script

Resident upset: तीन साल में सिर्फ 35 प्रतिशत काम, खोदी कॉलोनी व मोहल्ले

locationगुनाPublished: Feb 06, 2020 11:13:33 pm

Submitted by:

Manoj vishwakarma

शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई

Resident upset: तीन साल में सिर्फ 35 प्रतिशत काम, खोदी कॉलोनी व मोहल्ले

Resident upset: तीन साल में सिर्फ 35 प्रतिशत काम, खोदी कॉलोनी व मोहल्ले

गुना. शासन का अतिमहत्वाकांक्षी सीवर प्रोजेक्ट का काम शहर में बीते तीन सालों से कछुआ गति से चल रहा है। इसका खमियाजा शहरवासियों को परेशानी का सामना कर उठाना पड़ रहा है। लेकिन इस ओर न तो जनप्रतिनिधि ध्यान दे रहे हैं और न ही जिम्मेदार अधिकारी। यही कारण है कि तीन साल में मात्र 35 प्रतिशत ही काम हो पाया है।
यही नहीं कई इलाकों में तो कुछ घरों को सीवर लाइन से जोड़ा ही नहीं गया है। वहीं जिन इलाकों में सीवर लाइन काफी समय पहले बिछ चुकी है वहां न तो लेवलीकरण किया गया है और न ही नई सड़क का निर्माण किया गया है। ऐसे में हर दिन जनता परेशानी का सामना करने को विवश है। जिन क्षेत्रों में सीवर लाइन का काम हो गया है, इसके लिए हुए घटिया कार्य घोटाला होने का प्रमाण देते हुए देखे जा सकते हैं।
दरअसल, नदी व झीलों के साथ-साथ पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए सरकार ने सीवर प्रोजेक्ट को लागू किया है। जिसकी गुना में शुरूआत वर्ष 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा भूमि पूजन के पश्चात हुई थी। लेकिन यह काम गति पकडऩे से पहले ही विवादों में घिर गया तथा काफी समय तक बंद पड़ा रहा। जिसके कारण लोगों को बारिश के दौरान जल भराव की समस्या का सामना करना पड़ा। जैसे- तैसे नगरीय प्रशासन के आदेश के बाद फिर से काम शुरू हुआ लेकिन मॉनीटरिंग के अभाव में एक बार फिर यह काम कछुआ गति से चलता हुआ मिला। सीवर प्रोजेक्ट की जमीनी हकीकत जानने के लिए पत्रिका टीम ने नगर के विभिन्न वार्डों में जाकर देखा तो स्थिति बहुत खराब नजर आई। शहर का ऐसा कोई वाड्र्र नहीं है जहां सीवर प्रोजेक्ट के तहत शत प्रतिशत लाइन बिछी है। लोगों ने आरोप लगाते हुए यहां तक कहा कि लाइन बिछाने वाले कनेक्शन कराने के लिए पैसों की मांग कर रहे थे, नहीं दिए तो उन्होंने उनके घर को सीवर लाइन से नहीं जोड़ा। इस तरह के मामले सबसे ज्यादा शहर की विवेक कॉलोनी क्षेत्र में सबसे ज्यादा आए। लोगों ने यह भी बताया कि उन्होंने इस मामले की शिकायत कलेक्टर से भी की है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। पुरानी छावनी में लोगों ने बताया कि सीवर लाइन बिछाने वाले लोग आए तो थे लेकिन जैसे ही उन्होंने खुदाई शुरू की तो उन्हें जमीन में पेयजल पाइप लाइन नजर आई, जिसे देखते ही उन्होंने काम बंद कर दिया और खुदाई वाले हिस्से पर मिट्टी डालकर चले गए। कहने लगे यहां बाद में लाइन बिछाएंगे। वार्ड 16 में रहने वाले लोगों ने बताया कि सीवर लाइन तो बिछ गई लेकिन सड़क का लेवलीकरण नहीं किया। सीवर लाइन बिछाने के बाद सबसे बुरे हालात बूढ़े बालाजी व सकतपुर रोड क्षेत्र के हैं। क्योंकि यहां सड़क तो थी नहीं ऊपर से काली मिट्टी को खोदकर ऐसे ही डाल गए। जिसके कारण गलियों से निकलना मुश्किल हो रहा है।
महज 70 किमी ही बिछ सकी है लाइन
नगर पालिका क्षेत्र में 89.83 करोड की लागत से 229 किमी लंबी सीवर लाइन बिछाई जानी है। सीवर लाइन का काम तो वर्ष 2017 मेें ही शुरू हो गया था, तब से अब तक तीन साल गुजर चुके हैं लेकिन मौजूदा स्थिति में मात्र 70 किमी ही सीवर लाइन बिछाई जा चुकी है। यह दावा विभाग के एक अधिकारी का है। प्रोजेक्ट के काम में हुई देरी की वजह पत्रिका ने नगर पालिका के कई जनप्रतिनिधियों से जानी तो उनका कहना था कि प्रोजेक्ट की शुरूआत में नगर पालिका व निर्माण कंपनी के बीच हुआ विवाद इसकी मु य वजह रहा। उल्लेखनीय है कि बीते साल नगरीय निकाय की समीक्षा बैठक में प्रोजेक्ट को रिवाइज्ड करते हुए प्रोजेक्ट से ग्रामीण क्षेत्र सकतपुर व पिपरौदा को हटा दिया था। जिसके बाद सीवर लाइन की लंबाई 300 से घटकर 229 किलोमीटर हो गई थी। खास बात रही कि प्रोजेक्ट की लंबाई कम होने के बाद भी कांट्रेक्ट की राशि कम नहीं हुई।
इनका कहना है

जिस वार्ड से सीवर प्रोजेक्ट की शुरुआत हुई वहां की स्थिति को देख समझा जा सकता है कि अन्य इलाकों में किस तरह सीवेज लाइन बिछाई जा रही है। विवेक कॉलोनी में न तो कनेक्शन हुए हैं और ना ही लाइन बिछाने के बाद सड़क बनाई जा सकी है।
तानाजी राव, नागरिक

इस समय सीवर प्रोजेक्ट का काम चल रहा है। अब तक 35 प्रतिशत काम हो चुका है। हमें पूरी उम्मीद है कि शासन द्वारा निर्धारित समय सीमा में यह काम पूरा हो जाएगा। जहां तक सड़कों को सुधारने का काम है तो उसे भी साथ-साथ किया जाएगा।
जीके अग्रवाल, जल प्रकोष्ठ प्रभारी

ट्रेंडिंग वीडियो