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न सुरक्षा-न व्यवस्था, यह कैसा बस स्टैंड

बस स्टैंड पर सबसे ज्यादा परेशानी सफाई व्यवस्था न होने से है। शर्मनाक स्थिति यह है कि बस स्टेंड परिसर में नपा सफाई करने की वजाए वार्डों का कचरा एकत्रित कर यहां डंप कर जाती है। जिससे आसपास के दुकानदार बेहद परेशान हैं।

गुनाJan 13, 2019 / 07:47 pm

brajesh tiwari

patrika

बस स्टेंड परिसर में नपा सफाई करने की वजाए वार्डों का कचरा एकत्रित कर यहां डंप कर जाती है।

गुना. यात्री व बस ऑपरेटरों की सुविधा के लिए शासन ने सर्वसुविधायुक्त बस स्टैंड निर्माण के लिए लाखों रुपए का बजट दिया और नगर पालिका ने बस स्टैेंड का निर्माण भी कराया लेकिन नपा के जिम्मेदार अधिकरियों के उदासीन रवैए के चलते यहां आज भी व्यवस्थाएं शून्य बनी हुई हैं। स्थिति यह है कि यात्रियों को बैठने टीनशेड तो है लेकिन पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है। जिससे बस ऑपरेटर व दुकानदार भी परेशान हैं। बस स्टैंड पर सबसे ज्यादा परेशानी सफाई व्यवस्था न होने से है। शर्मनाक स्थिति यह है कि बस स्टेंड परिसर में नपा सफाई करने की वजाए वार्डों का कचरा एकत्रित कर यहां डंप कर जाती है। जिससे आसपास के दुकानदार बेहद परेशान हैं। दुकानदारों का कहना है कि पूरा कचरा हवा से उड़कर उनकी दुकानें में आ जाता है। यदि सफाईकर्मियों से ठीक ढंग से सफाई करने के लिए कहा जाता है तो वे कहते हैं कि हम तुम्हारे नौकर नहीं हैं। बस स्टेंड के एक छोर में तांगा स्टैंड भी बना हुआ है लेकिन घोड़ों को पानी पीने की व्यवस्था नहीं है। तांगा संचालक का कहना है कि बहुत पहले एक होदी बनी थी जिसे नपा के सफाई अमले ने हिटैची मशीने से तोड़ दी। तीसरे सबसे बड़ी परेशानी सुलभ शौचालय की है। पुरुष तो जैसे तैसे कहीं भी टॉयलेट चले जाते हैं लेकिन महिलाओं के लिए यह अव्यवस्था कष्टदायक साबित हो रही है।
कांजी हाउस बना बस स्टैंड परिसर
नगर पालिका बस स्टेंड निर्माण पर लाखों रुपए खर्च करने के बाद यहां के इंतजामों पर कोई ध्यान नहीं दे रही है। यही कारण है कि बस स्टंैड परिसर में आवारा जानवरों का जमघट इतना अधिक बढ़ गया है कि देखने पर नजारा कांजी हाउस जैसा नजर आता है। यहां चौकीदार की व्यवस्था न होने से वाटर कूलर की टोटियां भी उद्घाटन के बाद ही चोरी जा चुकी हैं। आवारा जानवर बस स्टेंड परिसर में न आएं इसके लिए भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इन आवारा जानवरों से यात्रियों को हमेशा खतरा बना रहता है। बस स्टैंड की तमाम अव्यवस्थाओं को लेकर यात्रियों के अलावा बस ऑपरेटर, तांगा संचालक व दुकानदारों में प्रशासन के प्रति बेहद नाराजी है। उनका कहना है कि बस स्टैंड जैसे महत्वपूर्ण स्थल को साफ-सुथरा नहीं रखा जा रहा है, जिससे हमारे शहर की छवि भी खराब होती है।
इसलिए पुलिस की तैनाती जरूरी
बस स्टेंड पर जब से सूत्र सेवा के तहत बसें चालू हुई हैं तब से निजी बस ऑपरेटर व सूत्र सेवा बस ऑपरेटरों में सवारियां बिठाने को लेकर विवाद हो रहे हैं। कई बार यह विवाद मुंहवाद व गाली गलौंच से बढ़कर मारपीट तक जा पहुंच रहे हैं। यही नहीं किराए को लेकर यात्री व क्लीनरों में भी झगड़े सामने आ रहे हैं। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए यहां पुलिस स्टाफ की तैनाती बेहद जरूरी है। गौरतलब है कि पड़ौसी जिले शिवपुरी के बस स्टेंड पर पुलिस स्टाफ या डायल-100 हमेशा तैनात रहती है। लेकिन गुना बस स्टैंड पर आपात स्थिति में डायल-100 को भी जयस्तंभ चौराहा से बुलाना पड़ता है, जिसमें कभी-कभी देरी भी हो जाती है।

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