इस वजह से उनके द्वारा पत्र भी नहीं भेजे जा रहे। सबसे ज्यादा पत्र नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह द्वारा भेजे गए और निराकृत भी उनके ही पत्र अधिक हुए। दूसरे नंबर पर पत्र भेजने में पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं और उनके भी पत्रों का निराकरण हुआ है। इसके बाद भी पेंडेंसी में उनके पत्रों की संख्या अधिक है। माननीयों के पत्रों की हकीकत जिला योजना समिति की बैठक में सामने आई है।
सांसद ने भेजे दो पत्र गुना से बीजेपी सांसद केपी यादव ने दो पत्र भेजे हैं और दोनों ही पेंडिंग हैं। लंबे समय से उनके दोनों पत्रों का निराकरण नहीं हुआ। इसी तरह उनकी ही पार्टी से गुना विधायक गोपीलाल जाटव के पत्रों पर भी सुनवाई नहीं हो रही है। जाटव ने ६ पत्र भेजे, उनमें से केवल एक पत्र का ही निराकरण हुआ। ५ पत्र अब भी पेंडिंग हैं।
मुख्यमंत्री के बाद जयवर्धन की सुनीं जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय को भेजे गए पत्रों में मुख्यमंत्री कमलनाथ और मंत्री जयवर्धन के पत्रों का निराकरण सबसे ज्यादा हुआ है। सीएम ने २४ पत्र भेजे थे, इनमें से २० का निराकरण कर दिया। जयवर्धन ने सबसे ज्यादा ४१० पत्र भेजे और ३४४ का निराकरण किया। इसके बाद प्रभारी मंत्री, पूर्व सांसद और श्रममंत्री के पत्रों का निराकरण हुआ।
चांचौड़ा विधायक के ही पत्र पेंडिंग उधर, चांचौड़ा से कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह द्वारा भेजे गए पत्रों का समय पर निराकरण नहीं हो पाया। उनके द्वारा ३७ पत्र भेजे गए, लेकिन जिला योजना समिति की बैठक से पहले उनके १० पत्रों का ही निराकरण हो पाया है।