गुना से आरोन, फतेहगढ़, सिरोंज, बमोरी, अशोकनगर, म्याना, कुंभराज और चांचौड़ा सहित कई स्थानों के लिए बसों का संचालन होता है। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। बीनागंज से राजस्थान की ओर जाने वाली बसों पर बस से ज्यादा छत पर सवारी बैठाते हैं, इसके बाद भी यहां पर सख्ती नहीं होती है। परिवहन विभाग भी सख्त नजर नहीं आता और ट्रैफिक पुलिस की कार्रवाई भी नहीं होती है।
नौसीखिए के हाथों में दूसरों की जिंदगी
मधुसूदनगढ़. कस्बे से गुना की ओर जाने वाली बसों में अधिकतर 32 सीटर हैं। बस संचालन में दबंगों एक छत्र राज है। नौसीखिया नाबालिक बिना लाइसेंसधारी बसों को चला रहे हैं। ड्राइवर बिना ड्रेस कोड के बसों को चलाते हैं। यात्रियों को बस का टिकट भी नहीं दिया जाता है। इतना ही नहीं बसों के आगे परमिट जारी होने का दिनांक, वैधता अवधि की जानकारी भी नहीं रहती है। महिला सीटे आरक्षित नहीं रहती। टिकट मांगने एवं मनमर्जी किराया पर बातचीत करने पर सवारी से अभद्रता की जाती है। पूर्व में यहां एक वर्ष में कई बस दुर्घटना हुई हैं, जिनमें प्राथमिक उपचार बॉक्स भी नहीं मिले।
प्रशासन द्वारा वर्षों से मधुसूदनगढ़-जंजाली मार्ग पर सघन चेकिंग अभियान नहीं चलाया गया, जिसके चलते भी ठूस-ठूस कर सवारी भरना, अभद्रता कर मनमानी किराया वसूलना बदस्तूर जारी है। यह बसों के अलावा दूसरे यात्री वाहनों में भी सामने आता है। फिर भी कार्रवाई नहीं हो रही है। इसी तरह म्याना से अशोकनगर जोडऩे वाले रास्ते पर धड़ल्ले से यात्री बस ओवरलोड चल रही हैं, इन पर भी कोई सख्तीनहीं है।
यात्रियों से किराया की मनमानी वसूली
झागर. गुना-फतेहगढ़ स्टेट हाईवे और बमोरी क्षेत्र की सडक़ों पर ओवरलोड यात्री बसें जमकर दौड़ रही हैं। ओवरलोड वाहन जबर्दस्त कानून का उलंघन कर रहे हैं। लेकिन प्रशासन द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस कारण से यात्रियों, खासकर महिलाओं को परेशानी होती हैं। महिलाओं को बस में खड़े होकर सफर करना पड़ता है। बसों में सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं। गुना से झागर का किराया 30 रुपए लिया जाता है, जबकि दूरी 23 किमी है। गुना से फतेहगढ़ 50 रुपए किराया और दूरी 50 किमी है। इस तरह की मनमानी की जा रही है। इस वजह से यात्रियों को काफी दिक्कत हो रही है।
ये हैं परिवहन विभाग के नियम, लेकिन पालन रत्तीभर भी नहीं
बसों में महिलाओं के लिए सीट आरक्षित रहेगी, महिला नहीं होने पर ही उस सीटर पर पुरुष बैठ सकेगा। लेकिन बसों में महिलाएं खड़ी होकर सफर करती हैं, नियम ताक पर हैं।
विकलांगों को किराए में ५० प्रतिशत छूट देना होगी। मगर, बस आपरेटर इस तरह की छूट नहीं देते हैं, यहां तक की विकलांगों को बैठने सीट भी नहीं दी जाती है।
३२ सीटर से बड़ी बसों में दो दरबाजे होना अनिवार्य है। इमरजेंसी में यात्री आसानी से उतर सकें।
बस की फिटनेस हो, बीमा हो और लाइसेंस होना चाहिए। कई बार हादसों की शिकार बसों की फिटनेस और बीमा नहीं होता, इस वजह से घायलों, मृतकों को लाभ नहीं मिल पाता है।
ड्राइवर के पास खाकी कलर की ड्रेस होना चाहिए, नेम प्लेट होना चाहिए। ताकि महिलाओं और छात्राओं की सुरक्षा हो सके।
प्राथमिक उपचार की सामग्री बस में होना चाहिए। जरूरत पडऩे पर घायलों का प्राथमक उपचार हो सके।
बस में किराया सूची प्रदर्शित होना चाहिए। ताकि यात्रियों से मनमाना किराया न वसूला सके।
महिला सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस के नंबर लिखे होना चाहिए।
गुना से आरोन, राघौगढ़, बमोरी, अशोकनगर, म्याना, फतेहगढ़, कुंभराज आदि स्थानों पर ओवरलोड बसें चल रही हैं।
ओवरलोड बसों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। गुना से १५० बसों का संचालन होता है। एबी रोड से गुजरने वाली बसों की जानकारी हमारे पास नहीं रहती। ओवरलोड वाहनों की चेकिंग और कार्रवाई कर रहे हैं और विभाग के नियमों को पालन कराएंगे।
-दीपक मांझी, आरटीओ गुना