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मंडे मेगा स्टोरी : कक्षा 1 से 5 वीं तक के बच्चे आज से स्कूल जाएंगे

locationगुनाPublished: Sep 20, 2021 12:11:52 am

Submitted by:

Narendra Kushwah

– कोविड गाइड लाइन का पालन कराना प्रबंधन के लिए चुनौती- स्कूलों में मच्छर बने बड़ी परेशानी का कारण, बचाव के इंतजाम नहीं- मिडिल और हाइस्कूल के बच्चे बता चुके हैं परेशानी- प्राथमिक कक्षाएं 50 प्रतिशत क्षमता से और मिडिल से हायर सेकेंडरी की कक्षाएं शत प्रतिशत क्षमता से होनी है संचालित

मंडे मेगा स्टोरी : कक्षा 1 से 5 वीं तक के बच्चे आज से स्कूल जाएंगे

मंडे मेगा स्टोरी : कक्षा 1 से 5 वीं तक के बच्चे आज से स्कूल जाएंगे

गुना. पालकों, अभिभावकों के साथ-साथ बच्चों के लिए अच्छी खबर है। अब बच्चों को पूरे समय घर पर ही नहीं रहना पड़ेगा। क्योंकि स्कूल शिक्षा विभाग ने 20 सितंबर यानि कि सोमवार से कक्षा 1 से 5 वीं तक के बच्चों की क्लासेस लगाने की अनुमति दे दी है। इस निर्णय से बच्चों व पालकों में खुशी तो है लेकिन उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंता भी बढ़ गई है। क्योंकि इन दिनों मौसम भी ठीक नहीं है। वायरल का प्रकोप चल रहा है। वहीं स्कूल प्रबंधन के समक्ष कोविड गाइड लाइन का ठीक तरह से पालन कराना चुनौती से कम नहीं है। क्योंकि कक्षा 6 से 12 वीं तक की क्लासेस पहले से ही संचालित हैं। ऐसे में वे स्कूल जिनके एक ही भवन और परिसर में सभी क्लासेस संचालित होती हैं वहां सोशल डिस्टेंस का पालन कराने के लिए प्रबंधन को विशेष व्यवस्था करनी होगी।
जानकारी के मुताबिक स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश के अनुसार कक्षा एक से पांचवीं तक की कक्षाएं फिलहाल 50 प्रतिशत क्षमता के साथ लगनी हैं। वहीं कक्षा 6 से 12 वीं तक की कक्षाएं भी वर्तमान में 50 प्रतिशत क्षमता के अनुसार ही लग रही हैं। सोशल डिस्टेंस बनाए रखने के लिए बच्चों को एक दिन छोड़कर बुलाया जा रहा है। हालांकि शासन ने हॉस्टल वाले स्कूलों में शत प्रतिशत क्षमता के साथ क्लासेस लगाने की अनुमति दे दी है। लेकिन अधिकांश स्कूलों में पर्याप्त जगह का अभाव देखने को मिल रहा है। शासन द्वारा निर्धारित एसओपी यानि कि स्टेंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर तथा कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराने की वजह से इस तरह की दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। जिसके तहत प्रार्थना और लंच भी परिसर में करने की अनुमति नहीं है। बच्चे अभी लंच क्लास के अंदर ही कर रहे हैं।
बच्चों को मच्छरों से बचाना बड़ी चुनौती
कक्षा 1 से 12 वीं तक के स्कूल खोलने की अनुमति मिलने के बाद क्लासेस लगना तो शुरू हो गए हैं। कोविड गाइड लाइन का पालन कराने के संबंध में सभी स्कूलों को निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। जिसका पालन भी लगभग सभी स्कूलों में होने लगा है। लेकिन इस दौरान सबसे बड़ी समस्या के रूप में मच्छरों का बढ़ता प्रकोप सामने आया है। जिससे निपटने में अब तक स्कूल प्रबंधन नाकाम रहा है। यह समस्या इतनी गंभीर है कि बच्चे क्लास में बैठ नहीं पा रहे हैं। चिंता की बात तो यह है कि मच्छरों का यह प्रकोप ऐसे समय में आया है जब छोटे बच्चों की क्लासेस 20 सितंबर से शुरू हो रही हैं। कक्षा 6 से 12 वीं तक के बच्चे मच्छरों के काटने की शिकायत पीरियड के दौरान शिक्षकों एवं स्कूल प्रबंधन से लगातार कर रहे हैं। लेकिन अब तक इस समस्या को दूर करने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किए गए हैं।

स्कूलों में सफाई व्यवस्था ठीक नहीं
कोरोना की वजह से सरकारी और प्राइवेट स्कूल काफी समय से बंद पड़े थे। शासन ने जैसे-जैसे कक्षावार क्लासेस संचालित करने के आदेश दिए, उसके तहत प्रबंधन ने बच्चों की संख्या के हिसाब से कक्ष खोलने शुरू कर दिए। लेकिन बच्चों को बिठाने से पहले इन कक्षों की ठीक से सफाई नहीं की गई। कई सरकारी स्कूलों में तो झाडू लगाए बिना ही क्लासेस संचालित की जा रही हैं। मच्छरों को मारने के लिए कीटनाशक का छिड़काव भी नहीं कराया गया है। यही वजह है कि इन दिनों बच्चों को मच्छरों की गंभीर समस्या से जूझना पड़ रहा है।

निर्देश तो जारी हो रहे, पालन कराने पर ध्यान नहीं
स्कूल खोलने की अनुमति देने के साथ ही तमाम तरह के निर्देश स्कूल शिक्षा विभाग व स्थानीय प्रशासन लगातार जारी कर रहा है। लेकिन आदेशों का धरातल पर कितना पालन हो रहा है, यह देखने की जेहमत अधिकारी नहीं उठा रहे हैं। हाल ही में शिक्षा विभाग ने बच्चों को मच्छरों से बचने के लिए ऐसे कपड़े पहनने की सलाह दी कि जिससे हाथ, पैर पूरी तरह से ढक जाएं। लेकिन मच्छरों को नष्ट करने के लिए जरूरी इंतजाम किए जाने के संबंध में कोई आदेश नहीं दिए गए। वहीं एक और निर्देश स्कूल के आसपास जल जमाव न होने के लिए दिया गया। जिन स्कूलों के आसपास ऐसे हालात अभी भी बने हुए हैं, उसे दूर करने के प्रयास अब तक नहीं किए गए हैं। कुल मिलाकर सभी जिम्मेदारियां स्कूल प्रबंधन पर छोड़ दी गई हैं। ऐसे में स्कूल प्रबंधन बजट का रोना रो रहे हैं। नतीजतन सभी की लापरवाही का खामियाजा बच्चों को ही भुगतना पड़ रहा है।

बच्चों और शिक्षकों को इन नियमों का पालन जरूरी
मास्क लगाना अनिवार्य है
पालक व अभिभावक की लिखित अनुमति के बिना स्कूल आने की इजाजत नहीं
शिक्षक को कम से कम एक टीका लगना अनिवार्य है
जुकाम या बुखार है तो तो स्कूल आने की अनुमति नहीं
बच्चे एक दूसरे की चीजें शेयर नहीं करेंगे
स्कूल में प्रवेश करते समय हर बच्चे की थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य

फैक्ट फाइल
जिले में कुल स्कूल और नामांकित विद्यार्थी
1223 प्राथमिक स्कूल में 78617
508 मिडिल स्कूल में 48263
75 हाईस्कूल में 20083
51 हायर सेकेंडरी स्कूल में 12865
1857 कुल स्कूल में 64076
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