शिशु एवं मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए सरकार विभिन्न जनहितैषी योजनाओं के माध्मय से करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। संस्थागत सुरक्षित प्रसव के लिए गांव-गांव स्वास्थ्य केंद्रों पर डिलेवरी प्वाइंट बनाए गए हैं। लेकिन धरनावदा का उपस्वास्थ्य केंद्र इसमें अपवाद है। इसके भवन की रंगाई पुताई कर आरोग्य केंद्र लिखवा दिया गया है तथा कम्प्यूनिटी हैल्थ ऑफीसर की पदस्थापना भी कर दी गई है। लेकिन सबसे जरूरी आवश्यकता डिलेवरी की सुविधा यहां नहीं है। जिसके कारण गर्भवती महिलाओं को न सिर्फ जांच करवाने बल्कि प्रसव के लिए भी रुठियाई स्वास्थ्य केंद्र जाना पड़ता है। जिसकी दूरी धरनावदा से करीब 13 किमी पड़ती है। जबकि क्षेत्र के अन्य गांवों के लोगों को 15 किमी का सफर पड़ता है। ऐसे लोगों को ज्यादा दिक्कत आती है जिनके पास निजी वाहन उपलब्ध नहीं हैं।
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गर्भवती महिलाओं को ले जाने में रुठियाई रेलवे फाटक बड़ी बाधा
स्वास्थ्य महकमे के आला अधिकारी कहते हैं कि धरनावदा स्वास्थ्य केंद्र पर यदि प्रसव कराने की सुविधा नहीं है तो रुठियाई स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं। लेकिन इस मार्ग में सबसे बड़ी बाधा रुठियाई से गुजरी रेलवे लाइन है। जहां अक्सर टे्रनों की आवाजाही की वजह से फाटक लगा दिया जाता है। जिससे झगड़े व दुर्घटना में घायल हुए गंभीर मरीज व गर्भवती महिला को ले जाने के लिए आधा से एक घंटे तक का इंतजार करना पड़ता है। यह देरी मरीज के लिए जानलेवा भी साबित हो जाती है।
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आदर्श गांव भुलाए में कागजों में चल रहा स्वास्थ्य केंद्र
जिले के दूरस्थ ग्रामीण अंचल के कई गांवों में तो सिर्फ कागजों में ही स्वास्थ्य केंद्र संचालित हो रहे हैं। इनमें से एक है राघौगढ़ विधानसभा क्षेत्र की भुलाए पंचायत। जिसे शासन ने आदर्श गांव बनाने का बीड़ा उठाया था लेकिन आज तक सफलता नहीं मिल सकी। इसके बावजूद इस गांव की पहचान आदर्श गांव के रूप में हो रही है। वर्तमान में इस गांव के यह हालात हैं कि यहां शासन ने कागजों में स्वास्थ्य केंद्र खोल दिया है। लेकिन स्टाफ की पदस्थापना नहीं की है। जिसके कारण यह स्वास्थ्य केंद्र धरनावदा उपस्वास्थ्य केंद्र से अटैच होकर संचालित बताया जा रहा है।
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इन गांवों में दो माह से टीकाकरण प्रभावित
ग्राम भुलाए, चक, सनौतिया, लक्ष्मणपुरा, सरवरपुर, बमूरिया, धरनावदा, गोंदलपुर, चक, खेजराड़ गुरूजी, चक, चंदन खिरिया, खिरिया चांदाखेड़ी आदि।
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एएनएम टीकाकरण करने गांव में ही आती थी। लेकिन जब कई दिनों तक नहीं आईं तो मैं अपने बच्चे को लेकर धरनावदा स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा तब पता चला कि एएनएम छुट्टी पर हैं। वहां मिले स्टाफ ने बताया कि आपको टीकाकरण कराने रुठियाई स्वास्थ्य केंद्र जाना पड़ेगा।
राहुल चंदेल, ग्रामीण
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धरनावदा स्वास्थ्य केंद्र पर डिलेवरी की सुविधा न होने से धरनावदा ही नहीं बल्कि आसपास के 17 गांवों के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। जब भी रुठियाई जाते हैं तो रेलवे फाटक लगा मिलता है। यहां एक घंटे तक रुकना पड़ता है। कई बार एंबुलंसे
दिनेश धाकड़, ग्रामीण