एबी रोड पर न स्ट्रीट लाइट चालू और ना ब्लंकर, हादसों में दो माह में तोड़ा ३५ लोगों ने दम
मौत का नेशनल हाइवे: दो माह में हुईं ११७ दुर्घटनाएं, मामूली लापरवाही बन रही जानलेवा

गुना. सड़क हादसों में दो माह में ३५ से ज्यादा लोगों की जान चली गई है। यहां ६० दिन में ११७ दुर्घटनाएं हुईं। मरने वालों की संख्या नेशनल हाइवे पर ज्यादा है। इसके पीछे वजह ये है कि हाइवे पर न तो स्ट्रीट टाइट चालू है और ना ही ब्लंकर। रोड सेफ्टी के लिए डाली सफेद पट्टी भी कई जगह गायब है। जबकि भदौरा, विलोनिया, म्याना, रुठियाई सहित कई जगह स्ट्रीट लाइट लगाई थी।
पत्रिका ने इसकी पड़ताल की तो कई खामियां सामने आई हैं। नेशनल हाइवे पर रात के समय दुर्घटनाएं ज्यादा हो रही हैं। यहां दूसरे वाहनों की हेडलाइट की चकाचौंध से वाहन दूसरे वाहन में टकरा जाते हैं। खासकर मोटर साइकिल सवार ऐसे हादसों का शिकार हो रहे हैं। हाईवे पर जानवरों के विचरण और बेतरतीब ठंग से वाहन खड़ा करने से दुर्घटनाएं हो रही हैं।
वाहन चलाने में थोड़ी से लापरवाही भी जानलेवा है। साक्षी कालेज और खटकिया चौराहा पर सबसे ज्यादा हादसे हुए हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष २०१९ में सड़क हादसों में १६० से ज्यादा लोग जान गंवा चुके थे। तीन सचाल में ४०० से अधिक लोग दम तोड़ चुके हैं और डेढ़ हजार से ज्यादा स्थायी रूप से विकलांग हो गए, जो हर दिन हादसे का दर्द महसूस कर रहे हैं।
एबी रोड पर ये हैं जानलेवा ब्लैक स्पॉट
हाइवे पर ८ सबसे खतरनाक ब्लैक स्पॉट हैं। यहां वर्ष २०१६, २०१७ और २०१८ में सबसे ज्यादा हादसे हुए हैं। कुंभराज थाना क्षेत्र में बस स्टॉप के सामने खटकिया कालोनी, विजयपुर थाना क्षेत्र में दौराना चौराहा, धरनावदा क्षेत्र में गौरा की पुलिया और म्याना थाना क्षेत्र में पाटई, दुनाई, डुंगासरा, साक्षी कालेज, खजूरी सबसे खतरनाक स्पॉट है। वर्ष २०१९ में खटकिया, पाटई और साक्षी कालेज के सामने हादसे हुए। वर्ष २०२० में इन स्पॉट पर ज्यादा हादसे हुए हैं।
यहां डाली लाल मुरम
उधर, विलोनिया से नानाखेड़ी के बीच पुरानी एबी रोड किनारे लाल मुरम डाल दी है। इससे रोड की सफेद पट्टी दब गई है। रात में हेड लाइट की चकाचौंध में रोड नजर नहीं आ रही है। यहां दो दिन में दो वाहन वन भूमि में घुस गए। यहां बीच की पट्टी नजर आ रही है। समय रहते इसे ठीक नहीं कराया तो कोई बड़ा हादसा हो सकता है। बाइपास रोड पर कई जगह गड्ढे हैं और सफेद रंग की पट्टी भी गायब है। इस वजह से दुर्घटना का भय बना हुआ है।
ये हैं खामियां
नेशनल हाइवे पर लगाई लाइट चालू नहीं है। इसलिए यहां कुछ दिखाई नहीं देता।
नेशनल हाइवे दूर से डिवाइडर दिखे, इसलिए ब्लंकर नहीं लगाए हैं।
हेडलाइट को लेकर सख्ती नहीं है, सामने वाले वाहन चालक पर पूरी रोशनी पड़ती है।
एबी रोड पर जहां हादसे हो रहे हैं, वहां वाहनों को खड़ा करने अतिरिक्त जगह नहीं है।
मोड और दुर्घटना संभावित क्षेत्रों पर बोर्ड नहीं लग सके।
दो महीने में हादसों का ग्राफ
माह दुर्घटना घायल मृतक
जनवरी २०१९ ६७ ७८ १६
जनवरी २०२० ६२ ७३ १४
फरवरी २०१९ ७२ ९२ १५
फरवरी २०२० ५५ ४५ १०
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