्कूल शिक्षा विभाग व स्थानीय प्रशासन लगातार जारी कर रहा है। लेकिन आदेशों का धरातल पर कितना पालन हो रहा है, यह देखने की जेहमत अधिकारी नहीं उठा रहे हैं। हाल ही में शिक्षा विभाग ने बच्चों को मच्छरों से बचने के लिए ऐसे कपड़े पहनने की सलाह दी कि जिससे हाथ, पैर पूरी तरह से ढक जाएं। लेकिन मच्छरों को नष्ट करने के लिए जरूरी इंतजाम किए जाने के संबंध में कोई आदेश नहीं दिए गए। वहीं एक और निर्देश स्कूल के आसपास जल जमाव न होने के लिए दिया गया। जिन स्कूलों के आसपास ऐसे हालात अभी भी बने हुए हैं, उसे दूर करने के प्रयास अब तक नहीं किए गए हैं। कुल मिलाकर सभी जिम्मेदारियां स्कूल प्रबंधन पर छोड़ दी गई हैं। ऐसे में स्कूल प्रबंधन बजट का रोना रो रहे हैं। नतीजतन सभी की लापरवाही का खामियाजा बच्चों को ही भुगतना पड़ रहा है।
–
बच्चों और शिक्षकों को इन नियमों का पालन जरूरी
मास्क लगाना अनिवार्य है
पालक व अभिभावक की लिखित अनुमति के बिना स्कूल आने की इजाजत नहीं
शिक्षक को कम से कम एक टीका लगना अनिवार्य है
जुकाम या बुखार है तो तो स्कूल आने की अनुमति नहीं
बच्चे एक दूसरे की चीजें शेयर नहीं करेंगे
स्कूल में प्रवेश करते समय हर बच्चे की थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य
–
फैक्ट फाइल
जिले में कुल स्कूल और नामांकित विद्यार्थी
1223 प्राथमिक स्कूल में 78617
508 मिडिल स्कूल में 48263
75 हाईस्कूल में 20083
51 हायर सेकेंडरी स्कूल में 12865
1857 कुल स्कूल में 64076