इसके तहत यहां महत्वपूर्ण शाखा स्थापना का काम देखने वाले एक कर्मचारी पर कुछ अफसर और सत्ता से जुड़े नेता अपने स्वार्थ के खातिर इस कदर मेहरबान है कि कुछ समय पूर्व निलंबित हुए इस कर्मचारी को पुन: नियम-कायदों को दरकिनार कर स्थापना शाखा का कार्यभार सौंप दिया गया।
अस्पताल के कर्मचारियों के अनुसार यहां का अधिकतर स्टॉफ स्थापना शाखा का काम देखने वाले सौरभ साहू से परेशान है, इसकी शिकायत सिविल सर्जन से भी कर चुके हैं, इसके बाद भी इस बाबू को यहां से हटाया नहीं जा रहा है।
यहां तक की बीते रोज प्रोफाइल अपडेट न होने से वेतन रुक जाने को लेकर जब सौरभ साहू से रेडियोग्राफर अनिल कुमार पटेरिया ने कारण पूछा, तो उन्हें जवाब देने की जगह उसने उनके साथ झूमाझटकी तक कर दी।
फिलहाल यह मामला सिटी कोतवाली तक पहुंच गया है। उधर प्रोफाइल अपडेट न होने से जिला अस्पताल के एक दर्जन से अधिक कर्मचारियों का वेतन रुक गया है।
बताया जाता है कि जिला अस्पताल के क्लर्क सौरभ साहू से रेडियोग्राफर अनिल कुमार पटेरिया ने वेतन न मिलने पर सौरभ से पूछा, कैसे प्रोफाइल अपडेशन होगी। यह पूछे जाने से साहू नाराज हो गए और पटेरिया से झूमाझटकी कर दी। हालांकि सौरभ साहू ने पटेरिया से झूमाझटकी करने की बात से इनकार किया है।
पटेरिया ने झूमाझटकी करने वाले सौरभ साहू के खिलाफ सिटी कोतवाली में आवेदन दिया। वहीं सौरभ साहू भी पटेरिया के खिलाफ पुलिस को आवेदन दे आए हैं।
स्टॉफ ने लगाए गंभीर आरोप: हर काम के उसे पैसे चाहिए-
जिला अस्पताल के स्टॉफ ने नाम न छापने की शर्त पर आरोप लगाया कि सौरभ साहू हर काम के बदले पैसे मांगता है, न देने पर न तो अवकाश स्वीकृत करता है और न दूसरे विभागीय काम।
आठ-दस नर्सों का कहना था कि हम अवकाश लेकर अपने घर जाते हैं तो इस अवकाश के दिनों के वेतन में भी अवैध रूप से पैसा मांगता है, इसकी हम लोग सिविल सर्जन से शिकायत कर चुके हैं, मगर कोई भी उसके विरुद्ध कार्रवाई करने को तैयार नहीं हैं।
एक स्टॉफ ने तो यहां तक कहा कि सिविल सर्जन खुद उक्त बाबू से परेशान हैं लेकिन वह उनके काम में कहीं अड़ंगा न डाल दे इससे उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं करा पा रहे हैं। इस संबंध में जब सिविल सर्जन डा. हर्षवर्धन जैन को मोबाइल लगाया तो घंटी जाती रही, लेकिन उन्होंने रिसीव नहीं किया।