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सिंधिया पहुंचे दिग्विजय सिंह के किले पर, कहा रा जनीतिक मुलाकात न समझें

सिंधिया पहुंचे दिग्विजय सिंह के किले पर, कहा राजनीतिक मुलाकात न समझे

गुनाMay 16, 2018 / 05:45 pm

दीपेश तिवारी

गुना। राजनीतिक प्रतिद्वंदिता रखने वाले 2 राजघरानों का मिलन आज राघोगढ़ में देखने को मिला। ग्वालियर राजघराने के महाराज यानी ज्योतिरादित्य सिंधिया आज अपने धुर राजनीतिक विरोधी दिग्विजय सिंह के राघोगढ़ स्थित किले में पहुंचे । जहां उन्होंने कांग्रेसियों से औपचारिक मुलाकात के बाद दिग्गी पुत्र विधायक जयवर्धन सिंह के साथ अनोपचारिक लंच किया ।

बेहद गोपनीय रखे गए इस पोलिटिकल लंच में जयवर्धन सिंह की धर्मपत्नी सृजाम्या सिंह भी मौजूद रहीं। इतिहास गवाह है कि ग्वालियर और राघोगढ़ राजघरानों के बीच हमेशा से ही तलवारें खिंची रही हैं , लेकिन इसे आगामी विधानसभा चुनाव की दस्तक या वक्त की नजाकत ही कहेंगे कि खुद को महाराज कहलाने वाले सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया राजनीति के चाणक्य दिग्विजय सिंह के दर पर जा पहुंचे । शायद सिंधिया को इस बात का भली भांति इल्म हो चुका है कि दिग्विजय सिंह की नजदीकी के बिना मप्र में सरकार बना पाना कांग्रेस के लिए टेढ़ी खीर साबित होगा ।

ज्योतिरादित्य सिंधिया का राघोगढ़ किले पर पहुंचना सियासी हल्कों में भी चर्चा का विषय बना हुआ है …क्योंकि ये पहला मौका है जब सिंधिया राजघराने के किसी सदस्य ने दिग्गी राजा के किले में पदार्पण किया हो । राघोगढ़ पहुंचते ही जयवर्धन सिंह ने सिंधिया के वाहन का दरवाजा खोला …वहीं दो राजकुमारों के इस मिलन में आत्मीयता कम और राजनैतिक मंशाएं ज्यादा देखने को मिली।

वहीं इस मौके पर पत्रकारों से चर्चा के दौरान ज्योतिरादित्य ने जयवर्धन की तारीफों के पुल बांधते हुए कहा कि, जयवर्धन की विचारधारा हमेशा से ही जनसेवा से प्रेरित रही है। वहीं पहली दिग्विजय सिंह के किले में पदार्पण करने के बारे में सांसद से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, समय के साथ ही आपसी तालमेल बैठता है, फिलहाल हम दिल खोलकर एकसाथ काम करने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं पत्रकारों से औपचारिक बातचीत के दौरान मोदी सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए सिंधिया ने देश के नागरिक को खतरे में बताते हुए प्रजातंत्र को कुचलने की कोशिश बताई है।

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