अधिकारी प्राइवेट नर्सिंग होम में जाकर देखें पलंग खाली हैं या नहीं
गुनाPublished: May 08, 2021 12:12:52 am
कलेक्टर बोले, गरीब लोगों को परेशान करने की आ रही शिकायतेंगरीबों को प्राथमिकता में रखें, चाहे इलाज की बात हो या राशन वितरण की
अधिकारी प्राइवेट नर्सिंग होम में जाकर देखें पलंग खाली हैं या नहीं
गुना . गरीबों का इलाज प्राथमिकता से होना चाहिए। आप सभी अपने प्रभार के नर्सिंग होम में देखें कि कितने पलंग ऑक्सीजनयुक्त खाली हैं। इन पर गरीबों को भर्ती कराकर उपचार कराएं। यह देखा जा रहा है कि प्राइवेट नर्सिंग होम पैसे के लालच में गरीब व्यक्तियों को खाली पलंग न होने का बहाना बना कर मना कर देते हैं। यह निर्देश कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने शुक्रवार को बैठक आयोजित कर कोरोना महामारी की रोकथाम के उपाय एवं की जा रही कार्यवाही तथा गरीबों को नि:शुल्?क तीन माह का खाद्यान्न वितरण संबंधी कार्यवाही की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को दिए।
उन्होंने कहा कि शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि आयुष्मान योजना के तहत गरीबों का निशुल्क उपचार होगा। उनका पूरा खर्च मध्यप्रदेश सरकार उठाएगी। इसके लिए शीघ्र ही दिशा-निर्देश तैयार किए जा रहे हैं।
किल कोरोना-3 अभियान में डोर टू डोर सर्वे के संबंध में कलेक्टर ने निर्देश दिए कि प्रतिदिन कितनी टीमों ने किन ग्रामों या शहरी क्षेत्रों का निरीक्षण किया तथा कितने मरीज पाए गए, इस बात की जानकारी प्रतिदिन 12 बजे की बैठक में दें। कलेक्टर ने इस बात पर ताज्जुब व्यक्त किया कि ग्रामीण क्षेत्र में लोगों के बीमार होने की जानकारी मुझे ग्रामीणजन से मिल रही है। प्रशासनिक अमले से नहीं। उन्होंने कहा सभी अधिकारी-कर्मचारी चौकन्ने होकर काम करें।
यदि किसी गांव में कोरोना फैलने की जानकारी मिले तो उसकी तत्काल सूचना दें। जांच के उपरांत यदि एक भी कोरोना मरीज किसी गांव में मिले तो उस गांव में सख्ती से कंटेनमेंट कर लॉकडाउन करें।
कलेक्?टर ने राशन वितरण की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि जो दुकानदार उचित मूल्य की दुकान नही खोल रहे हों उनके खिलाफ कार्यवाही करें। सभी उचित मूल्य की दुकानों से निर्धारित तिथि तक खाद्यान्न वितरण सुनिश्चित कराया जाए।
राशन माफिया पर निगाह बनाए रखें
कलेक्टर ने चांचौडा-बीनागंज एसडीएम सहित सभी एसडीएम को निर्देश दिए कि राशन वितरण में किसी भी प्रकार की धांधली न हो। उन्होंने कहा कि विगत वर्ष भी चांचौडा़-बीनागंज से शिकायत आयीं थी। इन पर पैंनी नजर रखी जाए। लॉकडाउन में खाने-पीने की असुविधा न हो। ग्रामीण क्षेत्र में लॉकडाउन के दौरान खाने-पीने के सामान की असुविधा न हो, इस बात का ध्यान रखा जाए। लॉकडाउन के दौरान ग्रामीणजन को आवश्यक सामग्री मिलती रहे, इस बात की चिंता करें।