गुना

इच्छाओं पर नियंत्रित करने वाला रहता है सुखी : मुनिश्री पदम सागर

पर्यूषण के छठवें दिन उत्तम तप धर्म पर मनाई सुंगध दशमी

गुनाSep 17, 2021 / 12:31 am

Narendra Kushwah

इच्छाओं पर नियंत्रित करने वाला रहता है सुखी : मुनिश्री पदम सागर

गुना। इच्छाएं हर व्यक्ति की रहती हैं, चाहे गरीब हो या अमीर। किंतु दोनों की इच्छाएं अलग-अलग होती हैं। जिसने अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण कर लिया वह सुखी हो जाता है। मुनिराज अपने गृहस्थ जीवन की सब धन, संपत्ति, वैभव यहां तक कि अपने ऊपर एक धागा बराबर भी परिग्रह का त्याग कर सारी इच्छाओं का दमन कर त्याग, तपस्या, ध्यान, अध्ययन के माध्यम से उत्तम तप धर्म का पालन करते हैं। उक्त धर्मोपदेश मुनिश्री पदम सागरजी महाराज ने चौधरी मोहल्ला स्थित महावीर भवन में पर्यूषण पर्व के सातवें दिन उत्तम तप धर्म पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
मुनिश्री ने कहा कि खदान से दो पत्थर निकलते हैं। दोनों पत्थरों में एक मंदिर के पिलर में लगता है दूसरा पत्थर भगवान की मूर्ति बनता है। कारीगर द्वारा उसे तराशने में बहुत कांट छांट करके मूर्ति बनता है। वह पत्थर कितना परिषह सहता है तब जाकर पूज्य बनता है। साधारण पत्थर पूज्य नहीं बनता। इस अवसर पर मुनिश्री विस्वाक्ष सागरजी महाराज भी मंचासीन थे।

सुगंध दशमी पर बजरंगगढ़ में निकली हाथी फेरी
पर्वाधिराज पर्यूषण पर्व के सुगंध दशमी के अवसर पर बजरंगगढ़ स्थित पुण्योदय शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर पर हाथी फेरी का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। इसके पूर्व नित्य श्रीजी का अभिषेक, शांतिधारा एवं संगीतमय पूजन हुई। तत्पश्चात मंदिर में भगवान शांतिनाथ, अरनाथ, कुंथनाथ भगवान की गुफा की नौ फेरी ऐरावत हाथी के माध्यम से लगाई। वहीं शाम को सभी जैन श्रद्धालुओं ने सुगंध दशम के मौके पर नगर के समस्त जैन मंदिरों की वंदना करके दर्शन किए। बजरंगगढ़ मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष इंजीनियर एसके जैन एवं मंत्री प्रदीप जैन ने बताया कि वर्षों प्राचीन से परंपरा में सुगंध दशमी पर मंदिरजी पर फेरी निकाली जाती। इस मौके पर प्रथम फेरी संतोष विक्की जैन, द्वितीय फेरी राजकुमार गोयल, तृतीय फेरी जिनेन्द्र कुमार संजय जैन, चौथी फेरी राहुल जैन, ईशान जैन त्रिमूर्ति कॉलोनी, पांचवीं फेरी मुन्नालाल संजीव कुमार जैन, छठवीं फेरी नेमीचंद सिंघई, सातवीं फेरी रतनलाल आनंद कुमार जैन द्वारा अपने सपरिवार के साथ निकाली गई। इसके पूर्व भगवान की सामूहिक आरती अनिल कुमार जैन के परिवार द्वारा की गई। वहीं जिनवाणी को विराजमान करने का सौभाग्य इंजीनियर एसके जैन को प्राप्त हुआ।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.