गुनिया नदी में गंदगी होने से आदर्श कालोनी, हनुमान कालोनी, छावड़ा कालोनी, घोसीपुरा, सैय्यपुरा, मुंंशीपुरा, पुरानी गल्ला मंडी, नदी मोहल्ला, जाट मोहल्ला, कर्नलगंज, कारीगर मोहल्ला, ईदगाहवाड़ी, लूशन का बगीचा, कालापाठा, पटेलनगर नगर और विवेक कालोनी बदरंग हैं। यहां के लोग बदबू और गंदगी से जूझ रहे हैं। बारिश थमते ही इस क्षेत्र में संक्रमण और बीमारी का खतरा बढ़ गया है।
गुनिया नदी पर 66 बड़े अतिक्रमण के साथ सैकड़ों छोटे-छोटे अतिक्रमण है। नदी किनारे से अतिक्रमण हटाने के नाम विस्थापितों के लिए नई कालोनी बन गई, लेकिन नदी अतिक्रमण से मुक्त नहीं हो सकी।
नदी को एक ओर जहां पाट दिया है, वहीं कई हिस्सों में निकलने रास्ता नहीं है। घोसीपुरा और छबड़ा कालोनी के बीच लोगों ने निकलने खंभा डाल रखे हैं। यहां से निकलने में कई बार लोग गिर जाते हैं।
– नदी के दोनों ओर रोड बनाकर रिकवर किया जा सकता है।
– जगह-जगह पार्किंग की जगह निकल सकती है।
– अतिक्रमण हटाकर पूरी तरह से साफ किया जाए।
– कब्जा करने वालों पर एफआईआर कर जेल भेजा जाए।
– प्रशासन स ती से काम करे, नागरिक उनके साथ हैं।
– सरकार अपने आधिपत्य में ले और काम करने फंड उपलब्ध कराए।
ये कहना है…
गुनिया की दुर्दशा के लिए पूरा शहर जिम्मेदार है। नदी थी, घाट बने थे, लोग स्नान करते थे। पूजा-पाठ होती थी। साफ पानी बहता था। नगरीय प्रशास ने ध्यान नहीं दिया और अतिक्रमण हो गया। पुर्नजीतिव करने स्मार्ट सिटी में घोषणा हुई थी, लेकिन क्या हुआ, पता नहीं चल रहा।
– पन्नालाल शाक्य, पूर्व विधायक
गुनिया नदी को साफ करने प्रशासन को काम करना चाहिए। इसे रिवर व्यू फ्रिंट कहते हैं। नदी के दोनों साइड रोड बनाकर साफ रखा जा सकता है। अहमदावाद और जयपुर में इस तरह का काम किया है। प्रशासन काम करें, सरकार से फंड मांगे और जनता उनके साथ है। लेकिन अभी जनता आगे है और प्रशासन सलाह दे रहा है।
– इंजी. ओएन शर्मा, वरिष्ठ समाजसेवी
जिन लोगों ने नाले पर कब्जे कर रखे हैं, उन पर कार्रवाई कर जेल भेजा जाए। कैंट में ऐसे स्थान हैं, जहां नाले को पाट दिया है। प्रशासन को तत्काल कार्रवाई करना चाहिए, फिर भले ही कोई भी हो। जन जागरुकता अभियान चलाया जाए, इससे सुंदर और साफ किया जा सकता है।
– मनोज श्रीवास्तव, एडवोकेट
बीते 25 वर्षों से अतिक्रमण होता चला आ रहा है। इसके लिए कोई एक संस्था या एक व्यक्ति जि मेदार नहीं, बल्कि सब हैं। सरकार स्तर पर प्लानिंग हो। इसके लिए व्यापक फंड और इसके बाद काम किया जाए तो गुनिया नदी साफ और सुंदर बन सकती है।
– केएल अग्रवाल, पूर्व राज्यमंत्री
बीते 15 साल से भाजपा शासन में थी। अब हम देखते हैं। अतिक्रमण कहां और कैसे हुआ है। गुनिया नदी में से अतिक्रण को हटाया जाएगा। सुंदरता और स्वच्छता के लिए ये जरूरी है। नदी के दोनों तरफ शहर है, नदी साफ होगी तो शहर भी सुंदर दिखेगा।
अतिक्रमण आज का नहीं है, वर्षों से हो रहा है। अब पता चला है कि वह गुनिया नदी है। नपा क्षेत्र में है तो नपा की जि मेदारी बनती है। नदी के किनारे पर बोर्ड लगाए थे। बड़े अतिग्रमण का तो कुछ नहीं कर सकते हैं, लेकिन आगे से कोई अतिक्रमण न हो, इसके लिए कदम उठाया जा सकता है।
– वंदना मांडरे, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष महिला कांग्रेस