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पत्रिका बिग इश्यू : 17 गांव के स्वास्थ का जिम्मा संभालने वाले धरनावदा स्वास्थ्य केंद्र पर 2 माह से एएनएम नहीं

locationगुनाPublished: Oct 27, 2021 11:59:24 am

Submitted by:

Narendra Kushwah

टीकाकरण के लिए 13 से 15 किमी दूर दूसरे गांव के स्वास्थ्य केंद्र पर निर्भर ग्रामीणधरनावदा उप स्वास्थ्य केंद्र आरोग्य केंद्र में तब्दील लेकिन डिलवेरी की सुविधा नहींगंभीर मरीज और गर्भवती महिलाओं का रास्ता रोकता है रुठियाई रेलवे फाटक

पत्रिका बिग इश्यू : 17 गांव के स्वास्थ का जिम्मा संभालने वाले धरनावदा स्वास्थ्य केंद्र पर 2 माह से एएनएम नहीं

पत्रिका बिग इश्यू : 17 गांव के स्वास्थ का जिम्मा संभालने वाले धरनावदा स्वास्थ्य केंद्र पर 2 माह से एएनएम नहीं

गुना/धरनावदा . सरकार ग्रामीण अंचल में स्वास्थ सुविधाओं को मुहैया कराने स्वास्थ केंद्र तो बड़ी संख्या में खोल रही है लेकिन स्टाफ के अभाव में इसका लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है। ताजा मामला राघौगढ़ विधानसभा क्षेत्र के धरनावदा उपस्वास्थ्य केंद्र का सामने आया है। जहां दो माह से एएनएम नहीं है। जिसके कारण आसपास के 17 गांवों में टीकाकरण कार्य प्रभावित हो रहा है। ऐसे में ग्रामीणों को मजबूरीवश 13 से 15 किमी की अतिरिक्त यात्रा कर दूसरे गांव के स्वास्थ्य केंद्र पर टीका लगवाने जाना पड़ रहा है। वहीं कुछ लोग तो आवागमन की सुविधा न होने से टीकाकरण से तक वंचित हो गए हैं। गौर करने वाली बात है कि धरनावदा उपस्वास्थ्य केंद्र को आरोग्य केंद्र तो बना दिया गया है लेकिन यहां सबसे जरूरी सुविधा डिलेवरी की नहीं है। गंभीर मरीज और गर्भवती महिलाओं को जब नजदीकी रुठियाई स्वास्थ्य केंद्र ले जाया जाता है तो वहां जाने में सबसे बड़ा रोड़ा रुठियाई रेलवे फाटक बनता है। इस तरह की समस्याओं से क्षेत्र के ग्रामीण काफी समय से जूझ रहे हैं लेकिन अभी तक न तो क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने ध्यान दिया है और न ही शासन-प्रशासन ने।
जानकारी के मुताबिक धरनावदा उपस्वास्थ्य केंद्र पर आसपास के 17 गांवों के ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने की जिम्मेदारी है। लेकिन यहां स्टाफ के नाम पर एक मात्र राजपाल राजपूत सीएचओ (कम्यूनिटी हैल्थ ऑफीसर) के पद पर पदस्थ हैं। वहीं 17 गांव में नियमित टीकाकरण की जिम्मेदारी संभालने वाली एक मात्र एएनएम सुगरती दहीकर लंबे मेडिकल अवकाश पर हैं। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक उन्हें अवकाश पर रहते हुए करीब 2 माह हो चुके हैं। लेकिन स्वास्थ्य महकमे ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया। इलाके के लोगों को गर्भवती महिलाएं व बच्चों को टीका लगवाने 13 से 15 किमी दूर दूसरे गांव के स्वास्थ्य केंद्र या फिर जिला अस्पताल तक आना पड़ रहा है। इसमें लोगों को अतिरिक्त समय व आर्थिक व्यय भी हो रहा है। यही नहीं एक बड़ा वर्ग तो टीकाकरण से वंचित भी हो गया है। जिस दिनांक को टीका लगना था वह डेट निकल चुकी है।
जिस अस्पताल से 17 गांव जुड़े वहां डिलेवरी तक की सुविधा नहीं
शिशु एवं मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए सरकार विभिन्न जनहितैषी योजनाओं के माध्मय से करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। संस्थागत सुरक्षित प्रसव के लिए गांव-गांव स्वास्थ्य केंद्रों पर डिलेवरी प्वाइंट बनाए गए हैं। लेकिन धरनावदा का उपस्वास्थ्य केंद्र इसमें अपवाद है। इसके भवन की रंगाई पुताई कर आरोग्य केंद्र लिखवा दिया गया है तथा कम्प्यूनिटी हैल्थ ऑफीसर की पदस्थापना भी कर दी गई है। लेकिन सबसे जरूरी आवश्यकता डिलेवरी की सुविधा यहां नहीं है। जिसके कारण गर्भवती महिलाओं को न सिर्फ जांच करवाने बल्कि प्रसव के लिए भी रुठियाई स्वास्थ्य केंद्र जाना पड़ता है। जिसकी दूरी धरनावदा से करीब 13 किमी पड़ती है। जबकि क्षेत्र के अन्य गांवों के लोगों को 15 किमी का सफर पड़ता है। ऐसे लोगों को ज्यादा दिक्कत आती है जिनके पास निजी वाहन उपलब्ध नहीं हैं।

गर्भवती महिलाओं को ले जाने में रुठियाई रेलवे फाटक बड़ी बाधा
स्वास्थ्य महकमे के आला अधिकारी कहते हैं कि धरनावदा स्वास्थ्य केंद्र पर यदि प्रसव कराने की सुविधा नहीं है तो रुठियाई स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं। लेकिन इस मार्ग में सबसे बड़ी बाधा रुठियाई से गुजरी रेलवे लाइन है। जहां अक्सर टे्रनों की आवाजाही की वजह से फाटक लगा दिया जाता है। जिससे झगड़े व दुर्घटना में घायल हुए गंभीर मरीज व गर्भवती महिला को ले जाने के लिए आधा से एक घंटे तक का इंतजार करना पड़ता है। यह देरी मरीज के लिए जानलेवा भी साबित हो जाती है।

आदर्श गांव भुलाए में कागजों में चल रहा स्वास्थ्य केंद्र
जिले के दूरस्थ ग्रामीण अंचल के कई गांवों में तो सिर्फ कागजों में ही स्वास्थ्य केंद्र संचालित हो रहे हैं। इनमें से एक है राघौगढ़ विधानसभा क्षेत्र की भुलाए पंचायत। जिसे शासन ने आदर्श गांव बनाने का बीड़ा उठाया था लेकिन आज तक सफलता नहीं मिल सकी। इसके बावजूद इस गांव की पहचान आदर्श गांव के रूप में हो रही है। वर्तमान में इस गांव के यह हालात हैं कि यहां शासन ने कागजों में स्वास्थ्य केंद्र खोल दिया है। लेकिन स्टाफ की पदस्थापना नहीं की है। जिसके कारण यह स्वास्थ्य केंद्र धरनावदा उपस्वास्थ्य केंद्र से अटैच होकर संचालित बताया जा रहा है।

इन गांवों में दो माह से टीकाकरण प्रभावित
ग्राम भुलाए, चक, सनौतिया, लक्ष्मणपुरा, सरवरपुर, बमूरिया, धरनावदा, गोंदलपुर, चक, खेजराड़ गुरूजी, चक, चंदन खिरिया, खिरिया चांदाखेड़ी आदि।

एएनएम टीकाकरण करने गांव में ही आती थी। लेकिन जब कई दिनों तक नहीं आईं तो मैं अपने बच्चे को लेकर धरनावदा स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा तब पता चला कि एएनएम छुट्टी पर हैं। वहां मिले स्टाफ ने बताया कि आपको टीकाकरण कराने रुठियाई स्वास्थ्य केंद्र जाना पड़ेगा।
राहुल चंदेल, ग्रामीण

धरनावदा स्वास्थ्य केंद्र पर डिलेवरी की सुविधा न होने से धरनावदा ही नहीं बल्कि आसपास के 17 गांवों के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। जब भी रुठियाई जाते हैं तो रेलवे फाटक लगा मिलता है। यहां एक घंटे तक रुकना पड़ता है। कई बार एंबुलंसे
दिनेश धाकड़, ग्रामीण

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