scriptवोटरों की नजर में खरे नहीं उतरे जनप्रतिनिधि, 7 साल में न बनी नाली और न खरंजे का निर्माण | Neither the drain nor the construction of the ditch was made in 7 year | Patrika News

वोटरों की नजर में खरे नहीं उतरे जनप्रतिनिधि, 7 साल में न बनी नाली और न खरंजे का निर्माण

locationगुनाPublished: Dec 07, 2021 12:33:38 am

Submitted by:

Narendra Kushwah

पंचायत चुनाव : ग्राम पंचायत बजरंगगढ़ और खेजराविकास बनेगा पंचायत चुनाव में मुद्दाएक गांव में सरपंच पद के आठ से दस दावेदार

गुना। जिला मुख्यालय से सटी ग्राम पंचायत खेजरा और बजरंगगढ़ हैं। इन ग्राम पंचायतों से जुड़े गांव के लोग विकास की बाट जोह रहे हैं। उनके यहां न तो नाली है और न ही खरंजा। गांवों की गलियां जो कीचड़ से सनी है उसमें से निकल कर जाना भी मुश्किल हो जाता है। बजरंगगढ़ के बाजार में पानी की टंकी और कुटीरों में हुई धांधली यहां का चुनावी मुद्दा बन सकता है। खेजरा में गौशाला का निर्माण न होने से आवारा मवेशी और विकास न होने से खेजरा ग्राम पंचायत के वोटरों में नाराजगी देखी गई। इन दो ग्राम पंचायतों के सरपंच पद के लिए नए दावेदारों के रूप में कई नाम अभी से सामने आने लगे हैं।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक पंचायत चुनाव की घोषणा होने के साथ गांव-गांव में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सर्दी के बीच गुनगुनी धूप में चौपालें लगने लगी हैं। जिसमें गांव के विकास की बातें और अधूरे कामों पर चर्चा और बहस होने लगी हैं। वहीं दावेदार भी सक्रिय हो गए हैं। चुनावी गतिविधियों के शुरू होने के बाद जिल े के गांवों में क्या हालात हैं। यह जानने के लिए पत्रिका टीम ने सबसे पहले चुना गुना जनपद की ग्राम पंचायत बजरंगगढ़ और खेजरा ग्राम पंचायत को। खेजरा जाने के लिए साधनों और पहुंच मार्ग की बात करें तो सड़क की हालत बेहद ही शानदार है। जबकि आवागमन के रूप में ज्यादातर लोग निजी साधनों के अलावा ऑटो का उपयोग करते हैं। वैसे बस भी चलती हैं जो सुबह शाम के अलावा दिन में भी आती- जाती है।
खेजरा ग्राम पंचायत
आवागमन के क्षेत्र में सबसे बड़ी बांधा रास्ते में पडऩे वाले दो रेलवे अंडर ब्रिज हैं। इनमें गुना की ओर से जाने पर पडऩे वाला पहला अंडर ब्रिज ज्यादा ज्यादा परेशानी पैदा करता है। क्योंकि यहां बारिश के समय में ज्यादा गहराई तक पानी कई दिनों तक भरा रहता है। जबकि दूसरे अंडर ब्रिज में नाली बनाकर कुछ हद तक जल भराव की समस्या को कम कर लिया गया है। गांव के लाखन सिंह यादव बताते हंै बारिश में हालात इतने ज्यादा खराब हो जाते हंै कि यदि जरूरी काम की वजह से बाइक पानी और कीचड़ के बीच से निकाल लेते हैं तो बाइक खराब हो जाती है। बारिश के तीन महीनों में बाइक की कई बार सर्विस करानी पड़ती है।
पीताखेड़ी गांव को मिलाकर बनी है खैजरा पंचायत
करीब 3500 आबादी वाली खैजरा पंचायत पीताखेड़ी गांव को मिलाकर बनी है। इस पंचायत में मूलभूत सुविधाओं की बात करें तो इससे कोसों दूर नजर आती है। खैजरा और पीताखेड़ी दोनों ही गांव में चलने के लिए अच्छी सड़कें नहीं हैं।
10 वीं के बाद पढऩे गुना जाना पड़ता है
खैजरा पंचायत में सरकारी स्कूल 10 वीं तक है। ऐसे में विद्यार्थियों को आगे की पढ़ाई करने गुना ही जाना पड़ता है। चूंकि गुना से खैजरा तक का मार्ग सुगम है तथा दूरी भी ज्यादा नहीं है इसलिए अधिकांश बच्चे निजी साधनों से ही गुना आते जाते हैं।

डिलेवरी की नहीं है सुविधा
खैजरा पंचायत स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी पिछड़ी है। यहां उपस्वास्थ्य केंद्र तो है लेकिन गर्भवती महिलाओं की डिलेवरी की सुविधा नहीं है। जिसके कारण गांव वालों को गुना ही आना पड़ता है। लेकिन इस काम में भी दो बड़ी बाधाएं हैं। पहली समस्या गर्भवती महिला को गुना ले जाने की है। जिसके लिए एक मात्र विकल्प एंबुलेंस ही है। जो समय पर बहुत कम बार ही मिल पाती है।
ये हैं खेजरा ग्राम पंचायत की प्रमुख समस्याएं
खैजरा पहुंचने के लिए रास्ते में दो रेलवे अंडर ब्रिज पड़ते हैं। इनमें एक अंडर ब्रिज बारिश के मौसम मेे बहुत ज्यादा पर परेशानी का कारण बनता है।
गुना से गांव तक का पहुंच मार्ग तो बेहद अच्छा है। लेकिन गांव के अंदर के हाल ठीक नहीं हैं। जिन गलियों में सीसी सड़क है भी तो वह किसी काम काम की नहीं है। क्योंकि नालियों के अभाव में बीच रास्ते मेे गंदगी फैल रही है।
गांव में पेयजल व्यवस्था के लिए नलजल योजना तो है लेकिन सभी लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पाता। इसकी वजह है कि ऊंचाई वाले इलाकों में पानी का चढ़ाव न हो पाना। ऐसे में शेष लोग हंैडपंप पर ही निर्भर हैं।
-आवारा मवेशी और खेतों तक जाने वाले मार्ग पर अतिक्रमण
-मुक्ति धाम की जमीन पर कब्जा,जिससे अंतिम संस्कार करने में आती है परेशानी

ये है बजरंगगढ़ ग्राम पंचायत
दस हजार से अधिक की आबादी और 5500 से अधिक वोटिंग वाली बजरंगगढ़ ग्राम पंचायत जो अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। पूर्व के इतिहास अनुसार बजरंगगढ़ गुना जिला मुख्यालय हुआ करता था। इस ग्राम पंचायत के अन्तर्गत बजरंगगढ़, निर्भयगढ़, मल्लनपुरा, नवीन कॉलोनी, पठारिया और माना जैसे गांव आते हैं। इस ग्राम पंचायत के बाजार में जो टंकी बनना थी, वह अभी तक नहीं बन पाई। इस ग्राम पंचायत के अन्तर्गत बजरंगगढ़ का किला आता है, जहां काफी लोग घूमने आते हैं। यहां के लोगों ने बताया कि यहां की ग्राम पंचायत में सबसे अधिक गड़बड़ी कुटीरों के मामले में भ्रष्टाचार हुआ है। इसके साथ ही यहां बनाई गई सड़क का निर्माण भी घटिया हुआ था, जो काफी चर्चाओं में रहा था। अधिकतर गलियों में खरंजा न होने से पानी भरा ही रहता है।

जरा इनकी भी सुनो
शासन से मुझे शौचालय मंजूर हुआ था। जिसे पंचायत 4 साल बाद भी नहीं बनवा सकी। ऐसे में परिवार के सदस्यों को खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है।
लाखन सिंह यादव खेजरा
-गांव में समस्याएं तो बहुत हैं लेकिन नालियां न बनने से गांवों के अंदर की गलियों के बहुत बुरे हाल हैं। जहां देखो वहां घूरे लगे हुए हैं। सफाई नाम की कोई व्यवस्था नहीं है। सरकारी मुक्तिधाम की जमीन पर कुछ दबंगों ने कब्जा कर लिया है।खेतों तक पहुंचने वाले मार्ग पर बहुत ज्यादा अतिक्रमण हो चुका है। गौशाला अधूरी है, आवारा मवेशी फसल नष्ट करते हैं।
कल्याण सिंंह यादव खेजरा
फैक्ट फाइल
्रग्राम पंचायत खैजरा
कुल आबादी : 3500
वोटिंग : 1788
ग्राम पंचायत बजरंगगढ़
कुल आबादी : दस हजार
वोटिंग- 5500
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