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न रैंप न लिफ्ट, गंभीर मरीजों को चढऩी पड़ रहीं सीढिंया

पत्रिका फोकस :एक साल बाद भी न बन सका रैंप और न चालू हो सकी लिफ्टबिना सुविधा के ही फस्र्ट फ्लोर पर चालू किया मेडीकल वार्ड व डायलिसिस यूनिटवृद्ध व गंभीर मरीजों को हो रही परेशानीअस्पताल प्रबंधन नहीं दे रहा ध्यानमामला जिला अस्पताल के डीईआईसी भवन का

गुनाSep 18, 2019 / 03:05 pm

Narendra Kushwah

न रैंप न लिफ्ट, गंभीर मरीजों को चढऩी पड़ रहीं सीढिंया

गुना। मरीजों की परेशानी के प्रति प्रशासनिक अधिकारी गंभीर नहीं है। यही कारण है कि जिला अस्पताल में एक साल बाद भी न तो रैंप का काम पूर्ण हो सका है और न ही लिफ्ट चालू हो सकी है। जिसके अभाव में वृद्ध व गंभीर मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है। क्योंकि अस्पताल प्रबंधन ने सुविधाओं के अभाव में डीईआईसी भवन के फस्र्ट फ्लोर पर मेडीकल वार्ड के अलावा डायलिसिस यूनिट भी चालू कर दी।

स्वास्थ्य मंत्रालय की स्पष्ट गाइड लाइन है
जानकारी के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्रालय की स्पष्ट गाइड लाइन है कि किसी भी सरकारी अस्पताल के लिए जब भी भवन निर्माण कराया जाए तो उसमें सबसे पहले मरीज व स्टाफ की सुविधा का ध्यान रखा जाए लेकिन गुना जिला अस्पताल में इस गाइड लाइन का पालन बिल्कुल भी नहीं किया गया। नतीजतन अस्पताल परिसर में मेटरनिटी विंग के पास बनाए गए डीईआईसी (जिला शीघ्र हस्तक्षेप केंद्र) भवन को दो मंजिला बना दिया गया।

लिफ्ट का निर्माण कराया नहीं
लेकिन न तो रैंप बनाया गया और न ही लिफ्ट का निर्माण कराया गया। यही नहीं अस्पताल प्रबंधन ने संवेदनहीनता का परिचय देते हुए बिना सुविधा के ही भवन के फस्र्ट फ्लोर पर पहले डायलिसिस यूनिट चालू की। इसके बाद मेडीकल वार्ड भी चालू कर दिया गया।

न रैंप न लिफ्ट, गंभीर मरीजों को चढऩी पड़ रहीं सीढिंया
फर्स्ट फ्लोर तक नहीं जा पाते हैं
इसके बाद से ही लगातार मरीज परेशान हो रहे हैं। क्योंकि गंभीर मरीजों को ओपीडी काउंटर से वार्ड तक की काफी दूरी तय करने के अलावा काफी सीढिय़ां भी चढऩी पड़ती है। ऐसे में श्वांस व गंभीर बीमारी से पीडि़त वृद्ध मरीज फर्स्ट फ्लोर तक नहीं जा पाते हैं।

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