उल्लेखनीय है कि सरकारी स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने और छात्र-छात्राओं की उपस्थिति बढ़ाने स्कूलों में नए साल से स्टूडेंट अटैंडेंस सिस्टम (एसएएस) अनिवार्य कर दिया गया है। लेकिन, स्कूलों में इस पर अमल नहीं हो रहा है। जिले के करीब एक लाख ३१ हजार छात्र-छात्राएं हैं, इनमें से करीब ८० हजार ९०३ छात्रों की ऑनलाइन अटेंडेंस नहीं लग रही है। शिक्षा विभाग ऐसे स्कूलों के हेडमास्टरों और शिक्षकों पर कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। इस व्यवस्था को लागू करने के पीछे विभाग को उद्देश्य शिक्षकों और छात्राओं की उपस्थिति को दुरुस्त करना है। दरअसल, निरीक्षण में ये सामने आया है कि स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति ३० से ४० प्रतिशत मिलती है। कई स्कूलों से शिक्षक भी गायब हैं। इस वजह से विभाग ने बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने बच्चों की ई-अटेंडेंस आरंभ की है। लेकिन शिक्षक अब भी अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कर रहे हैं।
जिले के 100 स्कूलों में हैं टैबलेट जिले में प्राइमरी और मिडिल स्कूलों की संख्या २२६३ है। इनमें से केवल १०० स्कूलों के पास टैबलेट हैं। दो हजार से अधिक स्कूलों में शिक्षकों को अपने मोबाइल में ऐप डाउनलोड करके ही उपस्थिति दर्ज करानी पड़ रही है। विभाग के अधिकारियों को स्कूलों के निरीक्षण की जिम्मेदारी सौंपी है, लेकिन सख्ती नहीं की जा रही है। इस वजह से स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति नहीं बढ़ रही है। हद तो यह है कि शिक्षकों द्वारा अब भी उपस्थिति दर्ज नहीं कराई जा रही है।